उत्तर प्रदेश के चार लाख छात्रों के शिक्षा परिणामों को बेहतर बनाने का लीड का लक्ष्य
बरेली। भारत का सबसे बड़ा स्कूल एडटेक यूनिकॉर्न लीड उत्तर प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा परिणामों को बेहतर बनाते हुए छात्रों में आत्मविश्वास निर्माण कर रहा है। अपने अंतरराष्ट्रीय स्तर के पाठ्यक्रम, मल्टी मोडल पढ़ाने-पढ़ने की पद्धतियों तथा टेक्नोलॉजी आधारित सुविधाओं के माध्यम से लीड का एनईपी अनुकूल इंटीग्रेटेड स्कूल एडटेक सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि छात्रों को सभी विषयों की गहराई से समझ और विशेषज्ञता प्राप्त हो सके। अब तक उत्तर प्रदेश के लगभग 115 स्कूल लीड का इंटीग्रेटेड स्कूल एडटेक सिस्टम लागू कर चुके हैं, जिससे इनमें पढ़ने वाले 46,000 छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही, लीड द्वारा उत्तर प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाने वाले 1050 शिक्षकों को प्रशिक्षित एवं प्रमाणित भी किया गया है। भारत के महानगरों एवं बड़े शहरों के स्कूलों की शिक्षा और टियर 2 प्लस शहरों की स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में बड़ा अंतर है। लीड द्वारा इसी कमी को दूर करने का काम किया जाता है। लीड का इंटीग्रेटेड स्कूल एडटेक सिस्टम भारत के 400 से अधिक छोटे-बड़े शहरों के लगभग 3000 स्कूलों में उपलब्ध हो चुका है। इसका सीधा फायदा 12 लाख छात्रों को मिल रहा है और लगभग 25,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित करते हुए उन्हें अधिक सक्षम बनाया जा रहा है। लीड के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुमीत मेहता, का कहना है, “भारत में स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे हर दिन अपने स्कूल में 6-7 घंटे बिताते हैं। इसके बावजूद, सिर्फ भारत के महानगरों में महंगी फीस वाले स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को ही अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पाती है। लीड में हम इसी कमी को दूर करना चाहते हैं और इसके लिए हमारे इंटीग्रेटेड स्कूल एडटेक सिस्टम के जरिये भारत के स्कूलों को अधिक सक्षम बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश हमारे इस लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हम इस राज्य में अपनी उपस्थिति बढ़ाने पर ध्यान देते रहेंगे। हमारी योजना अगले 5 वर्षों में देश भर के 60,000 स्कूलों एवं 2.5 करोड़ छात्रों तक पहुंचना है। लीड के बारे में सबरी पब्लिक स्कूल, बरेली के डायरेक्टर साजिद खान ने कहा कि सबरी पब्लिक स्कूल की शुरुआत 2015 में हुई थी और आज हमारा स्कूल उत्तर प्रदेश के अग्रणी स्कूलों में से एक है। हमें एक इंटीग्रेटेड स्कूल सिस्टम की तलाश थी, जिसमें आधुनिक पाठ्यक्रम, रचनात्मकता एवं टेक्नोलॉजी का तालमेल मौजूद हो, ताकि हमारे छात्र-छात्राएं कॉन्फिडेंट बनें और भविष्य के लिए तैयार हो सकें। लीड हमारी इस ज़रूरत पर पूरी तरह खरा उतरा है। श्री साजिद खान ने आगे बताया कि, “जब शिक्षकों को सही शिक्षा साधन एवं लक्ष्य दिये जाएंगे, तो छात्रों के शिक्षा परिणाम अपने आप बेहतर बनने लगेंगे। लीड के साथ जुड़ने के बाद हमने इसी बदलाव का अनुभव किया है, जिसका श्रेय इनके टीचर ट्रेनिंग मॉड्यूल, ऑब्जेक्टिव लेसन प्लान और क्लासरूम मैनेजमेंट सिस्टम को जाता है। हमारे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अब अपने विषयों को बेहतर तरीके से समझने लगे हैं और उनकी पढ़ाई में काफी अधिक सुधार आया है। इसके अलावा, लीड के कोडिंग एंड कंप्यूटेशनल स्किल्स (सीसीएस) प्रोग्राम के अंतर्गत हमारे कई छात्रों ने वेबसाइट बनाने जैसे दिलचस्प प्रोजेक्ट्स पर भी काम किया है। मैं सभी स्कूल संचालकों को लीड से जुड़ने की पुरज़ोर सलाह देना चाहता हूं और मुझे यह विश्वास है कि उन्हें अपने स्कूल में भी स्पष्ट बदलाव देखने को मिलेगा। लीड द्वारा स्कूल संचालन को बेहतर एवं प्रभावी बनाने के लिए स्कूल संचालकों की मदद की जाती है। इन स्कूलों के शिक्षकों का कौशल विकास एवं उनके पढ़ाने के तरीके को अधिक कुशल बनाया जाता है। इसके साथ ही, अभिभावकों और स्कूल के बीच तालमेल बेहतर बनाने में मदद की जाती है। लीड उत्तर प्रदेश के किफायती प्राइवेट स्कूलों की कुछ सबसे बड़ी समस्याओं का समाधान कर रहा है, जिसमें शामिल हैं छात्रों के लिए सर्वोत्तम पाठ्यक्रम, अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति, छात्रों में अंग्रेज़ी बोलने-लिखने की क्षमता में सुधार करना और एक समग्र स्कूली शिक्षा के लिए सही टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना। लीड से जुड़े स्कूल अब ज्यादा संख्या में एडमिशन प्राप्त करते हैं और अभिभावकों के बीच अधिक पसंद किये जाने लगे हैं। लीड का इंग्लिश लैंग्वेज एंड जनरल अवेयरनेस प्रोग्राम (ईएलजीए) छात्रों को एक स्किल के रूप में अंग्रेज़ी पढ़ाता है और 1.5 वर्षों में हासिल होने वाली प्रगति सिर्फ एक वर्ष में प्रदान करता है। इसके अलावा, लीड स्टूडेंट चैंपियनशिप जैसे राष्ट्रीय स्तर के प्लेटफॉर्म के जरिये छात्रों को आधुनिक एवं व्यापक शिक्षा अनुभव मिलता है। इस चैंपियनशिप में भाग लेने वाले छात्रों को आगे बढ़ने के लिए विभिन्न अवसर भी प्राप्त होते हैं। वहीं, लीड द्वारा संचालित की जाने वाली मास्टर क्लासेस में विभिन्न विषयों के एक्सपर्ट्स एवं मशहूर हस्तियां बच्चों को महत्वपूर्ण स्किल्स एवं नई चीज़ें सिखाती हैं। बरेली के सबरी पब्लिक स्कूल की ईएलजीए एवं साइंस टीचर सना खान कहती हैं, लीड द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले पढ़ाने और पढ़ने के तरीकों से मुझे काफी प्रेरणा मिली और एक शिक्षक के रूप में मेरी सोच का दायरा भी बढ़ गया। मैंने यह देखा है कि इन तरीकों को स्कूल में अपनाए जाने के बाद छात्रों में पढ़ने के लिए दिलचस्पी बढ़ गई है। पहले की तरह अब वो तनाव में नज़र नहीं आते। इसका पूरा श्रेय लीड को ही जाता है, जिन्होंने सिर्फ परीक्षा पास करने के लिए पढ़ाने के सिलसिले को खत्म कर दिया। दरअसल, लीड ने परीक्षाओं का डर ही मिटा दिया है, जो कि हमेशा बच्चों और उनके माता-पिता के तानव का कारण बनती हैं। इसके अलावा, ईएलजीए प्रोग्राम से यह सुनिश्चित होता है कि छात्रों को आसान तरीके से अंग्रेज़ी सीखने में मदद मिले। सबरी पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा फारिया अहमद के पिता फैज़ अहमद कहते हैं कि हर व्यक्ति के लिए शिक्षा बहुत ज़रूरी है। मैं सबरी पब्लिक स्कूल को लीड सिस्टम लागू करने के लिए धन्यवाद देता हूं। आज के दौर में लीड विद्यार्थियों को सबसे वैज्ञानिक एवं व्यवहारिक माध्यमों से शिक्षा प्रदान कर रहा है। उदाहरण के लिए, एलईजीए ने मेरी बेटी की कम्युनिकेशन स्किल्स काफी अधिक बेहतर बनाने में मदद की, जो आज एक विद्यार्थी की सफलता के लिए बेहद ज़रूरी है। लीड की शुरुआत भारत के छोटे शहरों के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को महानगरों जैसी उच्च स्तर की शिक्षा हासिल करने का अवसर देने के उद्देश्य से की गई थी। आज यह कंपनी दुनिया भर की कुछ चुनिंदा एडटेक कंपनियों में से एक है, जो छात्र-छात्राओं को अपने विषयों में एक्सपर्ट बनाने की गारंटी देती है।
Report Arif Mukim
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