औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नियमावली-2003 (यथा संशोधित) के कतिपय प्रस्तरों में संशोधन के सम्बन्ध में
मंत्रिपरिषद ने 01 जुलाई, 2017 से वस्तु एवं सेवाकर अधिनियम लागू हो जाने के कारण औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नियमावली-2003 (यथा संशोधित) (शासनादेश संख्या 3090/77-6-03-41 (टैक्स)/01 दिनांक 06.11.2003 एवं शासनादेश संख्या 2959/77-6-06-41-टैक्स/01 दिनांक 14.12.2006) के कतिपय प्रस्तरों में निहित प्राविधानों में संशोधन सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
इसके तहत पूर्व में इकाइयों द्वारा यू0पी0 वैट एवं सी0एस0टी0 के सापेक्ष जमा करायी गयी धनराशि के रूप में अनुमन्य ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था को जी0एस0टी0 एक्ट के अन्तर्गत राज्य के अंश की सीमा तक जमा करायी गयी नेट एस0जी0एस0टी0 (इनपुट टैक्स क्रेडिट की धनराशि घटाए जाने के पश्चात) की धनराशि को ब्याज मुक्त ऋण के रूप में उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था से प्रतिस्थापित किया जाएगा।
प्रदेश में औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना-2003 के माध्यम से पात्र इकाइयों को उनके द्वारा जमा कराये गये यू0पी0 वैट एवं सी0एस0टी0 के सापेक्ष ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था है।
01 जुलाई, 2017 से यू0पी0 वैट एक्ट समाप्त कर जी0एस0टी0 एक्ट लागू किए जाने के कारण औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नियमावली-2003 के कतिपय प्रस्तरों में निहित प्राविधानों में संशोधन की आवश्यकता के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से रोजगार के नए साधनों का सृजन होगा। प्रदेश में परोक्ष व अपरोक्ष रूप से व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
Comments
Post a Comment