मुझे अपने स्कूल के दिनों से ही अभिनय का शौक था- अर्चना दमोहे
प्रतिभाशाली अभिनेत्री अर्चना दमोहे टेलीविजन पर सबसे ज्यादा सराही जाने वाली ‘दादी’ हैं। गांव प्रेमियों के पहले एंटरटेनमेंट चैनल आज़ाद के नए शो ‘मेरी डोली मेरे अंगना’ में वह इस समय गोमती देवी (दादी) का रोल निभा रहीं अर्चना एक बार फिर दर्शकों को लुभा रही हैं। मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली अर्चना को एक लेखक और अभिनेत्री के रूप में कई सफल शोज में काम करने का व्यापक अनुभव है। उन्होंने स्वामीनारायण, प्राणनाथ, तुझ संग प्रीत लगाई सजना, बच्चा पार्टी, काहे दिया परदेस, तू अंखी मु आइना, क्राइम अलर्ट और क्राइम पैट्रोल जैसे शोज में एक स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। एक एक्टर के रूप में, उनके सर्वश्रेष्ठ कामों में अजीब दास्तान, गुब्बारे, रिश्ते, आन, प्रीत ना जाने रीत, तलाक क्यों, राज की एक बात, कसम, 1857 क्रांति और उनका वर्तमान शो मेरी डोली मेरे अंगना शामिल हैं। अर्चना दमोहे से हुई बातचीत के मुख्य अंश---
- आपने किस बात से प्रेरित होकर आज़ाद के नए शो ‘मेरी डोली मेरे अंगना’ को स्वीकार किया?
‘मेरी डोली मेरे अंगना’ का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है, क्योंकि हम गांव प्रेमियों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 80 प्रतिशत दर्शकों के लिए यह शो बना रहे हैं, जिनके बारे में कभी किसी ने नहीं सोचा था। एक ऐसे शो का हिस्सा बनना, जो हमारे देश की 80 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करेगा, एक अभिनेता के जीवन में बहुत ही खुशनुमा पल होता है।
- इस शो में अपने रोल के बारे में बताएं?
इस शो में मैं परिवार की मुखिया गोमती देवी सिंह की भूमिका निभा रही हूं। वो पूरे परिवार के लिए मां की तरह हैं। वो सबसे अनुशासित व्यक्ति हैं और अब भी अपने रीति-रिवाजों और परंपराओं से जुड़ी हैं। उनके लिए केवल एक चीज मायने रखती है, और वो है उनकी संस्कृति। वो एकमात्र ऐसी इंसान हैं, जिन्होंने कभी डांट और कभी प्यार से अपने परिवार को टूटने से बचाए रखा है। एक प्यारी लेकिन सख्त, उच्च मूल्यों और सिद्धांतों वाली बूढ़ी औरत, जो पुरानी परंपराओं से गहरे तक जुड़ी हैं। वो एक स्पष्टवादी महिला हैं, जो सही और गलत को लेकर पक्षपात नहीं करती हैं। वो दो बेटों और एक बेटी की मां हैं।
-इस शो की कहानी में ऐसा क्या है, जो इसे बाकी शोज से अलग बनाता है?
हमारा शो अन्य शोज से अलग है, क्योंकि यह कहानी संयुक्त पारिवारिक रिश्तों के बारे में है जिसमें संस्कृति, परंपराएं और ईमानदार पारिवारिक रिश्ते हैं। यह कहानी किसी भी उम्र, जाति और धर्म के दर्शकों लिए बहुत ही सरल और आसान है। वे इस शो को देखकर खुद अपनी जिंदगी के सफर का आईना देख सकेंगे।
- आपने इस शो की तैयारी कैसे की?
मुझे शो के लिए ज्यादा तैयारी नहीं करनी पड़ी क्योंकि मेरे पूर्वज कानपुर और बिठूर से हैं और हमारी कहानी इन्हीं जगहों पर आधारित है। जब भी मैं इस शो के लिए शूटिंग करती हूं, तो अक्सर मैं अपने बचपन के दिनों के बारे में सोचने लगती हूं क्योंकि इस शो के किरदारों और मेरे असली परिवार के सदस्यों में बहुत-सी बातें एक जैसी हैं और यही कारण है कि यह शो मेरे दिल के बहुत करीब है।
- आप एक्टर कैसे बनीं?
मुझे अपने स्कूल के दिनों से ही अभिनय का शौक था। यह मेरे कॉलेज के दिनों में भी जारी रहा। मैं कई शोज में हिस्सा लेती थी। एक्टिंग के अलावा, मुझे शोज के लिए कहानियां और संवाद लिखने में भी काफी दिलचस्पी थी। मैं एक लेखक और एक एक्टर हूं और मैं भाग्यशाली रही हूं कि मुझे कुछ बढ़िया काम मिले।
- आपको टीवी पर काम करना क्यों आकर्षक लगता है?
टीवी पर काम करने से हमें लाखों लोगों तक, उनके घरों में पहुंचने में मदद मिलती है। हम उन पर, उनके जीवन पर और उनके परिवार के सदस्यों पर बहुत प्रभाव डाल सकते हैं और हमें उनका बहुत सारा आशीर्वाद और प्यार भी मिलता है। यह किसी अन्य माध्यम में संभव नहीं है।
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