वोडाफ़ोन टर्बोनेट उत्तर प्रदेश़ के उपभोक्ताओं को दे रहा है सबसे तेज़ डेटा कनेक्टिविटी
लखनऊ, वोडाफ़ोन टर्बोनेट 4ळ को उत्तर प्रदेश में फिर से सबसे तेज़ 4ळ नेटवर्क बताया गया है, ब्राॅडबैण्ड टेस्टिंग एवं वेब-आधारित डायग्नाॅस्टिक ऐप्लीकेशन्स में ग्लोबल लीडर व्वासं के अनुसार जनवरी से मार्च 2020 की अवधि के दौरान इसकी डाउनलोड स्पीड सभी अन्य आॅपरेटरों से अधिक रही है। ये परिणाम उत्तर प्रदेश में 4ळ उपभोक्ताओं द्वारा किए गए स्पीड टेस्ट के व्वासं विश्लेषण पर आधारित हैं।
पिछली तिमाही के दौरान उत्तर प्रदेश में वोडाफ़ोन टर्बोनेट के लिए सबसे तेज़ 4ळ नेटवर्क वैरिफिकेशन के मद्देनज़र व्वासंद्वारा रीवैरिफिकेशन किया गया है। यहां तक मार्च’20 के दौरान भी उपभोक्ताओं द्वारा अनुभव की गई डेटा स्पीड इसमें शामिल है, जबकि पूरा देश राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन से प्रभावित था।
नेटवर्क रीवैरिफिकेशन का अर्थ यह है कि उत्तर प्रदेश में वोडाफ़ोन के उपभोक्ता लाॅकडाउन के दौरान घर से काम, अध्ययन, जानकारी, ज़रूरी सेवाओं, मनोरंजन के लिए वीडियो, ग्रुप वीडियो काॅल, डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर मुवीज़ देखने तथा अपने स्मार्ट डिवाइसेज़ के ज़रिए फोटो और वीडियो साझा करने के लिए वोडाफ़ोन की सहज कनेक्टिविटी और नेटवर्क का लाभ उठा रहे हैं।
-आध्यात्मिक लेख आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए
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