बैंक ऑफ़ बड़ौदा द्वारा 'बड़ौदा जन धन प्लस' की शुरुआत
- कम आय वाली महिलाओं तक औपचारिक वित्तीय सेवाओं की पहुंच बढ़ाने और उनके बेहतर नियोजन के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के 25 जिलों और उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में परियोजना का तीसरा चरण शुरू किया जाएगा.
लखनऊ, जुलाई, 2022: भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने वीमेनस वर्ल्ड बैंकिंग (डब्ल्यूडब्ल्यूबी), जो एक वैश्विक गैर-लाभकारी संस्था है और कम आय वाली महिलाओं को दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए वित्तीय साधनों तक पहुंच प्रदान करने के लिए समर्पित है, के साथ उत्तर प्रदेश के 25 जिलों और उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में 'बड़ौदा जन धन प्लस' कार्यक्रम के तीसरे और व्यापक चरण को शुरू करने के लिए साझेदारी की है. 'बड़ौदा जन धन प्लस' का तीसरा और सबसे बड़ा चरण वित्तीय साक्षरता शिविरों और व्यवसाय प्रतिनिधि अर्थात् बैंक प्रतिनिधि (बीसी) के माध्यम से बड़ी संख्या में बैंक ऑफ़ बड़ौदा के मौजूदा जन धन ग्राहकों को कवर करेगा ताकि पीएमजेडीवाई ओवरड्राफ्ट सुविधा और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से बचत संबंधी लाभ का प्रसार किया जा सके और उन्हें औपचारिक ऋण सुविधा तक पहुंच प्रदान की जा सके. यह कार्यक्रम 2000 से अधिक व्यवसाय प्रतिनिधि (बीसी) और 1000 बीसी सखियों (महिला व्यवसाय प्रतिनिधि) को उन्हें अपने क्षेत्रों में महिला ग्राहकों की मदद करने के लिए सशक्त बनाने के लिए काम करेगा.
'बड़ौदा जन धन प्लस' प्रधान मंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के मजबूत बुनियादी ढांचे पर आधारित है जिसने जन धन बैंक खातों के साथ लगभग 25.11 करोड़ या 251.1 मिलियन महिलाओं को बैंकिंग परिवेश से जोड़ा है. इन महिला खाताधारकों को पूर्ण वित्तीय समावेशन के लाभों को प्राप्त करने के लिए बैंकों के साथ सार्थक रूप से जुड़ने के लिए एक मजबूत आधार की आवश्यकता है. 'बड़ौदा जन धन प्लस' महिला खाताधारकों को रुपये जमा करने के लिए प्रोत्साहित करके व्यवस्थित तरीके से पैसे बचाने के लिए प्रेरणा प्रदान के लिए एक आकर्षक प्रस्ताव लाया है ताकि ऐसा बैंकिंग संबंध बनाया जा सके जिसमें पांच महीने के लिए 500 मासिक जमाकर पीएमजेडीवाई में 10,000 रुपये तक की ओवरड्राफ्ट ऋण सुविधा मिल सके.
‘ बड़ौदा जन धन प्लस’ मॉडल 3 महत्वपूर्ण स्तंभों पर आधारित है: कम आय वाली महिलाओं के लिए बैंकिंग सेवाओं को और अधिक आकर्षक बनाना, महिलाओं के लिए बचत की आदत को नियमित और संतोषप्रद बनाना और व्यवसाय प्रतिनिधियों (बीसी) एजेंट को सॉफ्ट स्किल के संबंध में उन्हें प्रशिक्षित करना और सक्षम बनाना ताकि महिला ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने संबंधी उनमें बेहतर समझ हो. इसके बदले बैंक बैंक एक महत्वपूर्ण ग्राहक आधार को समझेगा और उनके लिए कस्टमाइज्ड उत्पादों एवं सेवाओं संबंधी आवश्यकताओं पर प्रभावी रूप से कार्य कर सकेगा.
बैंक ऑफ़ बड़ौदा के कार्यपालक निदेशक, श्री विक्रमादित्य सिंह खिची ने कहा, “महिलाओं, विशेष रूप से कम आय अर्जित करने वाली महिलाओं के वित्तीय समावेश के लिए अधिक सूक्ष्म दृष्टिकोण की आवश्यकता है. एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखना महत्वपूर्ण है जिसमें निरंतर जुड़ाव और एक अनुकूल परिवेश तैयार करना शामिल है. वीमेनस वर्ल्ड बैंकिंग के सहयोग से तैयार किया गया 'बड़ौदा जन धन प्लस', वित्तीय समावेशन से आगे बढ़कर, न कि केवल एक बैंक खाता खोल कर बल्कि महिलाओं को पीएमजेडीवाई के व्यापक लाभ पहुंचा महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने में मदद करने के लिए एक परीक्षण दृष्टिकोण है”.
जनवरी 2020 से जनवरी 2022 के बीच 'बड़ौदा जन धन प्लस' की प्रारंभिक दो पायलट परियोजनाएं मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बैंक ऑफ़ बड़ौदा की 170 शाखाओं (650 से अधिक बीसी और 100 से अधिक बीसी सखियों) में चलाई गई. पायलट परियोजना विशिष्ट अवरोधो को दूर करने की दृष्टि से इस बात पर ध्यान दिया गया कि वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को महिला-केंद्रित सीमाओं को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि वे महिलाओं के साथ-साथ पूरे ग्राहक आधार को सफलतापूर्वक जोड़ सकें.
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