Skip to main content

‘मातृ शक्ति’ की आदर्श समाज निर्माण में अहम भूमिका- डा. जगदीश गाँधी

‘मातृ शक्ति’ की आदर्श समाज निर्माण में अहम भूमिका- डा. जगदीश गाँधी

लखनऊ, 20 मार्च। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, महानगर कैम्पस द्वारा ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का आयोजन सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में किया गया। कान्फ्रेन्स का उद्घाटन सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी व सी.एम.एस. की संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए डा. गाँधी ने कहा कि यदि समाज में सार्थक और स्थायी परिवर्तन लाना है तो शिक्षा को सामाजिक विकास से जोड़ना ही होगा। इस महत्वपूर्ण कार्य में मातृ शक्ति अपनी अहम भूमिका निभा सकती है। मातायें ही बच्चों केे अन्दर छिपी प्रतिभा व क्षमताओं को विकसित कर सकती हैं।

इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने ईश्वर भक्ति से परिपूर्ण अपने गीत-संगीत की ऐसी अनुपम छटा बिखेरी कि बच्चों के माता-पिता व दादा-दादी, नाना-नानी अभिभूत हो गये। समारोह का शुभारम्भ सर्व-धर्म एवं विश्व एकता प्रार्थना से हुआ। इस अवसर पर छात्रों ने विश्व संसद के माध्यम से विश्व की ज्वलन्त समस्याओं एवं उनके शान्तिपूर्ण समाधान पर अपने विचार व्यक्त किये। तदुपरान्त विद्यालय के कक्षा-3 से 5 तक के मेधावी छात्रों को प्रशस्ति पत्र व मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया सी.एम.एस. महानगर कैम्पस की प्रधानाचार्या डा. कल्पना त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने अभिभावकों के सहयोग के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन लखनऊ, जुलाई 2023, अयोध्या के श्री धर्महरि चित्रगुप्त मंदिर में भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन  किया गया। बलदाऊजी द्वारा संकलित तथा सावी पब्लिकेशन लखनऊ द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन संत शिरोमणी श्री रमेश भाई शुक्ल द्वारा किया गया जिसमे आदरणीय वेद के शोधक श्री जगदानंद झा  जी भी उपस्थित रहै उन्होने चित्रगुप्त भगवान् पर व्यापक चर्चा की।  इस  अवसर पर कई संस्था प्रमुखो ने श्री बलदाऊ जी श्रीवास्तव को शाल पहना कर सम्मानित किया जिसमे जेo बीo चित्रगुप्त मंदिर ट्रस्ट,  के अध्यक्ष श्री दीपक कुमार श्रीवास्तव, महामंत्री अमित श्रीवास्तव कोषाध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव ,कयस्थ संध अन्तर्राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश खरे, अ.भा.का.म के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश कुमार जी एवं चित्रांश महासभा के कार्वाहक अध्यक्ष श्री संजीव वर्मा जी के अतिरिक्त अयोध्या नगर के कई सभासद भी सम्मान मे उपस्थित रहे।  कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव जी ने की एवं समापन महिला अध्यक्ष श्री मती प्रमिला श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम