Skip to main content

अपोलोमेडिक्स अस्पताल ने सफलतापूर्वक लिविंग डोनर विधि से ट्रांसप्लांट कर बचाई मरीज की जान

अपोलोमेडिक्स अस्पताल ने सफलतापूर्वक लिविंग डोनर विधि से ट्रांसप्लांट कर बचाई मरीज की जान 

  • कोरोना काल के दौरान लगातार तीसरा सफल लिवर प्रत्यारोपण
  • लिवर डोनर और रेसिपियंट दोनों हैं स्वस्थ्य 

लखनऊ 13 जनवरी 2022: अपनी स्थापना के बाद से अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल लखनऊ निरंतर नई और अल्ट्रा मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी से मरीजों को नया जीवनदान दे रहा है। इसी कड़ी में अपोलोमेडिक्स अब एनसीआर के बाद लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट करने वाला यूपी का सर्वश्रेष्ठ अस्पताल बन चुका है। अस्पताल में एक 37 वर्षीय लिवर के मरीज की लिविंग डोनर ट्रांसप्लांट के जरिये जान बचाई गई, इस व्यक्ति को लिवर डोनेट उसकी पत्नी ने किया था। 

अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल लीवर ट्रांसप्लांट एंड एचपीबी सर्जरीज के कंसलटेंट डॉ आशीष मिश्रा ने बताया कि 37 वर्षीय युवक का सफल लिवर ट्रांसप्‍लांट किया गया। वे बेहद गंभीर हालत में अपोलोमेडिक्स आए थे। उन्हें लंबे समय से लिवर की बीमारी थी और पेट में पानी भरा था। इलाज में उनका लंबा खर्चा हो चुका था और वे इलाज के लिए कई अस्पताल जा चुके थे। साथ में उन्हें डायबिटीज भी थी। इस दौरान वे अनेकों बार आइसीयू में भी भर्ती रहे और मौत के मुंह से बाहर आए थे। वे लिवर खराब होने की वजह से कुछ खा-पी नहीं पा रहे थे जिस कारणवश उनका शरीर बेहद कमजोर हो गया था। अपोलो हॉस्पिटल में उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया जिससे वे लंबा जीवन जी सकते थे। मरीज का लिविंग डोनर से ट्रांसप्लांट किया गया। लिवर का लोब उनकी पत्नी जिनकी उम्र 32 वर्ष थी उनसे लिया गया। उनके लिवर का 60 से 65 प्रतिशत हिस्सा लिया गया। रेसीपियंट का ट्रांसप्लांट लगभंग 16 से 17 घंटे तक चला, वहीं डोनर की सर्जरी लगभग 7 से 8 घंटे तक चली। डोनर और रेसीपियंट दोनों स्वस्थ्य है और शीर्घ ही डिस्चार्ज होंगे। लगातार कई सफल लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्‍लांट करने वाला अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इलाके का पहला प्राइवेट हॉस्पिटल बन गया है।

कंसलटेंट सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड लिवर ट्रांसप्लांट डॉ वलीउल्लाह ने कहा, “लिवर ट्रांसप्लांट को लेकर समाज में बहुत सारे मिथक हैं, जिससे लोग डर जाते हैं। लिवर ट्रांसप्लांट पूरी तरह से सुरक्षित और जीवन रक्षक प्रक्रिया है। यह दो तरीकों से किया जाता है, एक है कैडेवर लिवर ट्रांसप्लांट, जिसमें मरीज को मृत व्यक्ति का लिवर दिया जाता है। दूसरा है लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट, जिसमें उसके परिवार के किसी जीवित व्यक्ति के लीवर का लगभग दो-तिहाई हिस्सा मरीज में ट्रांसप्लांट किया जाता है। डोनर का लिवर केवल 3-6 सप्ताह में अपने मूल आकार में वापस आ जाता है। इसका दाता के शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।"

निदेशक एवं चिकित्सा सेवा और क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ अजय कुमार ने कहा, "लिवर प्रत्यारोपण एक बहुत ही जटिल सर्जरी है जिसमें न केवल कुशल डॉक्टरों की टीम की आवश्यकता होती है, बल्कि शल्य चिकित्सा के बाद उत्कृष्ट देखभाल और क्रिटिकल केयर बैकअप की भी आवश्यकता होती है। अपोलोमेडिक्स में हमारे पास ट्रांसप्लांट रोगी की चौबीसों घंटे देखभाल के लिए 24x7 क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों के साथ समर्पित ट्रांसप्लांट आईसीयू है जो यह सुनिश्चित करता है कि संक्रमण मुक्त और सुरक्षित वातावरण हो क्योंकि ट्रांसप्लांट के मरीज संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं।”

अस्पताल में कई लिविंग लिवर डोनर ट्रांसप्लांट की सफलता से उत्साहित, अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के सीईओ और एमडी, डॉ मयंक सोमानी ने कहा, “हमें बेहद गर्व है कि हमारी टीम लिवर जैसी जटिल बीमारियों से पीड़ित रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज कर रही है। न केवल लखनऊ बल्कि पड़ोसी राज्यों से भी प्रत्यारोपण कर रहा है और अपोलोमेडिक्स अस्पताल मरीजों को एक छत के नीचे अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक से लैस अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रहा है व सख्त कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है। मैं डॉ. आशीष कुमार मिश्रा, डॉ वलीउल्लाह सिद्दीकी, डॉ राजीव रंजन और डॉ सुहांग वर्मा सहित लीवर ट्रांसप्लांट की पूरी टीम को लगातार तीसरे सफल जीवित डोनर लिवर ट्रांसप्लांट के लिए बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि हमारी टीम लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरती रहेगी। मैं सभी से स्वस्थ खाने और बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए सक्रिय जीवनशैली अपनाने की अपील करता हूं।

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन लखनऊ, जुलाई 2023, अयोध्या के श्री धर्महरि चित्रगुप्त मंदिर में भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन  किया गया। बलदाऊजी द्वारा संकलित तथा सावी पब्लिकेशन लखनऊ द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन संत शिरोमणी श्री रमेश भाई शुक्ल द्वारा किया गया जिसमे आदरणीय वेद के शोधक श्री जगदानंद झा  जी भी उपस्थित रहै उन्होने चित्रगुप्त भगवान् पर व्यापक चर्चा की।  इस  अवसर पर कई संस्था प्रमुखो ने श्री बलदाऊ जी श्रीवास्तव को शाल पहना कर सम्मानित किया जिसमे जेo बीo चित्रगुप्त मंदिर ट्रस्ट,  के अध्यक्ष श्री दीपक कुमार श्रीवास्तव, महामंत्री अमित श्रीवास्तव कोषाध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव ,कयस्थ संध अन्तर्राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश खरे, अ.भा.का.म के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश कुमार जी एवं चित्रांश महासभा के कार्वाहक अध्यक्ष श्री संजीव वर्मा जी के अतिरिक्त अयोध्या नगर के कई सभासद भी सम्मान मे उपस्थित रहे।  कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव जी ने की एवं समापन महिला अध्यक्ष श्री मती प्रमिला श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम