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'मेरी डोली मेरे अंगना’ में नए ट्विस्ट ने जगाई दिलचस्पी

 'मेरी डोली मेरे अंगना’ में नए ट्विस्ट ने जगाई दिलचस्पी

आजाद चैनल का प्राइमटाइम शो ‘मेरी डोली मेरे अंगना’ में आया ट्विस्ट टेलीविजन दर्शकों के मन में जबर्दस्त उत्सुकता जगा रहा है। शो में ज्ञानेंद्र की भूमिका निभाने वाले सुरेंद्र पाल कहते हैं, ‘‘इस शो को देखने वालीं महिला दर्शक जब मुझसे मिलती हैं, तो बताती हैं कि मेरी भूमिका उन्हें अपने पिता की याद दिलाती है क्योंकि उन्होंने भी उनके लिए उसी तरह त्याग किया जैसे मैं शो में करता हूं।’’ इधर, जानकी का किरदार निभाने वालीं आस्था अभय अपने रोल को लेकर बताती हैं, ‘‘मौजूदा ट्रैक में आप देख सकते हैं कि अब परिवार का नया वारिस बिट्टू आ गया है और जानकी अब घर की बेटी नहीं रही। उसकी शादी घर के बेटे से हो चुकी है और अब वो उसी घर में बहू बन गई है। उसकी पहचान से लेकर उसकी जिम्मेदारी तक, सबकुछ पूरी तरह बदल चुके हैं। अब उसे एक आदर्श बहू की सभी जिम्मेदारियां निभानी हैं। परिवार उससे एक निश्चित तरीके से व्यवहार और आचरण करने की उम्मीद करता है, जैसे हम भारत के छोटे शहरों और गांवों में देखते हैं जहां बहू इन सब बातों की आदी होती है। परिवार के सदस्यों के साथ उसका रिश्ता बदल गया है, जो दिखाएगा कि अब परिवार के हर सदस्य उसके साथ किस तरह का व्यवहार करते हैं।’’

शो का शीर्षक सभी को हैरान कर देता है और अब, जानकी की बिट्टू से शादी के बाद, रिश्ते वाकई एक नया मोड़ लेते हैं, जिससे जानकी हैरान रह जाती है। अब जबकि सभी ये जान गए हैं कि जानकी नहीं बल्कि बिट्टू घर का असली बेटा है, तो वो लोग जिन्हें जानकी अपने पिता, माता और दादी के रूप में जानती थी, अब उसके बहू बनने के बाद उससे वो प्यार और स्नेह नहीं रखते। इंदुलता, जानकी की श्मुंह दिखाईश् की रस्म से इंकार कर देती हैं और अपने बेटे बिट्टू का ‘नामकरण’ करने पर जोर देती हैं और इस बात में दादी भी उसका समर्थन करती हैं। एक और उदाहरण है जब दादी जानकी से नाराज हो जाती है क्योंकि वो अपने पल्लू को अपने सिर पर नहीं रख पा रही है और जानकी के सिर पर इसे स्थायी रूप से लगाने के लिए कील मांगती है और उसे ताना देती हैं। गौरतलब है कि ‘मेरी डोली, मेरे अंगना’ सोमवार से शनिवार रात नौ बजे आजाद चैनल पर प्रसारित है।

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