दीपावली आत्मा के प्रकाश का त्योहार है!
4 नवम्बर - दीपावली पर्व पर विशेष लेख दीपावली आत्मा के प्रकाश का त्योहार है! - डा0 जगदीश गांधी, प्रसिद्ध शिक्षाविद् एवं संस्थापक-प्रबन्धक, सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ (1) दीपावली का पर्व हमें अपने अन्दर आत्मा का प्रकाश धारण करने की प्रेरणा देता है:- त्रेता युग में अयोध्या के राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र “मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम” जब पिता की वचन-पूर्ति के लिए चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके तथा अहंकारी रावण का वध करके अपनी पत्नी सीता जी एवं अनुज लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे तो नगरवासियों ने उनके स्वागत के लिए, अपनी खुशी प्रदर्शित करने के लिए तथा अमावस्या की रात्रि को भी उजाले से भरने के लिए दीपक जलाये थे। यही से दीपावली को आलोक पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह प्रकाश पर्व मर्यादापुरूषोत्तम श्रीराम की शिक्षाओं को जानने तथा उन शिक्षाओं पर चलकर आत्मा का जीवन जीने की प्रेरणा देता है। दीपावली मात्र एक पर्व अथवा त्योहार नहीं है, अपितु यह हमें अपने अंदर आत्मा का प्रकाश धारण करने की प्रेरणा देता है। (2) परिवार की एकता ही विश्व एकता की आधारशिला है:- वनवास के मध्य ही लंका का राजा रावण श्री राम