Skip to main content

सत्र समाप्ति से ठीक पहले खुला प्राथमिक विद्यालय, पिछले दो सालों से जर्जर भवन पर लटका था ताला


सत्र समाप्ति से ठीक पहले खुला प्राथमिक विद्यालय, पिछले दो सालों से जर्जर भवन पर लटका था ताला


राजधानी में कागजों पर चल रहे सरकारी स्कूल, दिसम्बर में खोला सरकारी स्कूल, कहाँ से आएंगे छात्र ?


शिक्षक को घर के पास नियुक्ति देने के लिए एबीएसए ने चुना जर्जर भवन


लखनऊ। राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री और तमाम आला अधिकारियों की नाक के ठीक नीचे बेसिक शिक्षा विभाग ऐसा खेल खेल रहा है जिससे ना केवल सरकार को आर्थिक चोट पहुंच रही है बल्कि सामाजिक उपहास का भी सामना करना पड़ रहा है।


सोमवार दोपहर बाद खण्ड शिक्षा अधिकारी अर्चना अध्यापक अखिलेश शर्मा के साथ दो सालों से बंद पड़े प्रेमवती नगर प्राथमिक विद्यालय को देखने पहुंची और साफ सफाई करने के बाद मंगलवार से सरकारी स्कूल चलाने लगे हैं। बुधवार को भी शिक्षक अखिलेश शर्मा खुद झाडू लेकर सफाई करते दिखाई दिए जबकि विद्यार्थियों के नाम पर कोई नहीं था। लेकिन सवाल है कि सत्र जब समाप्ति की ओर हैं तो बच्चे कहाँ से आएंगे ? क्या शिक्षक अखिलेश शर्मा अपने घर के बिल्कुल पास नियुक्ति को लेकर जर्जर भवन में विद्यालय चलाएंगे ?


आलमबाग के बड़ा बरहा, शांति नगर स्थित ज्योति ठाकुर के भवन में किराए पर विगत कई वर्षों से प्राथमिक विद्यालय चल रहा है। भवन जर्जर हालत में होने पर उन्होंने बीएसए कार्यालय को सूचित किया था तब 2012 में तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से विद्यालय में कक्षाएं लगाने पर रोक लगा दी और शांति नगर प्राथमिक विद्यालय को बिल्कुल पास में चल रहे प्रेमवती नगर विद्यालय में समायोजित कर दिया। यहीं से असली खेल शुरू हो गया। बरहा आलमबाग क्षेत्र का वह शहरी हिस्सा है जहाँ सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या ना के बराबर है क्योंकि यहीं आसपास शहर के सभी श्रेणी के स्कूल मौजूद हैं और लोग सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना भी नहीं चाहते हैं।


अपने मूल स्थान से लगभग 5 किलोमीटर दूर प्रेमवती नगर विद्यालय एक सामुदायिक केन्द्र में चल रहा था जिसमें शांति नगर विद्यालय को समायोजित किया गया। सामुदायिक केन्द्र की जर्जर हालत को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने लगभग 9.40 हजार रुपए की धनराशि एक शिक्षक विजय बहादुर श्रीवास्तव के खाते में भेजी थी लेकिन तथाकथित शिक्षा माफिया सरकारी शिक्षक सतीश द्विवेदी ने इस राशि को अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिया। उसके बाद जर्जर सामुदायिक केन्द्र को ध्वस्त करवा कर उसके मलबे को भी बेच दिया गया। आज तक प्रेमवती नगर विद्यालय का भवन निर्माण नहीं हो सका और सरकारी गबन करने वाले शिक्षक सतीश द्विवेदी पर एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। ऐसे में जहाँ ऊपर के अधिकारी मलाई काट रहे थे वहीं शिक्षकों तथा शिक्षामित्रों की लम्बी चौड़ी फौज बिना बच्चों के जनता की गाढी कमाई में सेंध लगाते रहे।


ऐन केन प्रकरण जब प्रेमवती नगर विद्यालय का निर्माण नहीं हो सका तो विभाग ने इस स्कूल को वापस शांति नगर की जर्जर बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया और तब से खुद बीएसए कार्यालय के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए शिक्षक और शिक्षामित्र अपने घरों के पास सरकारी वेतन, मिड डे मील, छात्रवृत्तियों, स्कूल ड्रेसों पर कब्जा जमाएं बैठे हैं। शांति नगर विद्यालय में पहले से ही विद्यार्थी नहीं थे और अब दो साल बाद एबीएसए कैसे दिसम्बर के महीने में बच्चों का इंतजाम करेंगी ?


खण्ड शिक्षा अधिकारी अर्चना ने पहले तो बीएसए से पूरी बात पूछने की बात करते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश की लेकिन बाद में कहा कि मैं अभी अभी नियुक्ति पर आई हूँ इसलिए ज्यादा जानकारी नहीं है। दिसम्बर में अलग से नया सत्र शुरू करने के सवाल पर एबीएसए बगलें झांकती नजर आई।


भवन स्वामिनी ज्योति ठाकुर ने बताया कि लोक कल्याण की भावना से उनकी माता जी ने इस भवन को किराए पर दिया था लेकिन जर्जर हालत होने के बाद वे लगातार भवन खाली करने के लिए प्रार्थना करती रही है। सन 2012 में बीएसए ने आदेश जारी कर इस स्कूल को हटा दिया था लेकिन शिक्षक अखिलेश शर्मा अपना घर पास होने के कारण इसको खाली नहीं कर रहे हैं और एक भी बच्चा ना होने पर भी विद्यालय चलाने का प्रयास कर रहे है। पिछले दो वर्षों से विद्यालय में ताला लगा हुआ था और आज अचानक फिर भवन खाली ना कर स्कूल खोल दिया गया है। जून 2008 से किराया भी नहीं मिला है।


Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।