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राज्यपाल ने प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों को गुजरात माॅडल पर विकसित करने संबंधी सुझाव दिये

राज्यपाल ने प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों को गुजरात माॅडल पर विकसित करने संबंधी सुझाव दिये



  • प्राथमिक शिक्षा सुदृढ़ होने पर ही माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा - राज्यपाल 


लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में आयोजित महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की बैठक में अधिकारियों को आंगनवाड़ी केन्द्रों को सुदृढ़ करने संबंधी सुझाव देते हुए कहा कि गुजरात माॅडल के तर्ज पर प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों को विकसित किया जाए। आंगनवाड़ी केन्द्र सुविधाजनक होने चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुविधानुसार शौचालय, पेयजल का नल, प्लेट रखने का स्टैण्ड तथा डस्टबिन रखने का स्थान बच्चों की ऊंचाई के अनुरूप ही होना चाहिए।


राज्यपाल ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को पौष्टिक पोषाहार उपलब्ध कराया जाय। पौष्टिक आहार देने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच निश्चित रूप से होनी चाहिए कि इसमें भरपूर पौषक तत्व मौजूद हैं। बच्चों को प्रेरित करने के लिये दीवारों पर उनकी अवस्था के अनुसार सद्वाक्य लिखे जायं। आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों को बाहर से आकर्षक रंगों से रंगा होना चाहिए। अंदर की दीवारों पर नीचे की तरफ से 3 फीट तक काला रंग करना चाहिए ताकि बच्चे कुछ लिख या चित्र बना सकें। उन्होंने कहा कि 3 फीट से ऊपर दीवार पर अलग-अलग प्रकार की पेन्टिंग करानी चाहिए।


श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि चित्रों के माध्यम से बच्चे आसानी से व जल्दी सीखते हैं, इस दृष्टि से आंगनवाड़ी केन्द्रों की आन्तरिक व बाह्य दीवारों पर मानव शरीर का चित्र बनाया जाय तथा बाह्य व आंतरिक अंगों का विवरण भी लिखा जाय। बच्चों को पर्यावरण की जानकारी देने के लिये दीवारों पर पर्यावरण संबंधी पेंटिंग बनाई जाय। इसी प्रकार पक्षियों और शाकभाजी आदि के नाम भी लिखे जाय। प्राथमिक शिक्षा को प्राथमिकता पर लिया जाना चाहिए क्योंकि प्राथमिक शिक्षा सुदृढ़ होने पर ही माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा। उन्होंने कहा कि हिन्दी-अंग्रेजी वर्णमाला के साथ गिनती के अंकों को भी दर्शाया जाय। बच्चों की जानकारी हेतु उनके परिवार से संबंधित ‘परिवार वृक्ष’ भी दीवार पर बनाया जाय, जिसमें उनके माता-पिता के साथ ही दादा, दादी, नाना, नानी आदि सभी को दर्शाया जाय। उन्होंने कहा कि एक निश्चित तिथि पर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों का प्रवेश उत्सव मनाया जाय। इस प्रवेश उत्सव के अवसर पर गांव के सभी लोग, जनप्रतिनिधि व अधिकारी भी सम्मिलित हों।


श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं का भी ध्यान रखा जाय और पौष्टिक आहार के साथ-साथ उन्हें अच्छी कहानियां सुनायी जाय। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को अपना साल भर का कार्यक्रम तैयार कर उसी के अनुरूप कार्यक्रम चलाया जाय।


बैठक में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, श्रीमती स्वाती सिंह, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री महेश कुमार गुप्ता, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा एच0 चैहान, निदेशक बाल पुष्टाहार श्रीमती तारिका मोहन, विशेष कार्याधिकारी श्री केयूर सम्पत तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
राज्यपाल ने इसके बाद वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जनपद वाराणसी के आंगनवाड़ी केन्द्रों को गुजरात माॅडल के तर्ज पर सुचारू रूप से चलाने के लिये अपने अनुभव साझा किया। वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के दौरान प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 नीलकंठ तिवारी, स्टाम्प एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रविन्द्र जायसवाल, विधायकगण, मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी वाराणसी भी आॅनलाइन जुड़े हुए थे।


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