घर में रहने वाली किसी भी महिला के साथ होने वाली हिंसा गैर कानूनी
- घरेलू हिंसा की शिकायत करने के लिए प्रोटेक्शन अफसर के पास डीआईआर लिखवाना ही काफी
- अधिनियम के अन्तर्गत महिलाओं को गुजारा मिल सकता है भत्ता, निःशुल्क चिकित्सा, सुरक्षा संरक्षण आदेश, घर में रहने का आदेश
- कानून के आने के बाद महिलाओं को रिहाइश का हक मिला, किसी भी हालत में घर से निकाला नहीं जा सकता
- मिशन शक्ति के माध्यम से महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा से बचाव और सहायता के लिए किया गया जागरूक
लखनऊ: 22 अक्टूबर, 2020
प्रदेश सरकार द्वारा मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनों की जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया जा रहा है। महिला कल्याण निदेशक श्री मनोज राय ने कहा कि घर में रहने वाली किसी भी महिला, चाहे वह बेटी, किशोरी, पत्नी, माँ या दादी हों, किसी के साथ भी होने वाली हिंसा गैर कानूनी है। जिसके निवारण के लिए घरेलू हिंसा निवारण अधिनियम प्रदेश में लागू है। उन्होंने बताया कि हिंसा के अंतर्गत शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, भावनात्मक व यौनिक हिंसा आदि आते हैं और घर का आशय है उस घर से होता है जिसमें परिवार रहता हो, चाहे वह अपना हो चाहे किराए का या पुश्तैनी हो।
श्री राय ने बताया कि घरेलू हिंसा की शिकायत करने के लिए पुलिस में एफआईआर लिखवाना जरूरी नहीं है। प्रोटेक्शन अफसर के पास डीआईआर लिखवाना काफी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कानून की जानकारी मिशन शक्ति के माध्यम से अधिक से अधिक लोगो तक पहुँच रही है, जिससे पुरुषों में भी जागरूकता आएगी और महिलाओं पर हिंसा नहीं करेंगे क्योंकि हिंसा करना उनका हक नहीं है तथा हिंसा करने पर उन्हें सजा हो सकती है।
श्री राय ने बताया कि अधिनियम के अन्तर्गत महिलाओं को गुजारा भत्ता, निःशुल्क चिकित्सा, सुरक्षा संरक्षण आदेश तथा घर में रहने का आदेश मिल सकता है। इस कानून के आने के बाद महिलाओं को रिहाइश का हक मिल गया है। अब महिलाओं को किसी भी हालत में घर से निकाला नहीं जा सकता। इस कानून के आने से पहले बात-बात पर नाराज होकर घर के पुरूष या ससुराल वाले उन्हें घर से निकाल देते थे या निकालने की धमकी देते थे और वे डर कर हिंसा सहती रहती थीं।
श्री राय ने बताया कि आज मिशन शक्ति के माध्यम से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, कन्या भ्रूण हत्या रोकने हेतु पीसीपीएनडीटी कानून के अंतर्गत महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा से बचाव सहायता पुनर्वास तथा हिंसा करने हेतु दंड के प्रावधान का जनपद ब्लॉक स्तर एवं ग्राम स्तर पर, धार्मिक स्थलों पर, नुक्कड़ नाटक, फोक शो अथवा पपेट शो के द्वारा जागरूक किया गया।
श्री राय ने बताया कि यह अभियान शारदीय नवरात्र से वासंतिक नवरात्र के मध्य (17 अक्टूबर 2020 से अप्रैल 2021 तक, 180 दिन) तक संचालित रहेगा। इस अवधि में ‘मिशन शक्ति’ अभियान के अंतर्गत प्रत्येक माह साप्ताहिक विशिष्ट कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे, जो विभिन्न चरणों में ‘थीम वार’ संचालित होंगे। जिसमें अभी 17 से 25 अक्टूबर 2020 की थीम (विषय) के अन्तर्गत महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा, सम्मान तथा स्वावलंबन पर प्रदेश के जनपदों में जागरूकता कार्यक्रम चल रहे है।
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