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द एमएसजी फाउंडेशन (मदद सहयोग गाइडेंस) ने नए वर्ष पर गरीब बच्चों में बांटी खुशियां

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द एमएसजी फाउंडेशन (मदद सहयोग गाइडेंस) ने नए वर्ष पर गरीब बच्चों में बांटी खुशियां प्रज्ञा मिश्रा समेत कई हस्तियों ने गरीब बच्चों साथ मनाया नव वर्ष लखनऊ। द एमएसजी फाउंडेशन द्वारा राजाजी  पुरम में स्थित जयपुरिया स्कूल के पास नव वर्ष पर कार्यक्रम का आयोजन किया। आज के इस नव वर्ष के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रज्ञा मिश्रा जी और बतौर अतिथि भरत यादव जी (जर्नलिस्ट),शबनम रिज़वी जी (प्रिंसिपल कल्बे आबिद मेमोरियल स्कूल), वकार हुसैन (जर्नलिस्ट), मोहम्मद सरोश, एच. एस. द्विवेदी और रमज़ान उपस्थित रहे। आज के इस नव वर्ष के कार्यक्रम का संचालन आलम रिज़वी ने किया।   प्रज्ञा मिश्रा जी ने नव वर्ष के इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सबसे पहले सभी लोगों को नव वर्ष की बधाई दिया और कहा कि हमें खुशी है इस बात की कि हम आज साल के इस पहले दिन को समाज के गरीब बच्चों के साथ मना रहे हैं। उन्होंने फाउंडेशन का भी शुक्रिया अदा किया कि नववर्ष के इस कार्यक्रम को फाउंडेशन ने इस तरह से गरीब बच्चों के साथ मनाया उसके लिए उन्होंने फाउंडेशन का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर फाउंडेशन के संस्थापक मोहम्मद सादिक ने बच्चों को नव वर्ष

अहंकार रूपी रावण को अपने अंदर मारने के लिए राम रूपी ईश्वरीय गुण अपने अन्दर विकसित करना चाहिए!

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अहंकार रूपी रावण को अपने अंदर मारने के लिए राम रूपी ईश्वरीय गुण अपने अन्दर विकसित करना चाहिए!  5 अक्टूबर - दशहरा पर्व पर विशेष लेख- डा0 जगदीश गांधी (1) दशहरा पर्व हर्ष और उल्लास का त्योहार है:- दशहरा हमारे देश का एक प्रमुख त्योहार है। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिये इस दशमी को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं तथा रामलीला का आयोजन होता है। रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। यह हर्ष और उल्लास तथा विजय का पर्व है। व्यक्ति और समाज में सत्य, उत्साह, उल्लास एवं वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों-काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है। दशहरे का सांस्कृतिक पहलू भी है। भारत कृषि प्रधान देश है। जब किसान अपने खेत में सुनहरी फसल उगाकर अनाज रूपी संपत्ति घर लाता है तो इस प्रसन्नता के अवसर को वह भगवान की कृपा मानता है और उसे प्रकट करने के लिए वह उनका पूजन करता है।  (2) राम के मन के अंदर द्वन्द्व क्यों उत्पन्न हुआ? मानव

अपनी आत्मा का विकास करना ही हमारे जीवन का परम उद्देश्य!

