Skip to main content

मार्गों के चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण के चालू कार्यों हेतु रू0 43 करोड़ 61 लाख 61 हजार की धनराशि की गयी अवमुक्त

मार्गों के चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण के चालू कार्यों हेतु रू0 43 करोड़ 61 लाख 61 हजार की धनराशि की गयी अवमुक्त

  • नाबार्ड वित्त पोषित आर0आई0डी0एफ0 योजना के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों के 12 मार्गों के चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण के चालू कार्यों हेतु रू0 43 करोड़ 61 लाख 61 हजार की धनराशि की गयी अवमुक्त

लखनऊ, दिनांक 07सितम्बर 2021

उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में नाबार्ड वित्त पोषित आर0आई0डी0एफ0 योजना के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों के 12 मार्गों के चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण के चालू कार्यों हेतु रू0 43 करोड़ 61 लाख 61 हजार धनराशि अवमुक्त की गयी है। इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश उ0प्र0 शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।

इन 12 चालू कार्यों में जनपद बलिया, बस्ती, देवरिया, सीतापुर, मेरठ, बागपत व बिजनौर के कार्य सम्मिलित हैं। जारी शासनादेश में सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि नाबार्ड योजनान्तर्गत निर्माणाधीन सेतुओं के गुणवत्तायुक्त निर्माण की प्रगति नियमित समीक्षा कर शासन को उपलब्ध करायी जाय तथा यह भी निर्देश दिये गये हैं कि आवंटित धनराशि का व्यय वित्तीय हस्तपुस्तिकाओं के सुसंगत प्राविधानों एवं समय-समय पर शासन द्वारा निर्गत शासनादेशों के अनुरूप किया जाय।

उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिये हैं कि इन कार्यों में वित्तीय निर्देशो का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय एवं परियोजना को ससमय पूर्ण किया जाय तथा जारी शासनादेशों में उल्लिखित दिशा-निर्देशों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाय।

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।