हुजूर पाक सल्ल0 और सहाबाक्राम रजि0 ने पूरी दुनिया को अमन व सलामती का पैगाम दियाः मौलाना खालिद रशीद
- 24 अक्तूबर से 30 अक्तूबर तक हफ्ता-ए-रहमत का एहतिमाम किया जाए
लखनऊ, 23 अक्तूबर।
इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल के अन्र्तगत दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल की जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में 12 दिवसीय ‘‘सीरतुन्नबी व सीरत-ए-सहाबा रजि0 और तहफ्फुज-ए-शरीअत’’ के जलसे कोविड-19 के प्रोटोकाॅल के कारण किसी भी तरह की भीड़ जमा न करने की वजह से यह 12 दिवसीय जलसे आॅन लाइन ही रिले किये जा रहे हैं।
पाॅचवें जलसे को सम्बोधित करते हुए इमाम ईदगाह व काजी-ए-शहर लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली चेयरमैन इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया ने कहा कि नबी पाक सल्ल0 की जिन्दगी तमाम इंसानों के लिए नमूना है। आप सल्ल0 सारे जहानों के लिए रहमत बनाकर भ्ेाजे गए। आप सल्ल0 ने पूरी दुनिया को तौहीद व रिसालत, अमन व सलामती, रहमत व मुहब्बत, रवादारी, हमदर्दी और एकता का पैगाम दिया। सहाबाक्राम रजि0 की जमाअत इस्लाम से पहले जिहालत व गुमराही की जिन्दगी गुजार रही थी। आप सल्ल0 की तरबियत से वह दुनिया के लिए उदाहरण वाली जमाअत बन गयी।
मौलाना फरंगी महली ने कहा कि हम नबी पाक सल्ल0 और नबी पाक सल्ल0 के सहाबाक्राम से इश्क व मुहब्बत रखते हैं और यही एक मोमिन की पहचान है। उन्होने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हम अपने रहन सहन में बदलाव करें और नबी पाक सल्ल0 की जिन्दगी को अपने लिए उदाहरण बनायें। आज पूरी दुनिया एक बार फिर अंधकार व गुमराही में डूबी हुई है। हर व्यक्ति अपने फायदे के पीछे भाग रहा है। हम सब मिल कर अहद (वादा) करें कि अपनी जिन्दगी को रसूल पाक सल्ल0 के जीवन की रौशनी में गुजारेगं।
मौलाना ने अपील की कि 24 अक्तूबर से 30 अक्तूबर तक हफ्ता-ए-रहमत के तौर पर मनायें और इन सातों दिनों में जुहर की नमाज के बाद अपने क्षेत्र की केन्द्रीय मस्जिद से वेज फूड पैकेट जरूरत मन्दों में बाॅटें क्योंकि नबी पाक सल्ल0 ने इरशाद फरमायाः भूके को खाना खिलाओ और बीमार की अयादत करो और (निर्दोष) कैंदी को रिहा कराओ’’।
जलसे का आरम्भ कारी तरीकुल इस्लाम की तिलावत कलाम पाक से हुआ। नात पाक दारूल उलूम फरंगी महल के विधार्थी मुहम्मद असरार ने पेश की।
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