मण्डलायुक्त मुकेश कुमार मेश्राम की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के डा0ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम सभागार में जनपद लखनऊ के निर्माण व विकास कार्यों की समीक्षा बैठक सम्पन्न
मण्डलायुक्त मुकेश कुमार मेश्राम की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के डा0ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम सभागार में जनपद लखनऊ के निर्माण व विकास कार्यों की समीक्षा बैठक सम्पन्न
लखनऊः मण्डलायुक्त मुकेश कुमार मेश्राम की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के डा0ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम सभागार में जनपद लखनऊ के निर्माण व विकास कार्यों की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुयी जिसमें मुख्य विकास अधिकारी श्री मनीष बंसलएनगर आयुक्त डा0 इन्द्रमणि त्रिपाठीए मुख्य चिकित्साधिकारी श्री नरेन्द्र अग्रवाल सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी व कार्यदायी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे।
मण्डलायुक्त ने समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी विकास व निर्माण कार्यों को ईमानदारी से मानक एवं गुणवत्ता परक कराते हुए समय सीमा में पूर्ण कराना सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि जिस प्रोजेक्ट में धन की आवश्यकता है वह अपना उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराकर अवशेष धनराशि की डिमांड करें। अन्य विभाग भी अपने प्रोजेक्ट में मिट्टी के सभी कार्य मनरेगा से कराये जाये। उन्होंने कहा कि कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के लिये लोक निर्माण विभाग की लैबए आई0आई0टी0 कानपुर व अन्य संसथाओं का टेक्निकल सपोर्ट लेकर प्रयोग की जा रही सामग्री के सैम्पल की जांच करायी जायेए जिससे कि निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद उसमें कोई खामियां न मिले। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कही गुणवत्ताविहीन निर्माण मिला या सरकारी धन का दुरूपयोग व गबन का मामला प्रकाश में आया तो सम्बन्धित ठेकेदार या कर्मी के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज कराकर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने कहा कि जो भी निर्माण कार्य चल रहे है उसमें किसी भी प्रोजेक्ट में अतिरिक्त कार्यों को अपनी मर्ज़ी से सम्मिलित कर प्रस्ताव पुनरीक्षण न किया जाये ऐसा करने से प्रोजेक्ट की लागत बढ जायेगी फिर शासन से पैसा मिलने में काफी समय लग जायेगा और प्रोजेक्ट समय पर पूर्ण नही हो पायेगा। सभी निर्माण कार्यों में पूर्व से निर्धारित कार्यों को समय सीमा में पूर्ण कराया जायें।
उन्होंने कहा कि लाकडाउन अवधि में विलम्ब हुए कार्यों को समय सीमा में पूर्ण कराने हेतु अतिरिक्त श्रमिकों को लगाकर या फिर दो शिफ्टों में श्रमिकों को लगाकर कार्य पूर्ण कराया जायें। उन्होंने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के लिये ऐसी भूमि चिन्हित की जाये जो समतल हो उसमें गढ्ढे न हो ऐसा करने से प्रोजेक्ट की लागत कम आयेगी।
उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट से मजदूरी वाला अंश निकालकर उस कार्य को मनरेगा के श्रमिकों से कराया जाये उस मजदूरी वाले अंश की धनराशि का उपयोग आवश्यकतानुसार अन्य कार्य में किया जायें। उन्होंने कहा कि सभी विभाग भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भूमि का चिन्हांकन कर ले तथा उस पर एक बोर्ड लगा दें कि यह जमीन किसकी है और भविष्य में इस जमीन का उपयोग किस योजना में किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि मौक़े पर कार्य प्रारम्भ होने व कार्य पूर्ण होने की तिथि का विवरण दर्ज कराया जायें। उन्होंने कहा कि यकोविडण्19द्ध के दृष्टिगत स्वस्थ्य सेवाओं को विकसित करने के लिये स्वास्थ्य की जनकल्याणकारी योजनाओं को समय सीमा से पहले पूर्ण कराया जायें। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य की जो भी जनकल्याणकारी योजनाओं के निर्माण कार्य धन अभाव के कारण पूर्ण नहीं हो पाये है उनके लिये शासन को पत्र प्रेषित किया जायें जिससे उन योजनाओं को पूर्ण कर स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा सके।
उन्होंने कहा कि समस्त कार्यालयों व निर्माण कार्यों की साइट पर पल्स आक्सीमीटर व थर्मल स्कैनर का उपयोग सुनिश्चित कराया जाये तथा सेनेटाइजर व हैण्ड वास करने के लिये पर्याप्त साबुन की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन कराया जायें। सभी लोगों द्वारा मास्क का प्रयोग किया जायें।
उन्होंने कहा कि बृहद वृक्षारोपण कराये जाने हेतु भूमि चिन्हित कर गढ्ढे की खुदाई करा ली जायें। उन्होंने कहा कि सड़क के दोनों किनारोंए नदीए झीलए तालाबए पोखर व नालों के किनारें, कार्यालयों व विद्यालयों के कैम्पस में वृक्षारोपण कराया जाये। बेसिक शिक्षा के प्रत्येक विद्यालय में किचन गार्डेन तैयार किया जाये जिसमे केला, सहजन, आम, आवला, अमरूद, कैथा, बेल, नींबू, सहतूत, करी पत्ता के वृक्ष लगायें जाये फिर उसमें सब्जियों के पौधे लगाये जायें।
उन्होंने कहा कि गोवंश आश्रय स्थलए चारागाहए हैण्डपम्प, ट्यूवेल के किनारे भी वृक्षारोपण कराया जायें तथा खराब पड़े हैण्डपम्प व ट्यूवेल के पास ग्राउण्ड वाटर रिचार्जिंग हेतु सोख्ता गढ्ढे बनवाये जाये जिससे बरसात में वाटर रिर्चाजिंग हो सके।
उन्होंने कहा कि सभी विभाग जो वृक्षारोपण करायेगें वह अपने समीप के गोवंश आश्रय स्थल से गोबरए गोमूत्र व जीवामृत प्राप्त कर सकते है। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि वह ब्लाक वाइज गोवंश आश्रय स्थलों के सुपर वाइजरों का कान्हा उपवन गौशाला सरोजनीनगर में निरीक्षण व प्रशिक्षण प्रदान कराये कि गोवंश आश्रय स्थल की आय के श्रोत कैसे विकसित किये जायें।
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