आई.आई.डी.सी ने इन्वेस्टर्स समिट के निवेश-प्रस्तावों की प्रगति की समीक्षा की
सरकारी विभागों और जिलों में अधिकारियों को उद्यागों के प्रकरणों के समाधान हेतु त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए -आईआईडीसी, श्री आलोक टण्डन हथकरघा व वस्त्रोद्योग क्षेत्र की नीति की संशोधित तथा फार्मास्यूटिकल नीति की नियमावली शीघ्र बनाई जाए -प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास मा. मुख्यमंत्री जल्द ही करेंगे निवेश परियोजनाओं की समीक्षा शीघ्र आएंगी इलेक्ट्राॅनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग, स्टार्टअप्स और डाटा सेंटर की नई नीतियां क्रियान्वित की जा रही परियोजनाओं के फोटोग्राफ उपलब्ध कराने के निर्देश, इन्वेस्टर्स समिट की 25 प्रतिशत् परियोजनाएं धरातल पर उतरीं शिलान्यास के पहले चरण की लगभग 28,000 करोड़ रुपये के निवेश वाली कुल 34 परियोजनाओं और दूसरे चरण की लगभग 6,000 करोड़ रुपये के निवेश वाली 38 परियोजनाओं में वाणिज्यिक गतिविधियां प्रारम्भ
लखनऊ, 27 नवम्बर 2019ः उत्तर प्रदेश के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी), श्री आलोक टण्डन की अध्यक्षता में आज लोकभवन में फरवरी 2018 में आयोजित यू.पी. इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त हुए निवेश-प्रस्तावों तथा जुलाई 2018 एवं जुलाई 2019 में आयोजित प्रथम् और द्वितीय ग्राउण्ड ब्रेकिंग समारोहों में शामिल निवेश परियोजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा बैठक की गई।
इस बैठक में प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग-श्री आलोक कुमार;, विशेष सचिव, औद्योगिक विकास एवं संयुक्त अधिशासी निदेशक, उद्योग बन्धु-डाॅ. राकेश वर्मा सहित 30 विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त एवं अध्यक्ष, उद्योग बन्धु - श्री आलोक टण्डन ने कहा- ”प्रदेश की आर्थिक प्रगति हेतु औद्योगिक विकास आवश्यक है, जिसके लिए राज्य सरकार के सभी विभागों को उद्योगों के संचालन व स्थापना में आने वाली बाधायें दूर करने के लिए अपने दायित्वों के प्रति सजग रहना चाहिए तथा प्रकरणों के समाधान हेतु त्वरित व सक्रिय रूप से कार्यवाही करनी चाहिए।“ उन्होंने बताया कि मा. मुख्यमंत्री जी शीघ्र ही स्वयं निवेश परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे। प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग-श्री आलोक कुमार ने निर्देशित किया कि हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग क्षेत्र की नीति की संशोधित नियमावली एवं फार्मास्यूटिकल क्षेत्र की नीति की नियमावली तथा पर्यटन नीति के सम्बंधित फाॅर्म शीघ्र तैयार कर लिये जाएं, जिससे इन क्षेत्रों में निवेश परियोजनाओं को प्रोत्साहन व सुविधाएं समय से प्रदान की जा सकें।
विशेष सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग-डाॅ. राकेश वर्मा ने सभी सम्बंधित विभागों से कहा कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों के फोटोग्राफ या वीडियो उपलब्ध करायें। ज्ञात हो कि फरवरी 2018 में राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट का अभूतपूर्व आयोजन किया था, जिसमें विभिन्न सेक्टरों में 4.28 लाख करोड़ रुपये के निवेश-प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन के बाद मात्र 5 माह में लगभग 60,000 करोड़ के निवेश वाली 81 परियोजनाओं का शिलान्यास तथा दूसरे चरण में लगभग 65,000 करोड़ रुपये की 250 से अधिक निवेश परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया।
राज्य सरकार इन्वेस्टर्स समिट 2018 में प्राप्त निवेश प्रस्तावों की 25 प्रतिशत् परियोजनाओं का शुभारम्भ कराने में सफल हुई है। इनमें से शिलान्यास के पहले चरण की लगभग 28,000 करोड़ रुपये के निवेश वाली कुल 34 परियोजनाओं और दूसरे चरण की लगभग 6,000 करोड़ रुपये के निवेश वाली 38 परियोजनाओं में वाणिज्यिक गतिविधियां भी प्रारम्भ हो गई हैं।
आईटी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग के अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया कि इलेक्ट्राॅनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग, स्टार्टअप्स और डाटा सेंटर की नई नीतियां तैयार की जा रही हैं, जिन्हें जल्दी ही घोषित किया जाएगा। आज 30 विभागों से सम्बंधित लगभग 40 प्रकरणों पर विचार किया गया, जिसमें राजस्व, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, ऊर्जा, आईटी व इलेक्ट्राॅनिक्स, खाद्य-प्रसंस्करण, आवास, वन, आबकारी, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, नगर विकास, डेयरी, पर्यटन, उच्च शिक्षा, कौशल विकास, परिवहन, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, चिकित्सा शिक्षा, लोक निर्माण विभाग तथा उ. प्र. राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) सहित नोएडा, ग्रेटर नोएडा आदि सम्मिलित हैं।
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