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ये बात रोजाना बहुत से साधक साधिका पूछते भी है

 



आज अघोर का एक विचलन सत्य या नियम बताना चाह रहा हुओर ये बात रोजाना बहुत से साधक साधिका पूछते भी है।
अघोर की क्रिया सबके लिए है अघोर की साधना सबके लिए है अघोर सबके लिए है परंतु अघोर के अंश जिनमे पारलौकिक शक्तियां जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आपको प्रभावित करती है चाहे वो अछि हो या बुरी उनका आवाहन उनका विचलन उनको साधना उनको तृप्त करना उनको संतुलित करने सबके बसकी नही है। जिस प्रकार 10 या 20 या 50 या 100 किलो तक का वजन तो साधारण मनुष्य उठाने की क्षमता रखता है मगर अधिक वजन होने पर 2 या अधिक मनुष्य ही उस वजन को उठा सकते है क्योंकि किसी अकेले मनुष्य के बसकी नही इतना अधिक वजन उठाने की क्षमता।ठीक इसी प्रकार अघोर की कुल 108 साधनाओ में से जिनमे से 17 गिरहस्थ ओर सन्यास दोनों तरीके से ओर बाकी 91 केवल सन्यास मार्ग में की जाती है।सुरु की 17 में से भी केवल 6 तो साधक साधिका अलग अलग रह कर भी कर सकते है क्योंकि इनमें उर्जाए की मात्रा नियंत्रित ओर काम होती है है।


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