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न्यायाधीशों के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘विश्व संसद’ की जोरदार आवाज बुलंद की डा. जगदीश गाँधी ने

न्यायाधीशों के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘विश्व संसद’ की जोरदार आवाज बुलंद की डा. जगदीश गाँधी ने

लखनऊ, 30 अप्रैल। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने आज पेरू की राजधानी लीमा स्थित नेशनल पैलेस ऑफ जस्टिस में आयोजित न्यायाधीशों के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विश्व एकता, विश्व शान्ति व विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य की पुरजोर वकालत करते हुए एक स्वर से कहा कि विश्व संसद के गठन व प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था की स्थापना से ही विश्व में एकता, शान्ति, सहयोग व सौहार्द का वातावरण निर्मित किया जा सकता है। इस पुनीत कार्य में दुनिया भर के माननीय न्यायाधीशों की अहम भूमिका है। पेरू के ज्यूडिशियल रिसर्च सेन्टर, एक्जीक्यूटिव काउन्सिल ऑफ सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्टर ब्रूनो एल्बर्टो नोवोआ कम्पोस ने न्यायाधीशों के इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित करने हेतु डा. जगदीश गाँधी को खासतौर पर आमन्त्रित किया था। डा. गाँधी ने आज इस सम्मेलन को ऑनलाइन सम्बोधित किया। ‘जस्टिस एण्ड वर्ल्ड कॉस्टीट्यूशन’ थीम पर आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न अफ्रीकी देशों के मुख्य न्यायाधीशों व न्यायाधीशों ने प्रतिभाग किया। यह सम्मेलन सुप्रीम कोर्ट ऑफ लीमा, पेरू की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुश्री जोसेफ इजागा के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विश्व के विभिन्न देशों के न्यायाधीशों को सम्बोधित करते हुए डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि विश्व के ढाई अरब बच्चे अपने लिए सुरक्षित भविष्य चाहते हैं जहाँ भावी पीढ़ी एकता, शान्ति, सहयोग व सौहार्द के वातावरण में फल-फूल सके। जब तक विश्व समुदाय में एकता, समानता व शान्ति का वातावरण नहीं बनेगा, तब तक भावी पीढ़ी का भविष्य भी सुरक्षित नहीं है। विश्व के बच्चे आज बड़ी आशा से विश्व की न्यायिक बिरादरी की ओर निहार रहे हैं, क्योंकि भावी पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य का अधिकार दिलाने में न्यायिक बिरादरी का सहयोग बहुत अहम है। 

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