संक्रमित बीमारियों से बचाव को लेकर बच्चों को किया जायेगा जागरूक
- बच्चों को बताया जायेगा सही ढंग से हाथ धोने का तरीका
लखनऊ। महामारी कोविड समेत संक्रमित बीमारियों से बचाव को लेकर जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों को सही तरीके हाथ धोने के तरीकों के बारे में प्रोत्साहित किया जायेगा, ताकि वह कोविड सहित विभिन्न संक्रमित बीमारियों से बचाव कर सकें। इस प्रोत्साहन कार्यक्रम को चलाने के लिये खासकर हिन्दीभाषी लोगों के लिये जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन और मनोरंजन क्षेत्र की सैनरियो ने एक वीडियो तैयार किया है, जिसमें हेलोकिटी बच्चों को हाथ धोने के सही तरीके को बढ़ावा देने के लिये गाना गाती नजर आ रही है। अगले माह से हिन्दी भाषा में यह वीडियो उपलब्ध हो जायेगा। हेलोकिटी अपने आकर्षक बनावट और दूसरों के प्रति दया के साथ दुनिया की जानी मानी किरदार है। बीते कुछ वर्षों में हेलो किटी ने अपने यूट्यूब चैनल हेलो किटी चैनल के माध्यम से स्थायी विकास लक्ष्यों एसडीजी की प्रचार गतिविधि पर ध्यान देना शुरू किया है। संयुक्त राष्ट्र यूएन ने उनके समर्पण को स्वीकार किया और सितंबर 2019 से हेलो किटीने यूएन के साथ मिलकर अपने वीडियो के माध्यम से पूरी दुनिया में एसडीजी से जुड़े प्रयास शुरू किए हैं। नागाई शिनसुके, सीनियर रिप्रेज़ेंटेटिव ने कहा संस्था कोविड 19 का मुकाबला करने में भारत सरकार का सहयोग कर रही है जिसके लिए उन्होंने 5500 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद भी दी है और स्थिति का सामना करने के लिए अन्य उपायों पर भी विचार कर रही है। अच्छी आदत अभियान के माध्यम से हम जिन स्कूली बच्चों और अन्यलोगों तक पहुंचे हैं, उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों और पड़ोसियों समेतअपने प्रियजनों को सुरक्षित रखने के लिए सफ़ाई की प्रक्रिया के सिद्धांतों को सीखनेका आनंद लिया। चूंकि भारत के लिए तीसरी लहर से बचना ज़रूरी है, इसलिए हमें इस संदेशका प्रचार-प्रसार करना जारी रखना होगा। हमें उम्मीद है कि भारत में ज़्यादा से ज़्यादालोग हेलो किटी के वीडियो का आनंद लेंगे और हाथ धोने की प्रक्रियाओं के महत्व पर ध्यानदेती रहेगी। वीडियोका इस्तेमाल अच्छी बात अभियान में आईईसी मैटेरियल के तौर पर भी किया जाएगा जिसकीशुरुआत जायका इंडिया ने इस साल की शुरुआत में कोविड-19 और अन्य संक्रामक रोगों के प्रसारको रोकने से जुड़ी साफ-सफाई की प्रक्रियाओं के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए की थी। यह अभियान जनवरी से जारी है। जायका और इससे जुड़े संगठन दिल्ली, एनसीआर, उत्तरप्रदेश, ओडिशा, गुजरात, झारखंड और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में शैक्षणिक सत्रों का आयोजन कर चुके हैं।
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