Skip to main content

लेखिका नंदिता पांडे की एक परिवर्तनकारी पुस्तक "ए टू जेड ऑफ पर्सनल ब्रांडिंग" लखनऊ में लॉन्च

लेखिका नंदिता पांडे की एक परिवर्तनकारी पुस्तक "ए टू जेड ऑफ पर्सनल ब्रांडिंग" लखनऊ में लॉन्च 

लखनऊ। आज शनिवार लखनऊ के हजरतगंज स्थित यूनिवर्सल बुक सेलर्स में पुस्तक"ए टू ज़ेड ऑफ़ पर्सनल ब्रांडिंग" का भव्य लॉन्च हुआ, जो कि व्यावहारिक और निपुण लेखिका नंदिता पांडे द्वारा लिखी गई पुस्तक है। पुस्तक के विमोचन में  राघव प्रकाश, मानव प्रकाश, नंदिता पांडेय,दिया बैजल सहित सम्मानित अतिथियों ने भाग लिया। यह आयोजन कॉर्पोरेट जगत के दिग्गजों, उद्यमियों और व्यक्तिगत ब्रांडिंग की जटिलताओं का पता लगाने के लिए उत्सुक पाठकों को एक साथ लाया।

23 साल के विविध अनुभव वाली अनुभवी पेशेवर नंदिता पांडे ने एक कॉर्पोरेट कर्मचारी से एक सफल उद्यमी बनने तक की अपनी यात्रा का खुलासा इस पुस्तक में किया है। "ए टू ज़ेड" व्यक्तिगत ब्रांडिंग के क्षेत्र में उनके व्यापक शोध और अनुभवों की परिणति है। इसकी कल्पना व्यक्तिगत ब्रांडिंग से जुड़े मिथकों को संबोधित करने की आवश्यकता से की गई थी, जो अक्सर इसे केवल आत्म-प्रचार और सोशल मीडिया मार्केटिंग के साथ जोड़ देता है।

पुस्तक में नंदिता ने ब्रांडिंग, स्व-सहायता और नेतृत्व की छह साल की खोज से अपनी अंतर्दृष्टि साझा की है। उन्होंने न केवल पुस्तकों का अध्ययन करके, बल्कि अपने ऑनलाइन टॉक शो, "ब्रांडिफाई टेक 1" और पर्सनल पर एक हिंदी पॉडकास्ट के माध्यम से, विभिन्न डोमेन के 65 से अधिक प्रतिष्ठित व्यक्तियों, कलाकारों, अभिनेताओं और उद्यमियों का साक्षात्कार लेकर भी व्यक्तिगत ब्रांडिंग डोमेन में प्रवेश किया है। नंदिता की कहानी व्यक्तिगत ब्रांड की तुलना पुरानी शराब से करती है, जहां धैर्य, सटीकता और अनुकूलन महत्वपूर्ण हैं। नंदिता द्वारा खंडित मिथकों में से एक यह धारणा है कि व्यक्तिगत ब्रांडिंग पूरी तरह से आत्म-प्रचार के बारे में है। यह उससे कहीं अधिक है,यह प्रामाणिकता, विश्वास, मूल्य निर्माण, रिश्तों का पोषण और परिवर्तन को अपनाने में निहित है। "ए टू ज़ेड" शक्तियों, कमजोरियों और अद्वितीय गुणों को प्रदर्शित करती है।

नंदिता इस बात पर जोर देती हैं कि व्यक्तिगत ब्रांडिंग मशहूर हस्तियों या हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह छात्रों से लेकर पेशेवरों, उद्यमियों और कलाकारों और जीवन के सभी क्षेत्रों के व्यक्तियों के लिए प्रासंगिक है। यह एक विशिष्ट पहचान बनाने के बारे में है न कि दोषरहित मुखौटा बनाने के बारे में। इसके अतिरिक्त पुस्तक इस बात पर भी प्रकाश डालती है कि व्यक्तिगत ब्रांडिंग एक एकल प्रयास नहीं है बल्कि एक सहयोगात्मक यात्रा है जिसमें नेटवर्किंग और मार्गदर्शन प्राप्त करना शामिल है। यह टिकाऊ, लंबे समय तक चलने वाले परिवर्तन और किसी के प्रामाणिक स्व को अपनाने के महत्व पर जोर देता है।

"पर्सनल ब्रांडिंग का ए टू जेड" महत्वाकांक्षी उद्यमियों, अनुभवी पेशेवरों, रचनात्मक कलाकारों, नौकरी चाहने वालों और अपने व्यक्तिगत ब्रांड की शक्ति को अनलॉक करने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को पूरा करता है। यह व्यावहारिक रणनीतियाँ और अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। पाठकों को आत्म-खोज, रणनीतिक योजना और उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई की परिवर्तनकारी यात्रा के माध्यम से मार्गदर्शन करता है। जैसा कि नंदिता ने निष्कर्ष निकाला "आपका व्यक्तिगत ब्रांड कैरियर में उन्नति, उद्यमशीलता की सफलता, या स्थायी प्रभाव बनाने के लिए आपका गुप्त हथियार है।" वह अपने पाठकों को खुले दिमाग रखने, अवधारणाओं को लागू करने और उन्हें समय से पहले खारिज करने के बजाय अनुकूलित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। "पर्सनल ब्रांडिंग का ए टू जेड" अब बिक्री के लिए उपलब्ध है, जो पाठकों को व्यक्तिगत ब्रांडिंग की कला और विज्ञान के माध्यम से अपने जीवन और करियर को बदलने का अवसर प्रदान करता है।

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन लखनऊ, जुलाई 2023, अयोध्या के श्री धर्महरि चित्रगुप्त मंदिर में भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन  किया गया। बलदाऊजी द्वारा संकलित तथा सावी पब्लिकेशन लखनऊ द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन संत शिरोमणी श्री रमेश भाई शुक्ल द्वारा किया गया जिसमे आदरणीय वेद के शोधक श्री जगदानंद झा  जी भी उपस्थित रहै उन्होने चित्रगुप्त भगवान् पर व्यापक चर्चा की।  इस  अवसर पर कई संस्था प्रमुखो ने श्री बलदाऊ जी श्रीवास्तव को शाल पहना कर सम्मानित किया जिसमे जेo बीo चित्रगुप्त मंदिर ट्रस्ट,  के अध्यक्ष श्री दीपक कुमार श्रीवास्तव, महामंत्री अमित श्रीवास्तव कोषाध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव ,कयस्थ संध अन्तर्राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश खरे, अ.भा.का.म के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश कुमार जी एवं चित्रांश महासभा के कार्वाहक अध्यक्ष श्री संजीव वर्मा जी के अतिरिक्त अयोध्या नगर के कई सभासद भी सम्मान मे उपस्थित रहे।  कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव जी ने की एवं समापन महिला अध्यक्ष श्री मती प्रमिला श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम