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प्रदेश सरकार कुपोषण मुक्त के लिए है प्रतिबद्ध

प्रदेश सरकार कुपोषण मुक्त के लिए है प्रतिबद्ध

  • वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से किया गया पोषण पाठशाला का आयोजन
  • माँ का दूध हर बच्चे का अधिकार तथा प्रकृति का उपहार -श्रीमती अनीता सी मेश्राम

 लखनऊ: 28 मई, 2022

पोषण के सन्देशों को घर-घर तक पहुॅंचाने की परिकल्पना को साकार करने के लिए जन-मानस एवं लाभार्थियों को विभाग की सेवाओं, पोषण प्रबन्धन, कुपोषण से बचाव के उपाय, पोषण शिक्षा आदि के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टाहार श्रीमती अनीता सी मेश्राम की अध्यक्षता में ‘‘पोषण पाठशाला‘‘ का मासिक आयोजन किया जायेगा। इस श्रृंखला का प्रथम आयोजन 26 मई, 2022 दिन वृहस्पतिवार को प्रारम्भ किया गया। इस कार्यक्रम की शुरूआत में निदेशक, राज्य पोषण मिशन श्री कपिल सिंह ने प्रमुख सचिव की परिकल्पना उपरान्त पोषण पाठशाला का आयोजन किया गया। जन-मानस के पोषण एवं स्वास्थ्य में सुधार के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रारम्भ किये गए पोषण अभियान का मुख्य फोकस जन-भागीदारी व जन-आन्दोलन है।

प्रमुख सचिव, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग एवं महानिदेशक, राज्य पोषण मिशन श्रीमती अनीता सी0 मेश्राम द्वारा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उल्लेख किया गया कि प्रदेश सरकार कुपोषण को मिटाने के लिए प्रतिबद्व है। प्रमुख सचिव ने ‘‘माँ का दूध हर बच्चे का अधिकार तथा प्रकृति का उपहार’’ बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता कार्यक्रमों के अनुरूप आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के क्षमतावर्द्वन एवं तकनीक के उपयोग से उनकी कार्य कुशलता को बढ़ाने तथा विभागीय कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन हेतु उन्हें विगत वर्षों में स्मार्टफोन तथा ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस उपलब्ध कराया गया है, जिसके सहयोग से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा नियमित रूप से बच्चों का वजन व लम्बाई की माप ली जा रही है तथा उनके स्वास्थ्य की नियमित निगरानी कर पोषण स्तर में सुधार लाया जा रहा है।

निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग डा0 सारिका मोहन द्वारा पोषण पाठशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया गया कि विभाग द्वारा 10 मई से 30 जून 2022 के मध्य ष्छव् ॅ।ज्म्त् व्छस्ल् ठत्म्।ैज् थ्म्म्क्प्छळ ब्व्डच्।प्ळछष् (पानी नहीं केवल स्तनपान अभियान) चालाया जा रहा है, इसलिए इस प्रथम पोषण पाठशाला कार्यक्रम का मुख्य थीम ‘‘शीघ्र स्तनपान-केवल स्तनपान‘‘ निर्धारित की गयी। शीघ्र स्तनपान-केवल स्तनपान की आवश्यकता, महत्व, उपयोगिता आदि विषय के प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त व दक्ष वक्ताओं द्वारा पोषण पाठशाला में चर्चा किए जाने पर प्रकाश डाला गया। लाभार्थियों को बेहतर से बेहतर जानकारी प्रदान करना, भ्रान्तियों को दूर करना तथा स्वास्थ्य व पोषण के प्रति जागरूक करना इसका मुख्य उददेश्य रहा।

विभाग द्वारा कुपोषण मिटाने में विगत वर्षों में जो उत्कृृष्ट कार्य किए गए हैं, उसी का परिणाम है कि भारत सरकार द्वारा कराए गए राष्ट्रीय स्तर के सर्वेक्षण एन0एफ0एच0एस0-05 में एन0एफ0एच0एस0 -04 की अपेक्षा उत्तर प्रदेश के आंकड़ों मंे अपेक्षित सुधार हुआ है तथा राष्ट्रीय स्तर के कई मानकों में उत्तर प्रदेश के आंकड़े राष्ट्रीय औसत से बेहतर हैं। विभाग के लाभार्थियों व आम जन-मानस को स्वास्थ्य शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु पोषण पाठशाला का प्रत्येक माह आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक माह पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा से सम्बन्धित किसी एक विषय पर विभाग के फील्ड स्तर के कार्मिकों एवं लाभार्थियों के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा। जैसा कि सर्वविदित है कि मॉ का दूध अमृत समान है तथा बच्चांे के लिए गर्भावस्था से लेकर प्रथम 1000 दिन स्वर्णिम काल होता है, जिसमें यदि उसके पालन-पोषण आदि पर विशेष ध्यान दिया जाए और जन्म के तुरन्त बाद अनिवार्यतः स्तनपान कराने के साथ-साथ 06 माह तक केवल स्तनपान कराया जाए तो वह बच्चा स्वस्थ व सुपोषित होगा। एक स्वस्थ बच्चा स्वस्थ समाज व स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करता है।

विषय विशेषज्ञों के रूप में डा0 रेनू श्रीवास्तव, डा0 मोहम्मद सलमान खान व डा0 मनीष कुमार सिंह द्वारा शीघ्र स्तनपान-केवल स्तनपान विषय पर विस्तार से चर्चा की गयी तथा जन्म के एक घण्टे के अन्दर मॉं का दूध अनिवार्यतः पिलाने तथा छः माह तक केवल मॉं का दूध (पानी, शहद, घुट्टी आदि कुछ भी नहीं पिलाना है) पिलाने की महत्ता, आवश्यकता तथा उसके लाभ के साथ-साथ समाज में फैैली भ्रान्तियों के सम्बन्ध में लाभार्थियों को परामर्श दिया गया। साथ ही साथ जनपद लखनऊ, श्रावस्ती, बहराइच, मुरादाबाद, आगरा आदि से 14 लाभार्थियों (गर्भवर्ती एवं धात्री महिला) द्वारा प्रश्न पूछे गए प्रश्न का विस्तारपूर्वक उत्तर दिया गया। वेबकास्ट के द्वारा प्रदेश के 1.89 लाख से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया गया, जिसे 21,88,350 से अधिक पंजीकृत गर्भवती/धात्री महिलाएं व उनके अभिभावकों द्वारा देखा व सुना गया।

एन0आई0सी0 के माध्यम से सम्पन्न इस कार्यक्रम को श्रीमती अनीता सी0 मेश्राम, प्रमुख सचिव, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, उ0प्र0 शासन तथा महानिदेशक, राज्य पोषण मिशन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यालय से डॉ0 सारिका मोहन, निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, उ0प्र0, डा0 विभा चहल, अपर निदेशक (प्रशासन) बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, श्री कपिल सिंह, निदेशक, राज्य पोषण मिशन, श्रीमती सत्यवती सरोज, उपनिदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, उ0प्र0, श्री सेराज अहमद, संयुक्त परियोजना समन्वयक, श्री सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी के साथ-साथ श्री संजय अग्रवाल, वरिष्ठ तकनीकी निदेशक, एन.आई.सी., यू0पी0-टी0एस0यू0, यूनिसेफ, वर्ल्ड बैंक व एलाइव एण्ड थ्राइव के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जनपद के जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविकाएं अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी तथा गर्भवती एवं धात्री महिलायें लाभार्थी रूप में इस कार्यक्रम में उपस्थित रही।

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