शबे जरबत में अमीरूलमोमेनीन को खेराजे अकीदत
लखनऊ अमीरूलमोमेनीन दमादे रसूल, जवानाने जन्नत के सरदार के बाबा , रसूल की बेटी के शरीक ए ज़िन्दगी, फरजंद ए अबुतलिब की शबे जरबत पर पुरज़ोर हुज़्नो गम वा मातम की फिज़ा में कल मेहदवी समाज के क्लासेज बरपा हुए जिसमे सभी असातिजा ने मौला ए कायनात की सीरत पर रौशनी डालते हुए अपने शागिर्दो को बताया के पहले इमाम की ज़िन्दगी में अदालत का पहलू बहुत ही उजागर था इसलिए आपके सिलसिले से कहा जाता है के आपकी शहादत आपकी अदालत की वजह से हुई जहां आपने अपने करीबी भाई जनाबे अकील की दरख्वास्त को भी रद कर दिया आपकी इमामत के शुरू में बाज़ नामवर सहाबा तशरीफ लाए तो मौला ने एक चिराग बुझा कर दूसरा जलाया |आने वालो ने वजह पूछी तो हज़रत ने फरमाया: तुम लोग ज़ाती काम से आए हो इसलिए चिराग़ जिसको मैंने बुझाया है वो बैतुल - माल के पैसे से था अब मैंने अपनी मेहनत के पैसे से चिराग़ को जलाया है , मौलाना गुलाम रजा जाफरी साहब ने अपने क्लास में बताया के मौला की दौरे हुकूमत में यहूदी औरत के पैर से पौजेब उतर गई थी तो आपने सख्त लहजे में फरमाया कि एक मुसलमान ये ख़बर सुन कर मर जाए तो हक़ है कि उसके सामने ये ज़ुल्म हो , मौलाना ने बताया आप अपनी ख़िलाफत के दौर में भी पेवनद लगा लिबास पहनते और आपका खाना जौ की रोटी हुआ करती थी रातों को गरीबों बेनवा लोगो के घरों में पीठ पर गंदूम और जौ लाद कर पहुंचाते थे और फिर इस बात की माफी तलब करते थे के मुझको माफ कर देना कि शायद तुम्हारे हक़ को पहुंचाने में मुझसे देरी हो गई|
मरकज की जानिब से मेहदवी समाज के सभी सेंटर्स में २० रमज़ान को छुट्टी और २१ को 8 बजे रात में मौला ए कायनात के पूरसे की मजालिस का इनेकाद किया गया है ये मजलिसे मीरन साहब के इमाम बाड़े, छोटा इमाम बाड़ा, करबला दियानातुतदौला में बरपा होगी जिसमे सभी मोमेनीन शिरकत फरमा कर वक्त के इमाम की खिदमत में पुरसा देंगे इस खबर के बाद मौला ए कायनात की शबे जरबत मातम के साथ क्लासों का इकतेताम हुआ।
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