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प्रधानमंत्री ने भारत की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2024 तक 05 ट्रिलियन डाॅलर बनाने का लक्ष्य रखा है, इसमें उ0प्र0 की बड़ी भूमिका: मुख्यमंत्री


प्रधानमंत्री ने भारत की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2024 तक 05 ट्रिलियन डाॅलर बनाने का लक्ष्य रखा है, इसमें उ0प्र0 की बड़ी भूमिका: मुख्यमंत्री


लखनऊ I उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2024 तक 05 ट्रिलियन डाॅलर बनाने का लक्ष्य रखा है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक सकारात्मक कदम उठाये गये हैं। राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डाॅलर बनाने के लिए देश के सबसे बड़ी जनसंख्या के राज्य उत्तर प्रदेश की बड़ी भूमिका है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने निर्धारित समयावधि में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डाॅलर की बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए राज्य सरकार प्रभावी प्रयास कर रही है।


मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज अपने सरकारी आवास पर आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की त्रैमासिक समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश के संस्थागत वित्त विभाग तथा बैंक आॅफ बड़ौदा के समन्वित प्रयासों से 01 लाख 51 हजार किसान क्रेडिट कार्डांे की ई-लाॅचिंग की। बैठक के दौरान उन्होंने एक पुस्तिका का विमोचन भी किया।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2024 तक 05 ट्रिलियन डाॅलर बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी निवेश आवश्यक है। इसके लिए विभिन्न बैंकों द्वारा निवेश के लिए प्रदान की जा रही आवश्यक ऋण सुविधा की नियमित समीक्षा की जा रही है। किसान, केन्द्र व राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। उन्होंने सभी बैंकों से व्यापक स्तर पर क्रेडिट कैम्पों का आयोजन कर आगामी 15 फरवरी, 2020 तक प्रदेश के प्रत्येक पात्र एवं इच्छुक किसान को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा। बैंकों द्वारा बेरोजगार, उद्यमशील लोगों के स्वयं सहायता समूहों, विशेषकर महिला स्वयं सहायता समूहों को, वित्त पोषित कर उन्हें वित्तीय रूप से सक्षम बनाये जाने में अहम भूमिका का निर्वाह किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ई-डिस्ट्रिक्ट, ई-गवर्नेन्स एवं ई-बैंकिंग प्रधानमंत्री जी की प्राथमिकताओं में सम्मिलित हंै। इस संकल्पना को पूरा करने के लिए बैंकों को प्रयास करने होंगे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि भारतीय स्टेट बैंक द्वारा पहल करते हुए आज से जनपद सिद्धार्थनगर में यह कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण कार्य को गति दिये जाने के उद्देश्य से बैंकों के कन्सोर्शियम के माध्यम से 7,000 करोड़ रुपए का ऋण लिये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को अभी हाल ही में स्वीकृति दी है। जिन बैंकों का ऋण-जमा अनुपात कम है, वे आगे बढ़कर अवस्थापना विकास की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों में अपना सक्रिय योगदान दें।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न जनपदों के विशिष्ट व परम्परागत उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए 'एक जनपद-एक उत्पाद' योजना शुरू की है। इसके अच्छे परिणाम आए हैं और प्रदेश से होने वाले निर्यात में 28 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश देश के तीन अग्रणी निर्यातक राज्यों में से एक होगा।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री मुद्रा योजना' भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। उत्तर प्रदेश में 'एक जनपद-एक उत्पाद' योजना में 'प्रधानमंत्री मुद्रा योजना' के अन्तर्गत वित्त पोषण को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने बैंकों से बड़े पैमाने पर इस योजना के तहत ऋण वितरित करने के लिए कहा। उन्होंने 'स्टैण्ड अप इण्डिया योजना' के अन्तर्गत भी तेजी से ऋण स्वीकृत करने के लिए कहा।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण व शहरी, दोनों में देश में प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में निर्माण हेतु 14 लाख 53 हजार आवासों की स्वीकृति के सापेक्ष 08 लाख 93 हजार आवासों का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया है। प्रदेश में क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना के अन्तर्गत भी बैंकों द्वारा 60,004 प्रस्तावों में 08 हजार 314 करोड़ रुपए की धनराशि का वितरण किया गया है। उन्होंने कहा कि बैंक, केन्द्र व राज्य सरकार के 'सबके लिए आवास मिशन' को निर्धारित समय सीमा
