Skip to main content

मेडिकल टेक्नोलॉजी में अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल की उल्लेखनीय उपलब्धि

मेडिकल टेक्नोलॉजी में अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल की उल्लेखनीय उपलब्धि

  • अस्पताल ने क्षेत्र में पहली बार जबड़े की हड्डी के पुनर्निर्माण के लिए एआई आधारित 3डी प्रिंटिंग की शुरुआत की

लखनऊ, 9 फरवरी 2024, उल्लेखनीय चिकित्सा उपलब्धि हासिल करते हुए लखनऊ के अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक और 3डी प्रिंटिंग का उपयोग करके अमेलोब्लास्टोमा मैंडिबल नामक जबड़े के ट्यूमर का सफल इलाज किया है। इस इलाज में डॉक्टरों ने न केवल जबड़े के  ट्यूमर का सफल इलाज किया बल्कि जबड़े का पुनर्निर्माण भी कर दिया। 50 वर्षीय मरीज इस सफल सर्जरी के बाद सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है। इस सर्जरी प्रक्रिया का लखनऊ और आसपास के क्षेत्र में पहली बार उपयोग किया गया।

मरीज जबड़े में दर्द और खाने में होने वाली असुविधा की शिकायत के साथ अपोलोमेडिक्स अस्पताल की ओपीडी पहुंचा था। गहन जांच और स्कैन के बाद, इलाज के लिए सर्जिकल ऑन्कोलॉजी में सलाहकार डॉ. सतीश के आनंदन के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने जबड़े और जोड़ के पूरे बाएं हिस्से को हटाने की आवश्यकता बताई। इतना बड़ा और जरूरी हिस्सा चेहरे से हटाने की बात पर मरीज को इस बात की चिंता थी कि क्या वो ठीक से खा-पी पाएगा और उसका चेहरा कैसा दिखेगा?

अस्पताल में डॉक्टर्स के पैनल ने विचार विमर्श के बाद डॉ. सतीश के आनंदन द्वारा ट्यूमर को हटाने और फिर जबड़े के पुनर्निर्माण का जटिल प्रक्रिया को अपनाने का निर्णय लिया। प्लास्टिक, कॉस्मेटिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी कंसल्टेंट डॉ. निखिल पुरी और  एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. आशीष विलास उके ने इस रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जबड़े को वापस सामान्य स्थिति में लाया गया।

प्लास्टिक सर्जरी टीम ने मरीज और उसके परिवार से जबड़े की हड्डी के पुनर्निर्माण के बारे में बातचीत की। उन्होंने बताया कि कैसे एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित 3डी प्रिंटेड इम्प्लांट का इस्तेमाल करके हड्डी को फिर से बनाया जा सकता है। यह इम्प्लांट पूरी तरह से मरीज के हिसाब से बनाया गया था, ताकि यह हटाए गए हिस्से की एकदम सटीक प्रतिकृति हो सके। सर्जिकल ऑन्कोलॉजी टीम ने यह तय किया कि हड्डी को कहां से काटा जाएगा। इसके बाद, प्लास्टिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी टीम ने कंप्यूटर की मदद से एक नया जबड़ा बनाया। यह नया जबड़ा हटाए गए जबड़े के आकार और 

आकार से बिल्कुल मेल खाता था। पूरी सर्जरी की योजना कंप्यूटर की मदद से बनाई गई थी। ऑपरेशन के दौरान, डॉक्टरों ने इस योजना का बिल्कुल सटीक ढंग से पालन किया। पूरी प्रक्रिया में लगभग एक महीने का समय लगा। सर्जरी सफल रही और अब मरीज दर्द से मुक्त है। वह अब सामान्य रूप से खा और बोल सकता है। उसके चेहरे का आकार भी सामान्य हो गया है।

सर्जिकल ऑन्कोलॉजी में कंसल्टेंट डॉ. सतीश के आनंदन ने जबड़े के ट्यूमर की जटिल सर्जरी पर अनुभव साझा करते हुए बताया, "अमेलोब्लास्टोमा मेम्बिबल ने एक अनोखी चुनौती पेश की, जिसे सावधानीपूर्वक हटाने की आवश्यकता थी। हमारा ध्यान सिर्फ ट्यूमर के इलाज पर नहीं था बल्कि सर्जरी के बाद मरीज के जबड़े की सामान्य संरचनाओं और उसकी कार्यक्षमता सुनिश्चित करना भी था।"

प्लास्टिक, कॉस्मेटिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी में कंसल्टेंट डॉ. निखिल पुरी ने कहा, "हमारा ध्यान सिर्फ ट्यूमर को हटाना ही नहीं था, बल्कि सर्जरी के बाद मरीज के जबड़े की हड्डी को पहले जैसा काम करने लायक बनाना भी था। एआई आधारित 3डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग रिकंस्ट्रक्टिव  सर्जरी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया है। यह हमें ट्रांसप्लांट को कस्टम-डिज़ाइन करने की सुविधा देता है, जिससे मरीज के लिए एकदम सटीक अंग का पुनर्निर्माण संभव होता है। मरीज की अच्छी रिकवरी सुनिश्चित करती है। 3डी प्रिंटिंग की वजह से मरीज सर्जरी के बाद सामान्य जीवन जी सकते हैं।"

प्लास्टिक, कॉस्मेटिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी में एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. आशीष विलास उके ने 3डी प्रिंटिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "एआई आधारित 3डी प्रिंटिंग तकनीक ने रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। यह तकनीक हमें मरीज के लिए कस्टम-डिज़ाइन किए गए प्रत्यारोपण बनाने की सुविधा देती है, जिससे हम उनके लिए एकदम सटीक अंग का पुनर्निर्माण कर सकते हैं।" यह मरीजों को जबड़े की हड्डी के पुनर्निर्माण के लिए एक नया विकल्प प्रदान करता है। पारंपरिक मुफ्त फाइबुला माइक्रोवास्कुलर सर्जरी में, पैर की हड्डी का एक हिस्सा काटकर जबड़े के पुनर्निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 3डी प्रिंटिंग के साथ, यह ज़रूरी नहीं है।

अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स के एमडी और सीईओ डॉ. मयंक सोमानी ने अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने के लिए अस्पताल की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और कहा, "हमारा अस्पताल मेडिकल टेक्नोलॉजी के तेजी से विकसित हो रहे ट्रेंड के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए समर्पित है। एआई आधारित 3डी प्रिंटिंग जैसी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का प्रयोग इसी बात का प्रमाण है।"

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।