Skip to main content

आयुर्वेद के माध्यम से मधुमेह का निदान और प्रबंधन संभव

आयुर्वेद के माध्यम से मधुमेह का निदान और प्रबंधन संभव

लखनऊ, 18th मई 2023: मधुमेह एक लाइफस्टायल बीमारी है और लंबे समय तक अनियंत्रित रहने पर कई अन्य घातक बीमारियों को जन्म देता है। लेकिन आयुर्वेद के माध्यम से मधुमेह का उपचार, प्रबंधन और नियंत्रण पूर्णतया संभव है। लखनऊ के 'द मेपल लीफ' होटल में वैद्य सम्भाषा और सम्मान कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे 'निरोगस्ट्रीट वैद्य संपर्क अभियान' में आयुर्वेद चिकित्सकों के बीच मधुमेह पर परिचर्चा हुई जिसमें इससे संबंधित विविध पहलू उभर कर सामने आए। 

उल्लेखनीय है कि देश के आयुर्वेद चिकित्सकों के सबसे बड़े मंच 'निरोगस्ट्रीट' द्वारा वैद्य संपर्क अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में अबतक गाजियाबाद, नोयडा, हाथरस, आगरा, दिल्ली, कानपुर और लखनऊ में कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। लखनऊ में इस कड़ी का यह आठवां कार्यक्रम था। इस अभियान को भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का भी समर्थन प्राप्त है जिसका उद्घाटन आयुष मंत्रालय के सचिव पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा ने किया था।

निरोगस्ट्रीट के संस्थापक और सीईओ राम एन कुमार ने वैद्य संपर्क अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि निरोगस्ट्रीट की तेज़ी से बढ़ती लोकप्रियता इस बात की पुष्टि करती है कि आयुर्वेद इंडस्ट्री में उत्पन्न सभी खामियों और चुनौतियों को जल्द -से- जल्द दूर करना वर्तमान समय की प्राथमिकता बन गई है। भारत एवं दुनिया भर की वैद्य कम्युनिटी को सशक्त, एकजुट एवं सम्मानित कर हम आयुर्वेद को विश्वस्तरीय चिकित्सा प्रणाली की मुख्यधारा में  लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं । इस दिशा में निरोगस्ट्रीट वैद्य संपर्क अभियान मील का पत्थर साबित होगा। 

लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में आर जी एस कॉलेज के प्राचार्य डॉ ध्रुव मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि आयुर्वेद में डायबिटीज के अलग तरह से वर्णित किया गया है जिसे प्रमेह के नाम से जाना जाता है और इसके कुल 20 अलग-अलग तरह के प्रकार होते हैं।

कार्यक्रम के वक्ता डॉ अभिषेक गुप्ता ने परिचर्चा में अपनी बात रखते हुए बताया कि आयुर्वेद में 20 तरह की प्रमेह का किस तरह से उपचार किया जा सकता है!  उसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि 20 में से 10 तरह की प्रमेह/डायबिटीज को आसानी से रिवर्स किया जा सकता है इसे आयुर्वेद में कफज प्रमेह कहते हैं। यदि रोगी सही समय और उचित डॉक्टर परामर्श के साथ अपना आयुर्वेद में उपचार लेना आरंभ कर दे तो वह इससे सही हो सकता है।डॉ सुरेश कुमार, डॉ पार्थ, डॉ अरविंद सक्सेना, डॉ सुनील वर्मा, डॉ शंभू पटेल आदि ने भी इस विषय पर अपने विचार रखे।

शहर के राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ महेश गुप्ता जी ने कहा कि कैसे पहले के समय में लोग खाना न मिलने की वजह से कुपोषण का शिकार होते थे जबकि अब लोग ज्यादा खाना खाने के कारण लाइफस्टाइल संबंधित रोग जैसे डायबिटीज, मोटापा आदि से पीड़ित होते जा रहे हैं।डी.एन.एस. आयुर्वेद के संस्थापक डॉ. नदीम ने इस रोग में खान -पान और दिनचर्या में सुधार करने के महत्त्व के विषय में बताया।

डॉ. शादाब सिद्दीकी ने स्वर्ण से संबंधित आयुर्वेद की दवाइयों का इस रोग में लाभ के संबंध में जानकारी दी। इसके अतरिक्त इस रोग से जुड़े पौराणिक इतिहास पर भी चर्चा हुई जिसमें गणेश जी से संबंधित स्तुति का भी जिक्र हुआ, कि कैसे इस रोग का संबंध गणेश जी से भी मिलता है, "गजाननं भूतगणादि सेवितं कपित्थ जंबू फल चारु भक्षणम उमा शतम् शोक विनाश कारकम नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम" इस चौपाई में बताए गए कपित्थ जंबू फल चारु का हिंदी में अर्थ है कि कैथा फल, जामुन फल और चारु(दूब) घास का इस रोग में कितना महत्त्व है।

मधुमेह के आयुर्वेदिक समाधान पर हुई परिचर्चा में 150 से ज्यादा आयुर्वेद चिकित्सकों ने भाग लिया जहां सभी डॉक्टर्स ने इस विषय पर चिंता जताई कि भारत में डायबिटीज रोग तेज़ी से बढ़ता जा रहा है जिसके कारण हमारा देश डायबिटीज कैपिटल बनने की ओर अग्रसर है। शहर के सभी डॉक्टर्स ने संकल्प लिया कि इस विषय पर हम सभी मिलकर जन जागरण अभियान चलाने के साथ-साथ आयुर्वेद के माध्यम से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेंगे।इस मौके पर प्रशस्ति पत्र देकर वैद्यों को सम्मानित भी किया गया।

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।