Skip to main content

मेदांता अस्पताल, लखनऊ ने 101 सफल किडनी प्रत्यारोपण की उपलब्धि हासिल की

मेदांता अस्पताल, लखनऊ ने 101 सफल किडनी प्रत्यारोपण की उपलब्धि हासिल की

  • तीन साल से कम समय में प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों में सर्वाधिक ट्रांसप्लांट करने वाला हॉस्पिटल मेदांता लखनऊ।
  • अस्पताल में लिविंग डोनर ट्रांसप्लांट के साथ साथ किया जा रहा एबीओ इंकंपेटेबल किडनी ट्रांसप्लांट।

लखनऊ 31 अगस्त 2022: मेदांता सुपरस्पेशलिटी अस्पताल लखनऊ ने 101 किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। मेदांता अस्पताल की किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट की शुरुआत 2020 में मेदांता सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, लखनऊ के निदेशक डॉ राकेश कपूर और नेफ्रोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ आर.के. शर्मा के मार्गदर्शन में की गई थी। 

विभाग के बारे में अधिक जानकारी देते हुए डॉ.राकेश कपूर  ने कहा, "मेदांता इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी एंड यूरोलॉजी, किडनी, ब्लैडर और प्रोस्टेट ग्लैंड सहित मूत्र प्रणाली के रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए एक अनूठा विभाग है, जहां इन सभी रोगों का निदान होता है। मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक विश्व स्तरीय केंद्र के रूप में, हम यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों द्वारा अपने रोगियों को विभिन्न किडनी विकारों, कैंसर और सौम्य मूत्र संबंधी रोगों के लिए शीर्ष उपचार प्रदान करने का निरंतर प्रयास करते हैं।हमारा संस्थान दुनिया के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसमें न्यूनतम इनवेसिव सर्जिकल तकनीकों का उपयोग किया जाता है। मेदांता इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी एंड यूरोलॉजी  में डायलिसिस, प्रत्यारोपण और क्रोनिक किडनी रोगों के लिए चौबीसों घंटे सेवाओं के साथ यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी के सभी क्षेत्रों में विश्व स्तरीय देखभाल प्रदान करता है। हर महीने करीब 1,600 डायलिसिस प्रक्रियाएं की जा रही हैं।

पिछले वर्षों में इस विभाग द्वारा 101 किडनी ट्रांसप्लांट किए गए हैं। जिसमें 15 साल के किशोर से लेकर 64 साल के बुजुर्ग तक का किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया है। साथ ही अस्पताल ने निम्न आय वर्ग के कई मरीजों को इलाज के लिए उन्हें सीएम राहत कोष से सहायता प्राप्त करने में भी मदद की है।

उन्होंने बताया कि बच्चों में किडनी ट्रांसप्लांट करना ज्यादा जटिल होता है। उनकी नर्व और वैसल्स उम्र के हिसाब से काफी महीन होती है। साथ ही बच्चों में किडनी रिजेक्शन के आशंका ज्यादा बनी रहती है। हमारे यहां सबसे कम उम्र के 15 वर्षीय किशोर का किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था। इस केस में डोनर उसकी 40 वर्षीय मां थी। साथ ही उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा उम्र के 64 वर्षीय बुजुर्ग का किडनी ट्रांसप्लांट किया गया जिन्हें 70 वर्षीय डोनर की किडनी लगी। इसके अलावा एक 58 वर्षीय मरीज की भी किडनी ट्रांसप्लांट की गई, जिनक केस काफी जटिल था उन्हें हृदय रोग और ब्लडप्रेशर की भी बीमारी थी। इस केस में रेसीपियेंट का स्ट्रांग मिसमैच था,  जिससे इनका एबीओ इंकंपेटेबल ट्रांसप्लांट किया गया। इसमें उन्हें स्ट्रांग इम्युनोसप्रेशंस दिया गया। साथ ही दवा देकर एंटीबाडी को कंट्रोल करके ट्रांसप्लांट किया था।

डॉ. आरके शर्मा ने बताया  एबीओ ट्रांसप्लांट के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा,  एबीओ इनकंपैटिबल विधि में ए-बी-ओ का मतलब ब्लड गुप से है। इस तकनीक से मरीज और डोनर के अलग-अलग ब्लड ग्रुप के होने पर भी किडनी ट्रांसप्लांट की जा सकती है। खास बात यह है कि किडनी ट्रांसप्लांट से पहले मरीज व डोनर के एंटीबॉडीज का लेवल मानक के अनुरूप होना चाहिए। इसे डोनर के अनुरूप करने में दस दिन का समय लगता है। प्रतिदिन मरीज की बॉडी में प्लाज्मा एक्सचेंज तकनीक से एंटीबॉडीज की मात्रा घटाई जाती है।

किडनी खराब होने से बचने के उपायों के बारे में बात करते हुए डॉ. आर.के. शर्मा ने कहा, ''आजकल लोगों की जीवनशैली बिगड़ती जा रही है।लोग खानपान पर ध्यान नहीं देते हैं, वहीं मौजूदा समय में डायबिटीज के सबसे ज्यादा केस अब हमारे देश में हैं। लंबे समय तक डायबिटीज होने से हाइपरटेंशन और मोटापा हो जाता है जिससे गुर्दे को खराब हो जाते हैं। हर व्यक्ति को हर साल स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए ताकि शरीर में कोई बीमारी विकसित हो रही हो तो उसका समय रहते निदान किया जा सके। आज कई लोग लंबे समय तक दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल करते रहते हैं। इससे किडनी फेल भी हो जाती है। मोटापा कम करने के लिए बाजार में कई दवाएं उपलब्ध हैं, इनका किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है और किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। गुर्दे की क्षति, एक बार हो जाने के बाद, इसे उलट नहीं किया जा सकता है। अंतिम चरण में गुर्दे की बीमारी या गुर्दे की विफलता तब होती है जब हमारे गुर्दे आपके शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम नहीं करते हैं। जब ऐसा होता है, तो मरीज को जीवित रहने के लिए डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है।”

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन लखनऊ, जुलाई 2023, अयोध्या के श्री धर्महरि चित्रगुप्त मंदिर में भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन  किया गया। बलदाऊजी द्वारा संकलित तथा सावी पब्लिकेशन लखनऊ द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन संत शिरोमणी श्री रमेश भाई शुक्ल द्वारा किया गया जिसमे आदरणीय वेद के शोधक श्री जगदानंद झा  जी भी उपस्थित रहै उन्होने चित्रगुप्त भगवान् पर व्यापक चर्चा की।  इस  अवसर पर कई संस्था प्रमुखो ने श्री बलदाऊ जी श्रीवास्तव को शाल पहना कर सम्मानित किया जिसमे जेo बीo चित्रगुप्त मंदिर ट्रस्ट,  के अध्यक्ष श्री दीपक कुमार श्रीवास्तव, महामंत्री अमित श्रीवास्तव कोषाध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव ,कयस्थ संध अन्तर्राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश खरे, अ.भा.का.म के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश कुमार जी एवं चित्रांश महासभा के कार्वाहक अध्यक्ष श्री संजीव वर्मा जी के अतिरिक्त अयोध्या नगर के कई सभासद भी सम्मान मे उपस्थित रहे।  कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव जी ने की एवं समापन महिला अध्यक्ष श्री मती प्रमिला श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम