Skip to main content

सीएसआईआर-एनबीआरआई में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया

सीएसआईआर-एनबीआरआई में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया

  • कार्य में आनंद और आत्मसंतुष्टि ही सच्ची सफलता : डॉ. शची

सीएसआईआर-एनबीआरआई, लखनऊ आज दिनांक 08 मार्च 2022 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह का आयोजन किया गया |इस अवसर पर समाज सेविका डॉ. शचि सिंह, संस्थापक, एहसास (एनजीओ) लखनऊ मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थी|

मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुये प्रो बारिक ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां नारी के विभिन्न देवी स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है वहीं दूसरी ओर वास्तविक जीवन में अभी भी इन मूल्यों को अपनाने से हम अभी दूर हैं। जब तक हम महिलाओं को सार्वजनिक जीवन में वैसा ही सम्मान नहीं देते इन दिवसों को मनाने का कोई औचित्य नहीं बनाता । उन्होने संस्थान की महिला कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाएं कार्य स्थल की ज़िम्मेदारी उठाने के साथ साथ घर-परिवार, बच्चों,  एवं पति की भी जिम्मेदारियाँ संभालती हैं अतः पुरुष सहकर्मियों को चाहिए कि इस स्थिति को समझ कर ही महिला कर्मियों के विषय में कोई विचार रखे एवं निर्णय लें। वहीं महिला कर्मियों का भी आवाहन किया कि वह अपनी जिम्मेदारियों को और भी निष्ठा पूर्वक पूर्ण करें।

कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए डॉ. विधु साने, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक ने बताया कि एक समय इस दिन को राजनीतिक विरोध के लिए मनाया जाता था लेकिन समय के साथ साथ अब इसे उन महिलाओं के संघर्षों का सम्मान करने के लिए मनाया जाने लगा है जिनहोने अपने कार्यों एवं प्रयासों से विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान बनाई।

मुख्य अतिथि डॉ. शचि सिंह ने अपने सम्बोधन में रेलवे प्लेटफॉर्मों पर बेसहारा बच्चों के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि हम सभी रेल्वे प्लेटफॉर्म पर आते जाते हैं लेकिन वहाँ एक अलग ही दुनिया बसती है जिसका एहसास हमको कम ही हो पता है। यहाँ बेसहारा बच्चों की एक भीड़ होती है जो कूड़ा उठाने, सामान बेचने से लेकर भीख मांगने में व्यस्त रहती है। इनमें से अधिकांश ऐसे होते हैं जो घरों से भाग कर आए होते हैं और धीरे धीरे इस अंधेरी दुनिया में खो जाते हैं। आज हम अपने आस पास देखें तो हमें इनमें 13 वर्ष से अधिक उम्र की लड़कियां देखने को नहीं मिलतीं, वे या तो घरों में काम करने लगती हैं, या उनकी कम उम्र में शादी हो जाती है या बुरी नजरो का निशाना बन कर जीवन भर अंधेरे में खो जाती हैं। उन्होने कहा कि आज आवश्यकता है कि इन समस्याओं के आकड़ों में न पड़कर अपने स्तर पर इस स्थिति को बदलने की हर छोटी से छोटी कोशिश की जाय । उन्होने युवा लड़कियों को सफलता के सूत्र भी दिये और कहा कि सफलता का अर्थ अपने कार्य से मन में खुशी एवं संतोष होना है और इसके लिए आवश्यक है कि स्वयं को स्त्री/पुरुष से ऊपर उठाकर एक अच्छा इंसान बनाने के लिए स्वयं पर कार्य किया जाय, अन्तर्मन की आवाज सुनी जाय, अपने एहसासों को समझा जाय, भयमुक्त होकर ईमानदार तरीके से अपना कार्य किया जाए, प्रेमी एवं दयालु बना जाय एवं हमेशा अपने अंदर की शक्ति पर विश्वास रखा जाए

समारोह के अंत में डॉ. मेहर आसिफ़, प्रधान वैज्ञानिक ने धन्यवाद् ज्ञापन प्रस्तुत किया इस अवसर पर संस्थान में कार्यरत महिला वैज्ञानिक एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे |

Reporting : Arif Mukim

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।