- अत्याधुनिक टावी (ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन) तकनीक द्वारा की गयी यह जटिल सर्जरी। डॉक्टरों ने पैरों की नसों से होते हुए बदला दिल का वाल्व।
- अब वाल्व बदलने की अंतर्राष्ट्रीय तकनीक, अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल लखनऊ में।
- टावी (ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन) तकनीक द्वारा सर्जरी करने वाला उत्तर प्रदेश का पहला निजी संस्थान।
लखनऊ 19 दिसंबर 2020, लखनऊ निवासी 72 वर्षीय श्रीमती रंजना मौर्या के हृदय के वाल्व में सिकुड़न थी जिसको बदलना ही एक मात्र विकल्प था । परन्तु अधिक आयु के साथ साथ उन्हें अन्य कई स्वास्थ्य समस्याएं थी जिस कारण उनकी ओपन हार्ट सर्जरी में अधिक खतरा था। ऐसे में अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ के हार्ट सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने अत्याधुनिक टावी (ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन) तकनीक द्वारा पैरों की नसों से होते हुए बिना कोई चीरा लगाए दिल का वाल्व बदल दिया।
अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ के सी टी वी एस (हार्ट सर्जरी) विभाग के वरिष्ठ हार्ट सर्जन डॉ विजयंत देवनराज ने बताया कि “श्रीमती रंजना मौर्या को अत्यधिक चक्कर आ रहे थे। जांच में पता चला कि उनके एओर्टिक वाल्व में सिकुड़न है जिस कारण उन्हें सिंकोप (चक्कर के साथ बेहोशी आना) की समस्या हो रही थी। उनकी आयु व स्वास्थ्य को देखते हुए उनकी ओपन हार्ट सर्जरी संभव नहीं थी। ऐसे में हमने उनकी टावी (ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन) करने का निर्णय किया। यह एक अत्याधुनिक व सुरक्षित पद्धति है जिसमें बिना कोई चीरा लगाए पैरों की नसों से होते हुए मरीज़ की सर्जरी कर दी जाती है। यह काफी जटिल प्रक्रिया है जो भारत के कुछ चुनिंदा अस्पतालों में ही की जाती है। अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल लखनऊ उत्तर प्रदेश का पहला निजी संस्थान है जहाँ इस तरह की सर्जरी की गयी है। इससे पहले यह सर्जरी पी जी आई लखनऊ व मेडिकल कॉलेज लखनऊ के अतिरिक्त और कहीं नहीं हुई है। सर्जरी के पश्चात् रोगी स्वस्थ है व डिस्चार्ज हो कर अपने घर जा चुका है।“
अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल लखनऊ के एम् डी व सी ई ओ डॉ मयंक सोमानी ने कहा "उत्तर प्रदेश में चिकित्सा के क्षेत्र में अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल लखनऊ प्रतिदिन नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। कोरोना महामारी के कारण दिल्ली मुंबई जैसे शहरों में जाकर इलाज कराना एक बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में हमारा प्रयास है कि हम, सभी लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा सकें जिससे कि उन्हें अच्छे उपचार के लिए कहीं भटकना न पड़े। मैं डॉ विजयंत देवनराज और उनकी टीम को बधाई देता हूँ और आशा करता हूँ कि अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल निरंतर सभी को उत्कृष्ट उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराता रहेगा” ।
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