Skip to main content

फिर बनने जा रहा है एक साम्राज्‍य- रिडली स्‍कॉट और माइकल प्रूस ने ग्‍लेडिएटर की सदाबहार विरासत पर बात की

फिर बनने जा रहा है एक साम्राज्‍य- रिडली स्‍कॉट और माइकल प्रूस ने ग्‍लेडिएटर की सदाबहार विरासत पर बात की

मुम्बई,ग्‍लेडिएटर सिर्फ एक फिल्‍म नहीं थी, बल्कि सिनेमा का वो शानदार नगीना थी, जिसने ऐतिहासिक ड्रामा को नये आयाम देकर दुनियाभर के दर्शकों को लुभाया। उसकी दमदार स्‍टोरीटेलिंग और मशहूर हुए किरदारों ने फिल्‍मों के इतिहास को लंबे वक्‍त के लिये एक विरासत दी। यह महान कहानी एक बार फिर हमारा दिल जीतने आ रही है और ग्‍लेडिएटर 2 उसी उत्‍साह को नये सिरे से जगाने के लिए आ गई है। दूरदर्शी सोच वाले निर्देशक रिडली स्‍कॉट और निर्माता माइकल प्रूस इस धुंआधार कहानी की वापसी पर दिलचस्‍प जानकारियाँ दे रहे हैं-

स्‍टोरीटेलिंग का जुनून रखने वाले रिडली स्‍कॉट ने बताया, ‘‘इस पैमाने की फिल्‍म बनाने को लेकर रोमांच चरम पर है। इसमें तनाव भी चरम पर होगा। हमें तनाव को अपनाना ही होगा! मैं यही करता हूँ और मुझे इसका नशा है। काम में डिटेल ही डिटेल है। और आप आइडिया को जितना फैलाते हैं, उतने ही विचार आपसे जुड़ते जाएंगे। ग्‍लेडिएटर की लोकप्रियता लगातार बढ़ी है। यह फिल्‍म लोगों के दिमाग पर छा गई। मैं जानता था कि हमें इसके सीक्‍वल पर सोचना होगा, लेकिन यह तय करने में सालों बीत गये कि कहानी आखिर कैसी होगी।’’

स्‍कॉट फ्री प्रोडक्‍शंस में फिल्‍म के प्रेसिडेंट और प्रोड्यूसर माइकल प्रूस ने स्‍कॉट के साथ मिलकर काम करते हुए एक दशक से ज्‍यादा समय बिताया है। उन्‍होंने कहा, ‘‘पहली फिल्‍म दुनियाभर में फिल्‍मों के शौकीनों के लिये सांस्‍कृतिक पैमाने का एक प्रतीक बन गई। रोमन एम्‍पायर की दुनिया और ग्‍लेडिएटर के यादगार किरदार बड़े ही उम्‍दा तरीके से रचे गये थे। अब उसे और भी बड़े पैमाने पर रिक्रियेट करना जरूरी था। हम बदला लेने की वही जबर्दस्‍त प्रेरणा दिखाना चाहते थे, लेकिन उसमें कुछ नयापन, आधुनिकता और अनूठापन भी चाहिये था। इसमें हर किसी की उम्‍मीद से ज्‍यादा वक्‍त लगा, लेकिन अच्‍छे आइडिया और ह्यूमन ड्रामा को तैयार करने में वक्‍त लगता ही है। उम्‍मीद है कि इसके नतीजे बेहतरीन होंगे।’’

जाने-माने निर्देशक रिडली स्‍कॉट लेकर आ रहे हैं ग्‍लेडिएटर 2, जिसमें प्राचीन रोम की ताकत, बदला और किस्‍मत दिखाने वाली भयानक दुनिया की वापसी होगी। नायक मैक्जिमस की दुखद मौत के सालों बाद लुसियस (पॉल मेस्‍कल) खुद को क्रूरता से भरे कोलोजि़यम में पाता है, क्‍योंकि उसका घर उन अत्‍याचारी शासकों के कब्‍जे में है, जिनके डर से पूरा रोम कांप रहा है। लुसियस की आत्‍मा जल रही है और उसे साम्राज्‍य के भाग्‍य में संतुलन लाना है। ताकत को चुनौती देने के लिये वह अपने अतीत में जाएगा और उसे वह सम्‍मान लेकर लौटना है, जो रोम और उसके लोगों को चाहिये। कहानी जारी है और इस बार की कहानी कहीं ज्‍यादा दमदार, खून-खराबे से भरपूर तथा एपिक होगी।

यह फिल्‍म भारत के सिनेमाघरों में 15 नवंबर को अंग्रेजी, हिन्‍दी, तमिल और तेलुगू में 4Dx तथा आईमैक्‍स में आ रही है!

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते ...

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।