Skip to main content

निहारिका साहित्य मंच ने सजाई साहित्यकारों की महफ़िल

निहारिका साहित्य मंच ने सजाई साहित्यकारों की महफ़िल 

  • डॉक्टर्स,साहित्यकार,कवि,कावित्रियों,पत्रकार व समाज सेवीयों को मुंशी प्रेमचंद शिरोमणि सम्मान से किया गया सम्मानित 

लखनऊ।निहारिका साहित्य मंच के तत्वाधान में गोमती नगर स्थित सौभाग्यम् होटल में मुंशी प्रेमचंद शिरोमणि सम्मान समारोह का किया गया।जिसमें विश्व प्रख्यात डॉक्टर्स पत्रकार,साहित्यकार,कवि,कावित्रियों व समाज सेवीयों को मुंशी प्रेमचंद शिरोमणि सम्मान से सम्मानित किया गया। महान हस्ती के नाम के सम्मान को पाकर मौजूद अतिथियों के चेहरे चमक उठे।सम्मान समारोह में चार चांद लगाते हुए चार मशहूर डॉक्टर मौजूद थे,जिनमें केजीएमयू के पदम् श्री एच.ओ.डी डॉक्टर एस.एन कुरील, केजीएमयू के सीएमएस डॉक्टर शंखवार, डेंटिस सर्जन एच.ओ.डी डॉक्टर शादाब,लोहिया के एच.ओ.डी डॉक्टर दीपक मालवीय मुख्य रूप से उपस्थित रहे।जिनकी मौजूदगी से सभागार में एक अलग ही रौनक थी। इनके अलावा समारोह को एक अलग ऊर्जा देने और सबको सम्मानित करने के लिए बहुत ही सम्मानित हस्तियां भी मौजूद थीं, जिनमें *सीतापुर से एमएलसी व एस.आर ग्रुप के एमडी/चेयरमैन पवन सिंह चौहान, पद्म भूषण डॉक्टर विद्या बिंदू सिंह, देवा शरीफ़ काशान्.ए.वारिस के संरक्षक/अध्यक्ष अरशद मुर्तजा वारसी, तथा महासचिव मोहम्मद इमरान, स्माइल मैन के नाम से मशहूर कवि सर्वेश अस्थाना, कोहिनूर की अध्यक्ष मोनी मिश्रा के अलावा मशहूर साहित्यकार डॉक्टर सुलतान शाकिर हाशमी,राष्ट्रपति पदक से सम्मानित आज़ाद हफीज, होमियोपैथ के वरिष्ठ डॉक्टर आदर्श त्रिपाठी, ब्लड मैन कुदरत उल्ला खान, वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल वहीद, ज़ुबैर अहमद,समाजसेवी इमरान कुरैशी मौजूद थे।मंच संचालन करने वाली मशहूर एंकर विनीता जौहरी के कुशल मंच संचालन ने लोगो का मन मोह लिया।मौजूद अतिथियों का प्रिन्ट मीडिया वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अज़ीज़ सिद्दीकी तथा राष्ट्रीय महामंत्री परवेज़ अख़्तर द्वारा पौधा व बुके देकर स्वागत किया गया।इसके उपरान्त मुख्य अतिथियों तथा समाजसेवियों एवं कावित्रीयों को एमएलसी पवन सिंह चौहान,पद्म श्री विद्या बिंदू,देवा के अरशद वारसी, द्वारा मोमेंटो व स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया।अपने अभिभाषण में डॉक्टर सुलतान शाकिर हाशमी ने कहा मुंशी प्रेमचंद जी जिनकी लेखनी में और कार्यशैली में इतनी आत्मीयता थी कि हर धर्म के लोग कहते थे, मुंशी प्रेमचंद जी मेरे, मुंशी प्रेमचंद जी मेरे।इनके अलावा अतिथियों ने आज़ादी महोत्सव तथा महापुरुष मुंशी प्रेमचंद जी की जीवनी की बातें बताते हुए अपनी अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त की।

धन्यवाद अभिभाषण में अज़ीज़ सिद्दीकी ने कहा कि मुझको यकीन नहीं हो रहा है कि मेरे आमंत्रण पर मौसम ख़राब होने के बावजूद आप लोग जैसी महान हस्तियां यहां पधारी इसके लिए हम दिल की गहराई से आप सबका धन्यवाद करते हैं। इसी कार्यक्रम में देवा से आए काशान् वारिस के संरक्षक ने मुख्य अतिथियों को देवा शरीफ़ की चादर ओढ़कर सम्मानित करते हुए माहौल को और खुशगवार बना दिया।

इस भव्य कार्यक्रम को सफ़ल बनाने के लिए पूरे सहयोग के साथ जे प्राइम के सम्पादक एन एल.आलम, धर्मेन्द्र कुमार, कंट्री ऑफ़ इण्डिया के जावेद बेग, लिमरा के नौशाद बिलगिरामी, कामरान एक्सप्रेस की संपादक रूबा खान, ब्यूरो चीफ़ जमील मलिक, एस.बी न्यूज़ के शबाब नूर, शादाब अहमद, सरफराज़ अहमद, तथा कई गणमान्य पत्रकार साथी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।कार्यक्रम के अंत में निहारिका मंच की अध्यक्ष रीमा सिन्हा ने कहा कि मैंने अब तक अनगिनत कार्यक्रम कराए हैं, पर आज आप जैसी महान हस्तियों को अपने बीच पाकर हम धन्य हो गए हैं और हमारा ये कार्यक्रम अब तक का सबसे खूबसूरत कार्यक्रम हो गया है।जिसके लिए हम आप सबका हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।