(वर्ष 2022) में पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर ऋण वितरित करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के अन्तर्गत खोले गये खाते (6.02 करोड़), अटल पेंशन योजना (27 लाख पंजीकृत) तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (2.21 करोड़ पंजीकृत) में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। केन्द्र/राज्य पुरोनिधानित ऐसे कार्यक्रम जिसमें केन्द्र अथवा राज्य सरकार अथवा दोनों से अनुदान/मार्जिन मनी उपलब्ध कराया जाता है, उनमें लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति हेतु बैंकों द्वारा सुदृढ़ रणनीति बनाते हुए युद्ध स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि औद्योगिक विकास, निवेश प्रोत्साहन तथा रोजगार सृजन के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रवार नीतियां लागू की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कनेक्टिविटी, लैण्ड बैंक आदि में अग्रणी है। 'ईज आॅफ डूईंग बिजनेस' में राज्य की रैंकिंग बढ़ी है। आज उत्तर प्रदेश निवेश के नये आकर्षक गंतव्य के रूप में उभरा है। इससे प्रदेश में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार अवस्थापना सुविधाओं को बेहतर करने हेतु कृत संकल्प है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बुन्देलखण्ड एक्सपे्रस-वे परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने वाले गंगा एक्सपे्रस-वे के निर्माण की दिशा में तेजी से कार्यवाही प्रगति पर है। जेवर, जनपद गौतमबुद्धनगर में नोएडा इण्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण की कार्यवाही प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि जेवर में स्थापित किए जा रहे एयरपोर्ट के कार्यशील होने के उपरान्त प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में डिफेन्स इण्डस्ट्रियल काॅरीडोर के लिए आकर्षक रणनीति बनाकर पूंजी निवेश और निवेशकों को आमंत्रित किये जाने के सम्बन्ध में भी कार्रवाई की जा रही है। डिफेन्स काॅरीडोर के तहत 06 नोड्स-कानपुर, झांसी, अलीगढ़, चित्रकूट, आगरा तथा लखनऊ चिन्हित किये गये हैं। साथ ही, अन्य जनपदों में निवेश आकर्षित करने की दिशा में सम्बन्धित निवेशकों से संवाद किया जा रहा है। डिफेन्स इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर में लगभग 20 हजार करोड़ का निवेश सम्भावित हैं। माह फरवरी, 2020 में लखनऊ में 'डिफेन्स एक्सपो' का आयोजन किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके तहत स्प्रिचुअल हेरिटेज, वाइल्ड लाइफ टूरिज्म इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सेवा क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में प्लास्टिक बैन लागू किया गया है और प्लास्टिक, थर्मोकोल इत्यादि से निर्मित बर्तनों पर रोक लगा दी गयी है। मिट्टी के बर्तनों इत्यादि के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के दृष्टिगत राज्य में माटी कला बोर्ड का गठन किया गया है और कुम्हारों को तालाबों से निःशुल्क मिट्टी निकालने के लिए 03 माह का पट्टा दिया जा रहा है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य के गन्ना किसानों का अब तक 78 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। गन्ने से इथेनाॅल के निर्माण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य में कृषक उत्पादन संगठन (एफ0पी0ओ0) का गठन किया गया है। राज्य की लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है। इस क्रम में बाण सागर परियोजना वर्ष 2018 में पूरी की जा चुकी है। उन्होंने बैंकर्स को किसानों के बीच ड्रिप इरिगेशन को प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत मदद करने के लिए कहा। कार्यक्रम को कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, वित्त मंत्री श्री सुरेश खन्ना, रिजर्व बैंक के कार्यपालक निदेशक श्री अनिल कुमार शर्मा ने भी सम्बोधित किया।


बैठक में मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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