रमजान हेल्पलाइन
लखनऊ 7 मई।, रमजान हेल्पलाइन देश में इस किस्म की पहली हेल्पलाइन है। इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के तहत् दारूल निजामिया फरंगी महल में रोज़ेदारों की दीनी और शरअई रहनुमाई के लिए वर्ष 2002 में रमजान हेल्पलाइन कायम की गयी थी जिसकी मकबूलियत खुदा पाक के करम से आज भी बरकरार है।
इस हेल्प लाइन से लोग फोन और म.उंपस के जरिए रोजा, नमाज, जकात और दूसरे सवालात मुल्क और बाहर के मुल्कों से भी करते है। इन सवालात के जवाब मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में उलमा का एक पैनल देता है, लोग अपने सवालात दोपहर 2 बजे से 4 बजे के दौरान इन नम्बरों
9415023970 9335929670, 9415102947, 7007705774, 9140427677 और E-mail : ramzanhelpline2005@gmail.com www.farangimahal.in पर सवाल पूछ सकते है।
सवाल:1 एक शख्स ने ज़कात की रकम देने के लिए निकाली लेकिन ठीक उसी वक्त उसे कुछ रकम की जरूरत पड़ गयी तो किया वह ज़कात की रकम कर्ज के तौर पर ले सकता है?
जवाब: 1 ज़कात की रकम का तो वही मालिक है जब तक अदा नही कर देता उसका इस्तिमाल करना सही है।
सवाल: 2 क्या पूरे महीने के रोजों का फिदया एक साथ दिया जा सकता है?
जवाब: 2 पूरे महीने के राजों का फिदया एक साथ दिया जा सकता है।
सवाल:3 क्या एैश व आराम की चीजें़ जैसे रेडियो, टी0वी0, फ्रिज, वाशिंग मशीन, मोटर साइकिल पर भी जकात है?
जवाब:3 इन सभी चीजों पर जकात नही। लेकिन जे़वरात पर ज़कात है चाहे वह इस्तिेमाल हुए हों या नही जबकि निसाब को पहंुच रहे हों।
सवाल: 4 सदक़ा फित्र किस किस की तरफ से देना वाजिब है?
जवाब: 4 सदका फित्र अपनी और अपनी नाबालिग़ औलाद की तरफ से निकालना वाजिब है।
सवाल: 5 किसी शख्स के पास चार पहियों की गाड़ी है तो क्या उस गाड़ी पर भी ज़कात है?
जवाब: 5 जो गाड़ी निजी इस्तिमाल के लिए हो उस पर ज़कात नही है।
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