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राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन ने प्रकृति को संरक्षित रखने का संदेश दिया

राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन ने प्रकृति को संरक्षित रखने का संदेश दिया

  • अनेक विभूतियां पर्यावरण यूपी गौरव सम्मान से सम्मानित
  • चित्रकला, रंगोली, नृत्य, कठपुतली के जरिए हरे भरे पेड़ों को बचाने की अपील

लखनऊ, 4 जून 2022। प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में आज कला मंडपम ( भातखण्डे संगीत संस्थान) कैसरबाग में विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित 'राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन' में पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया।

'राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मलेन' की श्रृंखला में प्रात:काल  बेगम हजरत महल पार्क में विनोद कुमार सिंह की अगुवाई में इग्नू की क्षेत्रीय निदेशक डॉ मनोरमा सिंह, उप निदेशक पर्यावरण निदेशालय श्रुति शुक्ला, एल डी ए के उद्यान विभाग के प्रभारी बघेल और एन बी सिंह, सीमा सिंह, अरुण सिंह,कृष्णानन्द राय सहित अन्य पर्यावरणविदों ने 101 औषधि एवं फलदार पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन का प्रातः 11:00 बजे नाबार्ड के मुख्य जीएम एस के डोरा, विनोद कुमार सिंह, वाइल्ड लाइफ के डॉ अनूप कुमार सिंह, एन बी सिंह, प्रिया पाल सहित अन्य अभ्यगतों ने दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया।

उदघाटन सत्र में इग्नू की क्षेत्रीय निदेशक डॉ मनोरमा सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि परिवार में खुशियों के सभी कार्यक्रमों में एक पौधे अवश्य रोपण करें, ताकि शुद्ध ऑक्सीजन हवा मिल सके, लोगों को कोरोना काल से इसकी सीख लेनी चाहिए। वाइल्ड लाइफ के डॉ अनूप कुमार सिंह ने कहा कि भारत में 60 के दशक में पर्यावरण की चिंता नहीं की गई। जल, जंगल और जमीन से सभी ने प्रेम किया, जो भारत की परिकल्पना रही है। उन्होने बताया कि नीम का पेड़  अपने आप मे पूरा डॉक्टर है, आंवला सम्पूर्ण भोजन है, बरगद अपने आप मे ऑक्सीजन का पूरा प्लाण्ट और तुलसी सभी बीमारियों की औषधि, इस तरह से हमे अपनी प्राचीन परम्पराओं से जुड़ना होगा।

अपने सम्बोधन में डॉ प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि पूरी दुनिया में यदि पर्यावरण संरक्षित होता तो पर्यावरण दिवस मनाने की जरूरत नहीं पड़ती। सभी के लिए एक पृथ्वी है, इसलिए सबको इसको बचाने का प्रयास करना होगा। उन्होनें कहा कि भारत में वनस्पति के साथ जीव जन्तु भी पूज्यनीय हैं। डॉ विद्या बिन्दु सिंह ने कहा कि हमारा शरीर पंचतत्व से बना है। जो प्रकृति हमारा संरक्षण करती आई है, आज उसका संरक्षण करना पड़ रहा है। हमारी सनातन परंपरा में प्रकृति को सर्वोपरि रखा गया है। 

नाबार्ड के डॉ एस के डोरा ने कहा कि यदि हम पर्यावरण को संरक्षित नही रखेंगे तो हमारा जीवन नष्ट हो जायेगा। इसके अलावा डॉ अंशुमाली शर्मा, डॉ एस सी पान्डेय, रिना सिंह, कीर्ति विक्रम सिंह ने भी अपने अभिभाषण में पर्यावरण को संरक्षित रखने की बात कही।

इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण पर बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता, स्लोगन, पर्यावरण संरक्षण पर आधारित चर्चा-परिचर्चा, काव्य गोष्ठी, फैशन शो, नाटक, मैजिक एवं कठपुतली नाटकों के प्रदर्शन के जरिए भी लोगों को प्रकृति को बचाने और पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित रखने का संदेश दिया गया। इसके अलावा पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली अनेक विभूतियों को पर्यावरण यूपी गौरव सम्मान, प्रगति पर्यावरण संरक्षक सम्मान, प्रगति पर्यावरण मित्र सम्मान और प्रगति पर्यावरण ब्रांड एंबेसडर सम्मान से नवाजा गया। कार्यक्रम का संचालन इग्नू के डॉ कीर्ति विक्रम सिंह और धन्यवाद ज्ञापन पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने दिया।

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