Skip to main content

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसीएल) ने यूनिसेफ के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस मनाया


उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसीएल) ने यूनिसेफ के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस मनाया


लखनऊ। बच्चों के आधिकारों और उनके सही पालन-पोषण पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसीएल) ने यूनिसेफ के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस मनाया। इन दोनों संस्थाओं ने एक सप्ताह पहले बाल अधिकारों के सम्‍मेलन की 30वीं वर्षगांठ के मौके पर यूनिसेफ उत्तर प्रदेश की चीफ ऑफ फीड ऑफिस रूथ लीयनों और यूपीएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक डॉ. कुमार केशव की उपस्थिती में हजरतगंज मेट्रो स्टेशन से विश्व बाल सप्ताह का शुभारंभ किया था।


इसी क्रम में 20 तारीख को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस के अवसर पर अपने इस सप्ताह भर चले अभियान को बहुत ही बेहतर तरीके से अंत किया। इस कार्यक्रम में करीब 6000 लोगों ने हिस्सा लिया।हजरतगंज के अलावा भूतनाथ, विश्वविद्यालय, चारबाग, और ट्रांसपोर्ट नगर मेट्रो भी इस अभियान का हिस्सा था। इस दौरान मेट्रो स्टेशनों पर फोटो बूथ लगाए गए। स्वयं-सेवकों ने इन फोटो बूथ को लगाया और आगंतुकों को फोटो खींचकर इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को इस अभियान के महत्व के बारे में बताया और बच्चों के अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक किया।प्रत्येक वर्ष 20 नवम्बर को विश्व बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन बच्चों के अधिकारों के प्रति ध्यान केन्द्रित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है जो सही पोषण, शिक्षा और सुरक्षा से वंचित हैं। आज से 30 वर्ष पहले बच्चों के अधिकारों को मुख्य धारा में लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौते पर 190 देशों ने हस्ताक्षर किया था,जिसमें भारत भी शामिल है। यह समझौता बच्चों के अधिकारों पर अबतक का सबसे सशक्त प्रपत्र है।इस अवसर पर यूनिसेफ उत्तर प्रदेश की चीफ ऑफ फीड ऑफिस रूथ लीयनों ने कहा, “पिछले कई वर्षों में बच्चोंकी शिक्षा, पोषण और स्वस्थ्य से जुड़े मुद्दों में अशानुरूप सुधार आया है।लेकिन अभी भी बहुत से बच्चे जीवन के मूल-भूत अधिकारों से वंचित हैं। समय के साथ जलवायु परिवर्तन, ऑनलाइन शोषण, साइबर बुलिइंग,मानसिक स्वस्थ्य जैसे बच्चों से जुड़े कई नए मुद्दे सामने आए हैं। इन सभी समस्याओं से बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सभी को साथ आने की आवश्यकता है। हमसब साथ मिलकर ही बच्चों के लिए एक सुनहरा भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।“


इस मौके पर बाल अधिकारों की बात करते हुए एलएमआरसी के प्रबंध निदेशक श्री कुमार केशव ने कहा, “बच्चों की सुरक्षा को एलएमआरसी सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। मेट्रो से सफर करने वाले बच्चों पर मेट्रो स्टाफ विशेष ध्यान देते हैं। यदि कोई बच्चा बिना अभिभावक के पाया जाता है तो यह पता लगाने का प्रयास किया जाता है कि उसके साथ कौन है। और यदि बच्चा अकेला पाया जाता है तो तुरंत एक्शन लिया जाता है। इस बाल वीक के माध्यम से एलएमआरसी ने बच्चों के अधिकारों की बात की और हर संभव जागरूकता लाने का प्रयास किया।एलएमआरसी भविष्य में भी बच्चों के अधिकारों से संबन्धित मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए उसे आगे लाने का हर संभव प्रयास करता रहेगा।“कार्यक्रम के समापन पर रूथ ने लखनऊ मेट्रो के प्रति बच्चों से संबन्धित इस अभियान से जुड़ने के लिए आभार व्यक्त किया और प्रति वर्ष विश्व बाल दिवस पर होने वाले कैम्पेन #GoBlue से पाँच चयनित मेट्रो स्टेशनों की नीली लाइटिंग के द्वारा जुड़ने के लिए धन्यवाद भी कहा। उन्होंने बताया कि विश्व की कई इमारतें बच्चों के अधिकारों के प्रति अपनी सहभागिता दिखने के लिए 20 नवम्बर को नीली लाइटिंग करती हैl भारत में राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक भी नीली लाइटिंग के द्वारा इस अभियान का हिस्सा बना।


Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।