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Article अपनी आत्मा का विकास करना ही हमारे जीवन का परम उद्देश्य! डॉ. जगदीश गाँधी, संस्थापक-प्रबन्धक सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ (1) एक झोली में फूल भरे हैं एक झोली में कॉटे! कोई कारण होगा?:- विश्व में वही परिवार, समाज तथा राष्ट्र उन्नति करता है, जिनके नागरिक कड़ी मेहनत तथा ईमानदारी से निरन्तर अपनी नौकरी या व्यवसाय करते हुए अपनी आत्मा का विकास करते हैं। इसके विपरीत जिन देशों के नागरिक ऐसा नहीं करते वो कही न कहीं अपने जीवन के परम उद्देश्य को ना तो समझ पाते हैं और न ही अपने परिवार, समाज और राष्ट्र की उन्नति में अपना योगदान दे पाते हैं। एक गीत की पंक्तियाँ हैं - एक झोली में फूल भरे हैं एक झोली में कॉटे! कोई कारण होगा? अर्थात् एक झोली में सफलता तथा एक झोली में असफलता भरी है, इसके पीछे के कारण को हमें जानते हुए अपनी झोली को फूल से भरने के लिए गंभीर प्रयास करना होगा।  (2) ऐसी नौकरी तथा व्यवसाय करना चाहिए जो आध्यात्मिक संतुष्टि दे:- हमारा मानना है कि नौकरी या व्यवसाय ही आत्मा के विकास का एकमात्र उपाय है। कुछ लोग अपने कार्य-व्यवसाय से इसलिए छुट्टी नहीं लेते हैं क्यांेकि वह अपने कार्य-व्यवसाय क

माँ शब्द ही सम्मान का प्रतिबिम्ब होता है

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माँ शब्द ही सम्मान का प्रतिबिम्ब होता है 9 मई 'मातृ दिवस'  के अवसर पर विशेष लेख (सृष्टि के हर जीव और जन्तु की मूल पहचान माँ होती है) - डा0 जगदीष गांधी,शिक्षाविद् एवं संस्थापक-प्रबन्धक सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ   'माँ' यह वो अलौकिक शब्द है, जिसके स्मरण मात्र से ही रोम−रोम पुलकित हो उठता है, हृदय में भावनाओं का अनहद ज्वार स्वतः उमड़ पड़ता है और मनो मस्तिष्क स्मृतियों के अथाह समुद्र में डूब जाता है। 'माँ' वो अमोघ मंत्र है, जिसके उच्चारण मात्र से ही हर पीड़ा का नाश हो जाता है। 'माँ' की ममता और उसके आँचल की महिमा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है, उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है।  स्वयं ब्रह्मा, विष्णु और महेश तक सृष्टि की रचना करने में असमर्थ बैठे थे। जब ब्रह्मा जी ने नारी की रचना की, तभी से सृष्टि की शुरूआत हुई। कुल मिलाकर, संसार का हर धर्म जननी 'माँ' की अपार महिमा का यशोगान करता है। हर धर्म और संस्कृति में 'माँ' के अलौकिक गुणों और रूपों का उल्लेखनीय वर्णन मिलता है।वेदों में 'माँ' को 'अंबा', 'अम्बिका', &#

अज़ान और समाज में फैली ग़लत फ़हमियां

अज़ान और समाज में फैली ग़लत फ़हमियां  अज़ान और नमाज़ के सम्बन्ध में अनभिज्ञता के कारण हमारे समाज में बड़ी ग़लतफ़हमियां पाई जाती हैं। यह बात उस समय और अधिक दुखद होजाती है, जब बिना सही जानकारी के इस्लाम की इस पवित्र एंव कल्याणकारी उपासना के सम्बन्ध में निंसकोच अनुचित टीका-टिप्पणी तक कर दी जाती है। कुछ लोगों को इससे नींद में खलल पड़ती है। हालांकि अज़ान 2से 5 मिनट में खत्म भी हो जाती है। बहुत से लोग अज्ञानतावश यह समझते हैं कि अज़ान में अकबर बादशाह को पुकारा जाता है। आज बहुत सी समस्याओं का मूल कारण एक-दूसरे के  बारे में सही जानकारी का न होना है। अधिक संसाधन  उपलब्ध होते हुए भी हम सभ्य और शिक्षित कहे जाने वाले लोग परस्पर एक-दूसरे के सम्बन्ध में अनजान ही बने हुए हैं। कई बार गांवों में जाने का इत्तिफ़ाक़ होता है भौर होते ही मंदिरों से भजनों की आवाज़ आती है। कुछ भजन तो इतने अच्छे ईश्वर की वंदना पर आधारित होते हैं। जो कानों में रस घोल देते हैं। कुछ मुस्लिमों को उस में इस लिए दिलचस्पी नहीं होती कि यह हिन्दुओं के लिए हैं । और हिन्दुओं के मंदिर से गाये जा रहे हैं। हम भाषाओं में ऐसे बंट गये और बांट

