Skip to main content

मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ व आईएपी लखनऊ ने चिकित्सकों के लिए किया वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन

मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ व आईएपी लखनऊ ने चिकित्सकों के लिए किया वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन

लखनऊ, 7 मार्च 2022: मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ के सहयोग से इंडियन एकेडमी ऑफ  पीडियाट्रिक्स ने चिकित्सकों के लिए बाल रोगों के सम्बंध में हुए वैज्ञानिक शोधों और प्रगति के विषय मे चर्चा का आयोजन किया। इस चर्चा के दौरान बच्चों में होने वाली गंभीर बीमारियों के शोध पत्रों के विषय पर व्याख्यान दिया गया।  राजधानी लखनऊ के प्रतिष्ठित बाल रोग विशेषज्ञों ने कई गंभीर बीमारियों के विषय मे चर्चा की। 

चर्चा के प्रतिभागियों को आईएपी के चेयरपर्सन डॉ अजय कुमार और डॉ पियाली भट्टाचार्य ने आईएपी लखनऊ के क्रियाकलापों के विषय में संक्षिप्त जानकारी दी। डॉ. अभिषेक बंसल आईएपी अध्यक्ष, लखनऊ व डॉ. अमित रस्तोगी, आईएपी सचिव ने गर्मजोशी के साथ मेहमानों और प्रतिभागियों का स्वागत किया।

इस अवसर पर चर्चा की शुरुआत करते हुए डॉ अनिल गुप्ता - सीनियर कंसलटेंट, पीडियाट्रिक इंटेनसिविस्ट – मेदांता हॉस्पिटल ने  बताया, “वर्तमान समय में बाल रोग गम्भीर चुनौतियों में से एक है क्योंकि बच्चों के आगे आने वाले भविष्य को प्रभावित करते हैं। दुनिया भर में बच्चों की गम्भीर बीमारियों के इलाज के लिए  लगातार शोध चलते रहते हैं। बच्चों में होने वाली बीमारियों का नकारात्मक असर न केवल बच्चे व परिवार पर पड़ता है बल्कि समय से इलाज न होने पर यह देश के लिए एक बहुमूल्य ह्यूमन रिसोर्स के नुकसान  का कारण भी बनता है। इसलिए बच्चों में होने वाले रोगों का समय से इलाज नितांत अवाश्यक है।"

डॉ गुप्ता ने कहा, " बच्चों में कोई भी बीमारी, दुर्बलता, या असामान्य स्थिति जो मुख्य रूप से नवजात शिशुओं और बच्चों को भ्रूण में शूरू हुई उनकी आयु से लेकर किशोरावस्था तक प्रभावित करती है। हालाँकि, बच्चों की अधिकतर बीमारियाँ वयस्कों के समान होती हैं, फिर भी इनमें कई महत्वपूर्ण अंतर होते हैं।  उदाहरण के लिए, कुछ विशिष्ट विकार, जैसे कि असामयिक यौवन, यह बच्चों में असामान्य अवस्था हैं। इसके अलावा जैसे कि तीव्र नेफ्रैटिस या गुर्दे में सूजन बच्चों में आम हैं और वयस्कों में दुर्लभ हैं।  साथ ही, कुछ बीमारियां जो वयस्कों में आम हैं, बच्चों में कम होती हैं, जैसे कि हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर। बच्चों की बीमारियों के निदान और उनके इलाज के लिए भी डॉक्टर को उतना ही कुशल होना चाहिए जितना कि एक वयस्क के इलाज के लिए।"

उन्होंने बच्चों को होने वाली बीमारियों के अत्याधुनिक इलाज के सम्बंध में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में बताया, "मेदांता अस्पताल लखनऊ में पूरी तरह से बच्चों के इलाज के लिये समर्पित अत्याधुनिक पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट* (बच्चों के लिए गहन देख रेख सेवा) की शुरुआत हो चुकी है । अब राजधानी लखनऊ में एक ही छत के नीचे विभिन्न प्रकार के बाल रोगों का इलाज़ सरलता से उपलब्ध है। यह सुविधा मेदांता के अनुभवी व कुशल डॉक्टर्स की देखरेख में उपलब्ध है। इस सुविधा के शुरू हो जाने से अब उत्तर प्रदेश और इसके सीमावर्ती पड़ोसी राज्यों  के बाल रोगियों के इलाज के लिए मेट्रो शहरों की ओर रुख नही करना होगा। मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में पीआईसीयू के तहत जो सुविधाएं उपलब्ध हैं, उनमें गंभीर बीमारियाँ के ईलाज के साथ वेंटिलेटर, डायलिसिस ,एकमो (इसीएमओ), सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलोजी ,न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी , कैंसर आदि से सम्बन्धित अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाएं 24x7 उपलब्ध है।"

मेदान्ता अस्पताल के बालरोग गैस्ट्रो विशेषज्ञ डॉ दुर्गा प्रसाद ने बच्चों में पीलिया रोग के सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया, "नवजात शिशुओं में पीलिया होना एक आम बात है और यह नुकसानदायक नहीं होता है। नवजात शिशुओं के शरीर मे बिलिरुबिन की मात्रा उनके शरीर मे मौजूद अधिक लाल रक्त कोशिकाओं के चलते बढ़ी हुई होती है। उनका यकृत बिलिरुबिन को प्रोसेस करके शरीर से बाहर निकालने में सक्षम नहीं होता। नवजात शिशु स्वस्थ है तो दो हफ्ते के अंदर यह समस्या दूर हो जाती है।"*

उन्होंने आगे बताया, "अगर शिशु को जन्म से ही पीलिया है तो मूत्र पीला और मल सफेद रंग का होगा, यह लीवर की बीमारी का संकेत है। इसके अलावा यदि बच्चे की  त्वचा और आंखों में पीलापन आ रहा है, तो ऐसे में बालरोग गैस्ट्रो विशेषज्ञ चिकित्सक से तुरंत सलाह लेनी चाहिए और उनके कुशल निर्देशन में पीलिया होने के कारण का पता लगाकर इलाज कराना चाहिए।  बड़े बच्चों में पीलिया का मुख्य कारण वायरल संक्रमण होता है, जिसमें कभी-कभी लीवर फेलियर की संभावना अत्यधिक होती है। इस हालत में मरीज की जान बचाने के लिए लिवर ट्रांसप्लांट आवश्यक हो जाता है। लखनऊ और आसपास के इलाकों में रहने वालों के लिए यह राहत की बात है कि मेदांता हॉस्पिटल में अब लिवर ट्रांसप्लांट की अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध है।"

 डॉ दुर्गा प्रसाद ने बच्चों में होने वाले पीलिया के इलाज के तरीकों में हुए आधुनिक बदलावों और आंकड़ों को भी प्रस्तुत किया। उन्होंने राजधानी लखनऊ में लिवर से सम्बंधित रोगों के इलाज की सुविधा के बारे में बताया  कि अब मेदांता हॉस्पिटल में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, अग्नाशय और यकृत संबंधी समस्याओं वाले बच्चों के इलाज की अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध है। मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में एंडोस्कोपी, कोलोनोस्कोपी, आंतों की बायोप्सी और लीवर बायोप्सी जैसी सभी सुविधाओं से लैस विश्व स्तरीय बाल चिकित्सा प्रदान की जाती है।  

उन्होंने बताया कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव के प्रबंधन के साथ उल्टी और पेट दर्द  सिरोसिस, विल्सन रोग, ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस सहित सभी जिगर के रोगों का इलाज किया जाता है और हाल ही में मेदांता में  उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त टीम की देखरेख में लीवर ट्रांसप्लांट भी शुरू किया गया है।

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।