एकता से ही मानवता का विकास होता है- डा. महेन्द्र सिंह, जल शक्ति मंत्री, उ.प्र.
लखनऊ, 3 फरवरी। सिटी
मोन्टेसरी स्कूल,
अशर्फाबाद कैम्पस द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘इण्टरफेथ हार्मनी कान्फ्रेन्स’ का भव्य आॅनलाइन उद्घाटन आज
मुख्य अतिथि
डा. महेन्द्र सिंह, जल शक्ति मंत्री, उ.प्र.
ने किया।
रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक प्रस्तुतियों के बीच
सम्पन्न हुए
उद्घाटन समारोह में रूस,
ब्राजील, अमेरिका, स्विटजरलैण्ड, इजिप्ट एवं भारत
के प्रख्यात विद्वजनों एवं
धर्मावलम्बियों ने
आॅनलाइन उपस्थिति समारोह की
गरिमा बढ़ाई,
साथ ही
विश्व एकता
व विश्व
शांति के
लक्ष्य हेतु
सभी धर्मो
के बीच
समन्वय का
संदेश दिया।
इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में
रूस की
सुश्री नीना
गोन्चोर्वा, ब्राजील की सुश्री कार्मन बालहेस्टिरो, रूस के
प्रो. अलेक्जेंडर चुमकोव, इजिप्ट के जस्टिस आदेल ओमर
शेरीफ, स्विटजरलैण्ड से
श्री एलिन
वेयर, अमेरिका से डा.
हाँग ताओ
जी आदि
ने अपनी
भागीदारी निभाई
तो वहीं
दूसरी ओर
देश के
विभिन्न प्रख्यात धर्मावलम्बियों जैसे
ईसाई धर्म
से रेवरेन्ड डा. डोनाल्ड एच. आर. डिसूजा, बौद्ध धर्म से
श्री भीखू
ज्ञानालोक, जैन धर्म से
श्री शैलेन्द्र जैन, सिख धर्म से
श्री हरपाल
सिंह जग्गी,
हिन्दू धर्म
से श्री
मधु स्मिता दास, इस्लाम धर्म से
मौलाना खालिद
रशीद फिरंगी महली एवं
मौलाना डा.
कल्बे नूरी
एवं बहाई
धर्म से
श्री अनिल
सरवाल ने
अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
सम्मेलन का
उद्घाटन करते
हुए मुख्य
अतिथि डा.
महेन्द्र सिंह,
जल शक्ति
मंत्री, उ.प्र. ने कहा कि
एकता व शान्ति के
वातावरण में
ही मानवता का विकास
होता है।
सी.एम.एस. द्वारा आयोजित यह
सम्मेलन एक
अनूठा प्रयास है जिसका
प्रभाव दूरगामी होगा। उन्होंने आगे कहा
कि धर्म
इंसान को
इंसान से
जोड़ता है
और इस
भावना से
भावी पीढ़ी
को अवगत
कराना आज
की सबसे
बड़ी आवश्यकता है।
सम्मेलन के
अन्तर्गत आयोजित प्लेनरी सेशन
में देश-विदेश के
विद्वजनों एवं
धर्मावलम्बियों ने
बहुत ही
सारगर्भित विचार
व्यक्त करते
हुए प्रेम
और भाईचारा की भावना
को बढ़ावा
देने का
आह्वान किया।
इजिप्ट के
डेप्युटी चीफ
जस्टिस न्यायमूर्ति आदेल ओमर
शेरीफ ने
कहा कि
अन्तर-धार्मिक संवाद ही
एकता व शान्ति व्यवस्था की कुंजी
है। रूस
की विचारक व दार्शनिक सुश्री नीना
गोन्चोर्वा ने
कहा कि
प्रेम की
भावना का
विशिष्ट स्थान
है और
यह शान्ति व एकता
स्थापित करने
के लिए
आवश्यक है।
ब्राजील की
सुश्री कार्मन बालहेस्टिरा ने
कहा कि
शिक्षा ही
वह एकमात्र मार्ग है
जिस पर
चलकर समाज
में व्याप्त बुराइयों को
दूर किया
जा सकता
है। रूस
के प्रो.
अलेक्जेंडर चुमकोव ने कहा
कि हमें
बच्चों को
तथा आपस
में एक-दूसरे को
भी अच्छे
कार्यों के
प्रोत्साहित तथा
सशक्त बनाते
रहना चाहिये, इससे चरित्रवान समाज का
निर्माण होगा।
अमेरिका से
डा. हाँग ताओ जी
ने कहा
कि शान्ति मानव जीवन
का लक्ष्य नहीं, बल्कि एक यात्रा हैं, जिस पर अनवरत
चलते रहना
है। बौद्ध
धर्मावलम्बी श्री
भीखू ज्ञानालोक ने कहा
कि हम
सभी को
मिल जुल
कर रहना
चाहिए क्योंकि हमारे देश
को सभी
धर्मों के
सहयोग की
जरूरत है।
जैन धर्मावलम्बी श्री शैलेन्द्र जैन का
कहना था
कि धर्म
में खुलेपन की आवश्यकता है, तभी एकता होगी।
इसी प्रकार ईसाई धर्मावलम्बी रेवरेन्ड डा.
डोनाल्ड एच.
आर. डिसूजा, हिन्दू धर्मावलम्बी श्री मधु
स्मिता दास,
इस्लाम धर्मावलम्बी मौलाना खालिद
रशीद फिरंगी महली एवं
मौलाना डा.
कल्बे नूरी
एवं बहाई
धर्म से
श्री अनिल
सरवाल ने
भी अपने
विचार व्यक्त किये। इस
प्लेनरी सेशन
में देश-विदेश के
विद्वजनों ने
विभिन्न विद्यालयों के छात्रों, शिक्षकों व अन्य दर्शकों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
प्लेनरी सेशन
का संचालन डा. सोहेल मोहाजिर ने
किया।
इस अवसर
पर सी.एम.एस.
संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने
देश-विदेश
के विद्वजनों का हार्दिक स्वागत अभिनन्दन करते हुए
कहा कि
धर्म को
जीवन से
व शिक्षा से अलग
नहीं किया
जा सकता।
अतः यह
जरूरी है
कि हम
सभी के
प्रति प्रेमभाव रखे। यही
उद्देश्य लेकर
अन्तर्राष्ट्रीय इन्टरफेथ सम्मेलन का
आयोजन किया
जा रहा
है। सी.एम.एस.
प्रेसीडेन्ट प्रो.
गीता गाँधी
किंगडन एवं
इण्टरनेशनल इन्टरफेथ कान्फ्रेन्स की
संयोजिका एवं
सी.एम.एस. अशर्फाबाद कैम्पस की
प्रधानाचार्या श्रीमती तृप्ति द्विवेदी ने भी
इस अवसर
पर अपने
विचार रखे।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि
ओम शर्मा
ने बताया
कि इस
अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अन्तर्गत छात्रों के
लिए विभिन्न रोचक प्रतियोगिताएं आयोजित की
गई, जिसके लिए बड़ी
संख्या में
छात्रों ने
अपनी प्रविष्टया भेजी। आज
विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी
छात्रों की
घोषणा की
गई। श्री
शर्मा ने
बताया कि
यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन कल
भी जारी
रहे जिसमें देश-विदेश
के प्रख्यात विद्वजनों एव
धर्मावलम्बियों के
विचारों का
दौर चलेगा। इसके अलावा,
शेष प्रतियोगिताओं के विजयी
छात्रों की
घोषणा भी
की जायेगी।
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