बालिका शिक्षा जागरूकता अभियान के अंतर्गत तीन दिवसीय आत्मरक्षा कार्यशाला का आयोजन

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बालिका शिक्षा जागरूकता अभियान के अंतर्गत तीन दिवसीय आत्मरक्षा कार्यशाला का आयोजन  लखनऊ के बसंत कुंज योजना में बी ए जाग्रिक कार्यक्रम को बदलाव , यूएनएफपीए इंडिया,आर ई सी लिमिटेड, सी वाई सी और यस फाउंडेशन के सहयोग से चला रही है।  जबरदस्त जाग्रीक परवेज अहमद व अमित रावत समुदाय में बालिका शिक्षा को बढ़ाने के लिए कई  अभियान चला रहे है। इसी क्रम में कल से तीन दिवसीय आत्मरक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया है। परवेज व अमित  ने बताया कि समुदाय में बालिकाओं और उनके अभिभावकों से चर्चा करने पर मालूम हुआ कि बालिकाएं अकेले स्कूल, बाजार व अन्य स्थानों में जाने से कतराती हैं उन्हें डर रहता है की कहीं उनके साथ कोई अप्रिय घटना ना घट जाए। यही कुछ कारण है जिनकी वजह से उन्हें स्कूल बीच में ही छोड़ना पड़ता है। इस कार्यशाला में ड्रैगन अकादमी ऑफ मार्शल आर्ट्स के ज्ञान प्रकाश बालिकाओं को आत्मरक्षा हेतु कई तकनीक सिखाएंगे। Report: Arif Mukim

राष्ट्र गौरव महाराणा प्रताप की 424 वीं पुण्यतिथि

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राष्ट्र गौरव महाराणा प्रताप की 424 वीं पुण्यतिथि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा उ प्र के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप सिंह बब्बू ने आज राष्ट्र गौरव महाराणा प्रताप की 424 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर नौजवान साथियों के साथ लखनऊ की हुसैनगंज चौराहे पर स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर फूल माला चढ़ाया और उनके चरणों में पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप सिंह बब्बू ने कहा कि महाराणा का संपूर्ण जीवन त्याग और समर्पण की मिसाल है। समाज के सभी लोगों को साथ लेकर महाराणा ने आजीवन मुगलों से लोहा ले कर अपने मातृभूमि की रक्षा की। इस अवसर पर क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्राणवीर सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह,महामंत्री अरविंद मोहन सिंह,उपाध्यक्ष धनंजय सिंह राणा, प्रदेश मंत्री अभिराज सिंह सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

जरूरमंदों की मदद हेतु समाज को सदैव आगे आना चाहिये

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जरूरमंदों की मदद हेतु समाज को सदैव आगे आना चाहिये  लखनऊ, मेडिकल कालेज ट्रामा सेंटर में विजयश्री फाउंडेशन द्वारा संचालित रैन बसेरे में ठहरे दूर दराज से अपने परिजनों का इलाज कराने आये निःशक्त तीमारदारों को ठंड से बचाने हेतु श्रीमती सुमन अग्रवाल एवं उनके पुत्र पुलकित अग्रवाल ने 100 पलंकध्गद्दों का सहयोग दिया।  श्रीमती सुमन अग्रवाल एवं उनके पुलकित अग्रवाल ने यह सहयोग विजयश्री फाउंडेशन के प्रबन्धक फूडमैन विशाल सिंह को इन तीमारदारों की सेवा हेतु किया। इस अवसर पर पुलकित अग्रवाल ने कहा कि यह हमारे परिवार के लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है कि उन्हें इस दौर में जरूरतमंदों की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ और समाज के सभी लोगों को जरूरमंदों की सेवा हेतु बढ़ चढ़कर आगे आना चाहिये।  विजयश्री फाउंडेशन द्वारा 5 स्थाई रैन बसेरे लखनऊ मेडिकल कालेज एवं ट्रामा सेंटर में बनाये गये हैं जहां इस कड़ाके की ठंड में हजारों की संख्या में जरूरतमंद रूकते हैं। फूडमैन विशाल सिंह द्वारा इन तीमारदारों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बंकर बेड, गद्दा, कम्बल, स्वच्छ पीने योग्य पानी एवं जरूरत के लिए गरम पानी की मशीन लगवाकर संच

