कृषि विभाग द्वारा खरीफ 2020 में संचालित की जाने वाली विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा
लखनऊ। प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि विभाग द्वारा खरीफ 2020 में संचालित की जाने वाली विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान खरीफ में 95.92 लाख हे0 क्षेत्रफल में 235.15 लाख मै0टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है इसकी प्राप्ति के लिए किसानों को पर्याप्त मात्रा में उपयुक्त प्रजातियों के प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जाएं तथा तत्काल अनुदान की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए। किसी भी स्थान पर बीजों की कमी न हो। साथ ही बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित कराए जाने हेतु निरीक्षण अभियान भी चलाया जाए।
डा0 विष्णु प्रताप सिंह, अपर कृशि निदेशक, बीज एवं प्रक्षेत्र द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश में अब तक धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, तिल, मूॅगफली आदि फसलों के सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में कुल 402202 कुन्तल बीज उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त 3.00 लाख कुन्तल धान, ज्वार, बाजरा के संकर बीजों के वितरण के लक्ष्य के अनुसार बीजों की व्यवस्था की जा रही है जिनमें से 57238 कुन्तल बीज का वितरण कराया जा चुका है। हरी खाद के लिए प्रदेश में 19106 कुन्तल बीज उपलब्ध कराया गया है जिसका वितरण कराया जा रहा है।
कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बीजों का वितरण युद्ध स्तर पर शीघ्रातिशीघ्र कराकर उसके अनुदान की अपेक्षित धनराशि किसानों के खाते में उपलब्ध करा दी जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सत्र में कोविड-19 संकट को देखते हुए सरकार की पूरी कोशिश है कि किसानों को अधिकाधिक मात्रा में फसलों के बीज मिल सकें। इसी समय आगामी रबी में बीजों के वितरण के लिए जरूरी योजनाएं तैयार करा ली जाएं। रबी सत्र में हर ब्लाक में ब्लाक स्तरीय बीज भण्डारों के साथ ही कम से कम 01 या 02 स्टोर भी खोलने की योजनाए बनाई जाए। इस सत्र में खोलने के लिए किराए के भवनों की यदि आवष्यकता हो तो प्रशासनिक मद से वहन किया जाए।
बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि खरीफ में सहकारिता विभाग एवं अन्य संस्थाएं कम बीज वितरण करती हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि सहकारिता विभाग एवं अन्य संस्थाओं से वार्ता कर समस्या का समाधान कराया जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश में सब मिशन आन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन तथा इन-सीटू योजना के अन्तर्गत कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। ये योजनाएं स्वीकृत होकर भारत सरकार से प्राप्त होने वाली हैं। इसके लिए किसानों को यथा आवश्यक लक्ष्य के अनुसार प्रार्थना पत्र प्राप्त करने की कार्यवाही समय से कराई जाए। वर्तमान खरीफ सत्र के लिए कृषि रक्षा रसायनों की पर्याप्त उपलब्धता सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में सुनिश्चित कराई जाए जिससे खरपतवारनाशी कीटनाशक एवं बीमारियों के समय से निंयंत्रण हेतु कृषकों को रसायन मिल सके। उन्होंने कहा कि यदि जैम पर पर्याप्त आपूर्तिकर्ता संस्थाएं उपलब्ध नहीं हैं तो ई-टेण्डरिंग के माध्यम से क्रय कर कृषि रक्षा रसायनों की आपूर्ति कराई जाएं।
बैठक में कृषि निदेशक श्री सोराज सिंह ने अवगत कराया कि प्रदेश के पश्चिमी जिलें जैसे आगरा, मथुरा में राजस्थान की ओर से टिड्डी दलों के आगमन की संभावना को देखते हुए तत्काल आवश्यक निरोधात्मक उपाय कराए जा रहे हैं जिसपर मा0 मंत्री जी ने निर्देशित किया कि भारत सरकार से समन्वय स्थापित कर टिड्डी दलों के संभावित आक्रमण के लिए समस्त निरोधात्मक उपायों का व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाए तथा रात में जहाॅ वह रूकती हैं वहाॅ पर रासायनिक छिड़काव कराकर नियंत्रित किया जाए तथा आगे बढ़ने से रोका जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि प्रदर्शनों के आयोजन हेतु कृषि रक्षा ईकाइयों में अपेक्षित रसायन उपलब्ध न हो तो किसानों को संबंधित रसायन बाजार से क्रय करने हेतु भी अनुमति दे दी जाए।
कृषि मंत्री ने जिप्सम वितरण योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि 23671 मै0टन जिप्सम की आपूर्ति यू0पी0 एग्रो के माध्यम से राजस्थान से कराई जा रही है इसे सीधे जिलों के बीज गोदामों पर प्रेषित कराया जाए जिससे किसान वर्तमान खरीफ में उपयोग कर सके तथा आगे भी रबी सत्र में भी समय से उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने अवगत कराया कि कुसुम योजनान्तर्गत 8000 सोलर पम्म वितरण का लक्ष्य भारत सरकार द्वारा पूर्व में ही प्राप्त हो चुका है इससे संबंधित अनुदान की धनराशि स्वीकृत कराने के लिए विभाग द्वारा प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया जा चुका है जिसकी स्वीकृति शीघ्र ही प्राप्त हो जाएगी। इसे तत्काल किसानों से प्रार्थना पत्र प्राप्त कर योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए।ं उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में दो करोड़ पाॅच लाख किसानों को पी0एम0 किसान योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जा चुका है। शेष किसानों के भी अभिलेखों का सत्यापन कर उन्हें भी शीघ्र धनराशि प्रेशित कराई जाए। कृषि प्रसार योजना के अन्तर्गत प्रदेश में कार्यरत संविदा कर्मियों की स्वीकृति का पूरा नवीनीकरण अभी तक नहीं हो सका हैं उन्होंने निर्देशित किया कि प्रदेश के समस्त इन कर्मियों को 15 जून 2020 तक नवीनीकरण कर दिया जाए तथा आगे के लिए भी कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए, उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 के दौर में भी प्रदेश के किसान खरीफ अभियान के अन्तर्गत अपनी फसलों की बुवाई हेतु तैयारी में लगेे हुए हैं इसी स्थिति में विभाग के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी पूरी निष्ठा एवं लगन से किसानों को कृषि निवेशों एवं अन्य संसाधनों की व्यवस्था में भरपूर सहयोग दें जिससे खरीफ 2020 के लिए निर्धारित फसलोत्पादन के लक्ष्य की प्राप्ति में कोई कठिनाई न हों।
बैठक में प्रमुख सचिव, कृशि डा0 देवेश चतुर्वेदी श्री सोराज सिंह, कृशि निदेशक श्री रामशब्द जैसवारा, प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 बीज विकास निगम डा0 विष्णु प्रताप सिंह, निदेशक, राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान, रहमानखेड़ा/अपर कृषि निदेशक, बीज एवं प्रक्षेत्र, वित्त नियंत्रक श्री रमेश चन्द्र राय श्री विनोद कुमार सिंह, निदेशक, सांख्यिकी एवं फसल बीमा एवं समस्त योजनाधिकारी मौजूद रहे।
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