Skip to main content

नृत्य प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार सी.एम.एस. छात्रा को

नृत्य प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार  सी.एम.एस. छात्रा को

लखनऊ, 23 फरवरी। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजाजीपुरम (तृतीय कैम्पस) की प्रतिभाशाली छात्रा आशना सिंह ने अन्तर-विद्यालयी नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार अर्जित कर विद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है। यह प्रतियोगिता सामाजिक-साँस्कृतिक संस्था ‘मुनाल’ के तत्वावधान में गोमती नगर, लखनऊ में आयोजित हुई, जिसमें नगर के अनेक प्रतिष्ठित विद्यालयों के छात्रों ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में कड़ी प्रतिर्स्धा के बीच आशना सिंह ने प्रथम पुरस्कार अपनी नृत्य प्रतिभा का परचम लहराया है। सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने सी.एम.एस. की इस प्रतिभाशाली छात्रा को आशीर्वाद देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है। प्रतियोगिता के आयोजकों ने आशना की बहुमुखी प्रतिभा की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए सार्टिफिकेट एवं ट्राफी प्रदान कर सम्मानित किया। श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. अपने छात्रों को भौतिक, सामाजिक व आध्यात्मिक शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ ही साँस्कृतिक व साहित्यिक क्षेत्रों में भी छात्रों का रुझान विकसित करता है तथापि उनकी क्षमता को पहचानकर उन्हें प्रोत्साहित करता है। यही कारण है कि सी.एम.एस. छात्र पढ़ाई में तो अव्वल रहते ही हैं साथ ही साथ गीत-संगीत, नृत्य, साहित्य व कला जैसे क्षेत्रों में भी विद्यालय के छात्रों ने अलग पहचान बनाई है।

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन लखनऊ, जुलाई 2023, अयोध्या के श्री धर्महरि चित्रगुप्त मंदिर में भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन  किया गया। बलदाऊजी द्वारा संकलित तथा सावी पब्लिकेशन लखनऊ द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन संत शिरोमणी श्री रमेश भाई शुक्ल द्वारा किया गया जिसमे आदरणीय वेद के शोधक श्री जगदानंद झा  जी भी उपस्थित रहै उन्होने चित्रगुप्त भगवान् पर व्यापक चर्चा की।  इस  अवसर पर कई संस्था प्रमुखो ने श्री बलदाऊ जी श्रीवास्तव को शाल पहना कर सम्मानित किया जिसमे जेo बीo चित्रगुप्त मंदिर ट्रस्ट,  के अध्यक्ष श्री दीपक कुमार श्रीवास्तव, महामंत्री अमित श्रीवास्तव कोषाध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव ,कयस्थ संध अन्तर्राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश खरे, अ.भा.का.म के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश कुमार जी एवं चित्रांश महासभा के कार्वाहक अध्यक्ष श्री संजीव वर्मा जी के अतिरिक्त अयोध्या नगर के कई सभासद भी सम्मान मे उपस्थित रहे।  कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव जी ने की एवं समापन महिला अध्यक्ष श्री मती प्रमिला श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम