कार्ड-ऑन-फाईल टोकनाईज़ेशन ऑनलाईन शॉपिंग के दौरान कार्ड भुगतान की सुरक्षा बढ़ाता हैः मास्टरकार्ड
लखनऊ , 6 अक्टूबर, 2022 : आज आयोजित एक वर्कशॉप में मास्टरकार्ड ने कहा कि डिजिटल भुगतानों का उपयोग पूरे देश में बढ़ रहा है। यहाँ मास्टरकार्ड ने कार्ड-ऑन-फाईल (सीओएफ) टोकनाईज़ेशन अपनाने के फायदों पर भी रोशनी डाली, जिससे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड आधारित भुगतान ज्यादा सुरक्षित व सुविधाजनक बनते हैं। ग्राहकों को साईबर एवं फाईनेंशल फ्रॉड के मामलों से बचाने के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कार्ड विनिमयों के कार्ड-ऑन-फाईल (सीओएफ) टोकनाईज़ेशन को अपनाना अनिवार्य बना दिया है। ये नए नियम 1 अक्टूबर, 2022 से लागू हुए और सभी उपभोक्ताओं को सुरक्षित भुगतान का अनुभव प्रदान कर रहे हैं।
अपने कार्ड के विवरण का टोकन बनाकर कार्डधारक सिंगल-क्लिक चेकआउट का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। मर्चैंट वेबसाईट और ऐप केवल कार्ड जारी करने वाले का नाम और कार्ड की अंतिम चार डिजिट ही स्टोर कर सकती हैं। कार्डधारक को अपना विवरण एक बार भरना होगा, ताकि वो गेस्ट चेकआउट विकल्प द्वारा उसे टोकन में बदल सकें। टोकन बनाने के लिए ओटीपी-आधारित ऑथेंटिकेशन की जरूरत होगी। इसलिए यदि किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या हैकर को टोकन मिल भी जाता है, तो वह उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। टोकनाईज़ेशन की प्रक्रिया ग्राहकों की अनुमति पर निर्भर करती है, और जो कोई भी टोकनाईज़ेशन की अनुमति नहीं देगा, उसे ऑनलाईन भुगतान करने के लिए हर बार कार्ड नंबर, एक्सपायरी आदि विवरण डालना होगा। कार्डधारक के डेबिट और क्रेडिट कार्ड के बारे में संवेदनशील जानकारी केवल जारीकर्ता बैंक और उनके नेटवर्क, जैसे मास्टरकार्ड के पास रहेगी।
टोकनाईज़ेशन द्वारा उपभोक्ताओं को नए फीचर्स उपलब्ध होते हैं, जिसके द्वारा वो अपने जारीकर्ता बैंक से संपर्क कर विभिन्न मर्चैंट्स के पास अपने सभी सेव्ड टोकन देख सकते हैं, और मर्चैंट के ऐप या वेबसाईट में जाए बगैर उन्हें सस्पेंड/अनसस्पेंड/डिलीट कर सकते हैं। दिशानिर्देशों का पालन करने और भुगतान का सुगम अनुभव प्रदान करने के लिए मास्टरकार्ड ने विभिन्न प्रमुख पेमेंट एग्रीगेटर्स के साथ गठबंधन किया है। अनुभव गुप्ता,वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कस्टमर सॉल्यूशंस लीड, दक्षिण एशिया,मास्टरकार्ड ने आज लखनऊ में प्रेस वार्ता में बताया कि “मास्टरकार्ड अकेले भारत में 110 मिलियन टोकन बना चुका है और यह बड़ी तेजी से अपनाया जा रहा है।”
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