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मुख्यमंत्री जी ने समस्त जिलाधिकारियों को बाढ़ राहत कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता पर करने के निर्देश


मुख्यमंत्री जी ने समस्त जिलाधिकारियों को बाढ़ राहत कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता पर करने के निर्देश



  • समस्त जिलाधिकारी को बाढ़ से क्षतिग्रस्त कृषि फसलों का भी सर्वे तत्काल कराने के साथ-साथ जिन कृषकों की फसले बाढ़ के कारण नष्ट हुयी है उनको शीघ्र कृषि निवेश अनुदान देने के निर्देश

  • बाढ़ प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0 की 10 टीमें तथा एस0डी0आर0एफ0 की 07 टीमें व पी0ए0सी0 की 09 टीमें इस प्रकार कुल 26 टीमें तैनात की गयी

  • प्रदेश में 384 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकी स्थापित

  • बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट में 17 प्रकार की सामग्री वितरित की जा रही 

  • प्रदेश में 528 पशु शिविर स्थापित तथा 7,49,670 पशुओं का किया गया टीकाकरण

  • बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4807 कुंतल भूसा वितरित किया गया 

  • वर्तमान में प्रदेश के 14 जनपदों के 421गांव बाढ़ से प्रभावित

  • गंगा नदी गायघाट (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है

  • आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी

  • बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होने पर जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क करें -श्री संजय गोयल


लखनऊ: 05 सितम्बर, 2020


उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त श्री संजय गोयल ने आज यहां लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने समस्त जिलाधिकारियों को बाढ़ राहत कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता पर किया जायें। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने समस्त जिलाधिकारी को बाढ़ से क्षतिग्रस्त कृषि फसलों का भी सर्वे तत्काल कराने के साथ-साथ जिन कृषकों की फसले बाढ़ के कारण नष्ट हुयी है उनको शीघ्र कृषि निवेश अनुदान देने के निर्देश दिये गये हैं।


श्री गोयल ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0 की 10 टीमें तथा एस0डी0आर0एफ0 की 07 टीमें व पी0ए0सी0 की 09 टीमें इस प्रकार कुल 26 टीम तैनाती की गयी है। 152 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।


श्री गोयल ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भूना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्रा0 नमक, 250 ग्रा0 हल्दी, 250 ग्रा0 मिर्च, 250 ग्रा0 धनिया, 05 ली0 केरोसिन, 01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 ली0 रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 1,86,136 खाद्यान्न किट व 3,44,520 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 351 मेडिकल टीम लगायी गयी है।


श्री गोयल ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 384 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 14 जनपद (अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर) के 421 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। गंगा नदी गायघाट (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 528 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 7,49,670 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4,807 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।


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