लखनऊ 9 जुलाई, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज प्रदेश के स्वतंत्र प्रभार समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण से भागीदारी भवनमें मुलाकात कर विभागीय कर्मचारियों की समस्याओं पर वार्ता किया। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष के साथ समाज कल्याण विभाग की प्रतिनिधि के रूप में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की महामंत्री अरुणा शुक्ला भी थी। जे एन तिवारी ने मंत्री जी को अवगत कराया कि जनजाति विकास विभाग मे चार शिक्षकों को अभी तक संविदा राशि में संशोधन का लाभ नहीं नहीं दिया गया है। विभागका कहना है कि इन शिक्षकों के पास B.Ed योग्यता नहीं है ।सीबीएसई बोर्ड में अध्यापन कार्य कर रहे शिक्षकों को संविदा राशि में संशोधन का लाभ समाज कल्याण विभाग के शिक्षकों की भांति ही दिया जाना है।
जे एन तिवारी ने मंत्री जी को कराया कि जनजाति विकास विभाग शासन को गुमराह कर रहा है। जब इन शिक्षकों की तैनाती की गईथी उस समय समस्त योग्यताएं पूरी थी। जिनस्कूलों में यह शिक्षक पढ़ा रहे हैं, उन स्कूलों को 2024 से सीबीएसई बोर्डकी मान्यता दी गई है, जबकि शिक्षक विगत 10 वर्षों से लगातार अध्यापन का कार्य कर रहे हैं। मंत्री जी ने कहा है कि समाज कल्याण विभाग में संविदा राशि में संशोधन सभी शिक्षकों को दिया गया है इस प्रकार जनजाति विकासविभाग मे भी शिक्षकों को संविदा राशि में संशोधन का लाभ दिया जाएगा। समाज कल्याण विभाग में 2020 में चार शिक्षकों को संविदा से अलग कर दियाथा। एक शिक्षक को 2023 में संविदा पर वापस ले लिया गया है जबकि तीन शिक्षक वापस लिए जाने की प्रत्याशा में है। इन शिक्षकों की पत्रावली मंगाकर तत्काल कार्यवाहीकरने के निर्देश दिए हैं। संविदा शिक्षकों को चिकित्सीय अवकाश दिए जाने एवं महिला शिक्षकोंको चाइल्ड केयर लीव दिया जाने पर भी मंत्री जी न सहमति जताई है। मंत्री जी ने कहा है कि शिक्षकों को केवल 50% परीक्षा परिणाम के आधार पर नवीनीकरण नहीं रोका जाएगा। उनसे कक्षा में पढ़ाते हुए वीडियो बनाकर उसका मूल्यांकन किया जाएगा। किसी शिक्षक का नवीनीकरणरोकने का कोई औचित्य नहीं है। मंत्री जी के साथ वार्ता सद्भावपूर्ण वातावरण में हुई।
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