वर्ष 1984 में जनपद-कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों के परिप्रेक्ष्य में पंजीकृत अभियोगों की विवेचना किए जाने हेतु गठित एस0आई0टी0 को पुलिस थाना अधिसूचित किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव अनुमोदित
मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय
वर्ष 1984 में जनपद-कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों के परिप्रेक्ष्य में पंजीकृत अभियोगों की विवेचना किए जाने हेतु गठित एस0आई0टी0 को पुलिस थाना अधिसूचित किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव अनुमोदित
लखनऊ मंत्रिपरिषद ने वर्ष 1984 में जनपद-कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों के परिप्रेक्ष्य में पंजीकृत अभियोगों की विवेचना किए जाने हेतु कार्यालय-ज्ञाप दिनांक 05 फरवरी, 2019 को गठित विषेष अनुसंधान दल (एस0आई0टी0) को पुलिस थाना अधिसूचित किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान कर दिया है। विषेष अनुसंधान दल (एस0आई0टी0) को दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 2(ध) के अन्तर्गत पुलिस थाना अधिसूचित/घोषित किए जाने से वर्ष 1984 में जनपद कानपुर नगर में हुए सिख विरोधी दंगों के परिप्रेक्ष्य में पंजीकृत अभियोगों की विवेचना में शीघ्रता आएगी तथा पीड़ित पक्ष को न्याय प्राप्त होगा।
वर्ष 1984 में जनपद कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों के सम्बन्ध में मा0 उच्चतम न्यायालय में योजित रिट याचिका (क्रिमिनल) संख्या-45/2017 श्री मनजीत सिंह जी व अन्य बनाम भारत सरकार व अन्य में मांगे गए अनुतोष के क्रम में साम्प्रदायिक नियंत्रण प्रकोष्ठ (गृह विभाग) कार्यालय-ज्ञाप संख्या-133के/छः-सानिप्र- 19-12(4)/2017 दिनांक 05 फरवरी, 2019 द्वारा एस0आई0टी0 (विषेष अनुसंधान दल) का गठन किया गया। प्रकरण में श्री बालेन्दु भूषण सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एस0आई0टी0) सिख विरोधी दंगा-1984 के पत्र दिनांक 17 सितम्बर, 2019 द्वारा अध्यक्ष-एस0आई0टी0 का पत्र दिनांक 27 मई, 2019 संलग्न करते हुए वर्ष 1984 में जनपद कानपुर नगर में हुए सिख विरोधी दंगों के परिप्रेक्ष्य में पंजीकृत अभियोगों की विवेचना किए जाने हेतु एस0आई0टी0 में नियुक्त निरीक्षक/उप निरीक्षकों को प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष के समकक्ष विवेचना करने के लिए वैधानिक अधिकार प्रदान किए जाने सम्बन्धी आदेष निर्गत करने का अनुरोध शासन से किया गया है।
मामले में अभियोजन निदेषालय की आख्या प्राप्त की गई, जिसमें अभियोजन निदेषालय के पत्र दिनांक 25 नवम्बर, 2019 द्वारा सूचित किया गया कि वर्ष 1984 में जनपद कानपुर नगर में हुए सिख विरोधी दंगों के परिप्रेक्ष्य में पंजीकृत अभियोगों की विवेचना किए जाने हेतु विषेष अनुसंधान दल (एस0आई0टी0) को द0प्र0सं0 1973 की धारा 2(ध) के अन्तर्गत पुलिस थाना अधिसूचित किया जाना आवष्यक है। थाना घोषित किए जाने के उपरान्त थाने का भार साधक अधिकारी एक निरीक्षक को नियुक्त किया जाना आवष्यक है।
इसके दृष्टिगत वर्ष 1984 में जनपद कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों के परिप्रेक्ष्य में पंजीकृत अभियोगों की विवेचना किए जाने हेतु साम्प्रदायिक नियंत्रण प्रकोष्ठ (गृह विभाग) के कार्यालय ज्ञाप संख्या-133के/छः-सानिप्र- 19-12(4)/2017 दिनांक 05 फरवरी, 2019 द्वारा गठित एस0आई0टी0 (विषेष अनुसंधान दल) को दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 2(ध) के अन्तर्गत पुलिस थाना अधिसूचित/घोषित किए जाने का प्रस्ताव है। इस सम्बन्ध में जारी होने वाली अधिसूचना के अंग्रेजी आलेख, जिसे विधायी विभाग द्वारा विधीक्षित कर दिया गया है तथा इस अधिसूचना के हिन्दी रूपान्तरित आलेख को भाषा विभाग द्वारा विधीक्षित कर दिया गया है।
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