ज़रुरतमंद लोगों को कम्बल बाँटे...

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ज़रुरतमंद लोगों को कम्बल बाँटे दिनांक 16.01.2021, लखनऊ, आज शनिवार दिन में 11 बजे माल एवेन्यू स्थित दरगाह व ख़ानक़ाह शाहे रज़ा में शाह नबी रज़ा ट्रस्ट की जानिब से दरगाह शरीफ़ के सज्जादानशीन हज़रत ख्वाजा मुहम्मद सबाहत हसन शाह मद्देज़िल्लहुल आली ने ज़रुरतमंद लोगों को कम्बल बाँटे। इस प्रोग्राम में काफी तादाद में लोग आए और हुज़ूर साहिबे सज्जादा के हाथों से कम्बल हासिल करके काफी ख़ुशी का इज़हार किया। शाह नबी रज़ा ट्रस्ट की तरफ़ से पिछले कई सालों से फ़्री मेडिकल कैम्प का भी आयोजन किया जाता है जिसमें तजुर्वेकार डाक्टरों द्वारा मरीज़ों का चेक अप करके उनको फ़्री दवाईयाँ भी दी जाती हैं। इसके अलावा यह संस्था पिछले 10 सालों से ग़रीब बच्चों की तालीम पर भी काफी काम कर रही है जिसके तहत हर महीने दरगाह शरीफ़ पर दस साल तक के बच्चों को दीनी व दुनियावी तालीम से आरास्ता कराया जाता है और एक क्विज़ का एहतेमाम होता है जिसमें काफी तादाद में बच्चे शिरकत करते हैं और उन में से जो बच्चे अच्छा करते हैं उनहें शानदार इनामों से नवाज़ा जाता है इस प्रोग्राम में आस पास के बच्चे काफ़ी ज़ौक शौक़ से शिरकत करते हैं। शाह नबी र

सभी देशों को अपनी भावी पीढ़ियों के लिए इस प्यारी पृथ्वी को बचाने की मुहिम में आगे आना चाहिए!

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  सभी देशों को अपनी भावी पीढ़ियों के लिए इस प्यारी पृथ्वी को बचाने की मुहिम में आगे आना चाहिए ! - डॉ . जगदीश गाँधी , प्रख्यात शिक्षाविद् एवं  संस्थापक - प्रबन्धक , सिटी मोन्टेसरी स्कूल , लखनऊ (1) हमें अपने बच्चों और नाती - पोतों का भविष्य सुनिश्चित करने की जरूरत हैः -                 पेरिस समझौते की पांचवी वर्षगांठ के अवसर पर 2020 जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने कहा कि ‘‘ जब तक हम ‘ कार्बन न्यूट्रैलिटी ’ की स्थिति प्राप्त नहीं कर लेते , तब तक जलवायु आपातकाल की स्थिति घोषित की जाये। ’’ गुटेरेस ने इस बात पर जोर दिया कि सभी देशों को अपनी भावी पीढ़ियों के लिए पृथ्वी को बचाने की मुहिम में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘‘ मैं हर किसी से आग्रह करता हूँ कि वह प्रतिबद्धता दिखाएं और हमारे पृथ्वी के दोहन पर लगाम लगाएं। हमें अपने बच्चों और नाती - पोतों का भविष्य सुनिश्चित करने की जरूरत है। ’’ उन्होंने उम्म