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मकरंद देशपांडे, बिस्वजीत चटर्जी अर्पिता चटर्जी का म्यूजिकल प्ले 'माई नेम इज जान' देखकर अचंभित रह गए

मकरंद देशपांडे, बिस्वजीत चटर्जी अर्पिता चटर्जी का म्यूजिकल प्ले 'माई नेम इज जान' देखकर अचंभित रह गए 

मुंबई। मकरंद देशपांडे, बिस्वजीत चटर्जी, टीवी9 के एमडी व सीईओ बरुन दास सहित कई हस्तियां अर्पिता चटर्जी के मुंबई में म्यूजिकल शो "माई नेम इज जान" की स्पेशल स्क्रीनिंग पर हाज़िर हुईं। सभी को यह म्यूजिकल शो काफी पसंद आया जो बेमिसाल गौहर जान की असाधारण कहानी को पेश करता है। इस शो के द्वारा दरअसल गौहर जान की विरासत को एक ट्रिब्यूट पेश किया गया है।

मुम्बई के बाल गंधर्व रंगमन्दिर में यह नाटक देखकर अचंभित रह गए गेस्ट ऑफ ऑनर मकरंद देशपांडे ने कहा कि जो सब कुछ स्टेज पर लुटा जाता है वह कलाकार होता है। अर्पिता ने गौहर जान बनकर वही किया है। स्वर, ताल, भाव, अभिनय में कोई कमी नहीं रही। ऐसा लगा जैसे कोई आसमानी ताकत अर्पिता से यह सब कुछ करवा रही है। यह मंच बहुत बड़ा है, लेकिन एक ही कलाकार खड़ा है और धीरे धीरे मंच छोटा होता गया और हम अर्पिता के करिश्मे को देखते रहे। यह स्वर्ण संध्या रंगमंच को अर्पित रही। मैं बहुत भाग्यशाली हूँ कि मुझे यह करिश्मा देखने का अवसर मिला। मैंने अर्पिता से बहुत कुछ सीखा है। मैं निर्देशक को भी बधाई देता हूँ क्योंकि पूरा ड्रामा एक कलाकार पर आधारित था इसे कोरियोग्राफ करना खेल नहीं है। पूरे शो का तालमेल बेमिसाल है।"

लिजेंड्री ऎक्टर बिस्वजीत चटर्जी ने कहा कि मैं खुद रंगमंच से आया हूँ और स्टेज पर परफॉर्म करना आसान नहीं होता है। स्टेज के पीछे काम करने वालों की बड़ी भूमिका होती है इसलिए मैं इसकी निर्देशक और पूरी म्युज़िक टीम को बधाई देता हूँ। इस नाटक की टीम वर्ल्ड टूर पर जा रही है मैं सभी को आशीर्वाद देता हूँ कि विजयी भवः।  अर्पिता चटर्जी भारत का झंडा लेकर विदेशी टूर पर जा रही हैं, वह देश का नाम हर जगह रौशन करके आएंगी। अर्पिता ने जो अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन इस नाटक में किया है वो देखकर मुझे विश्वास नहीं हुआ। इस ड्रामा को देखकर मुझे गौहर जान की जिंदगी के इतने सारे अनसुने पहलुओं को जानने का मौका मिला। इतनी सुंदरता से इसे प्रस्तुत किया गया कि हम सब इसे देखने मे खो गए थे। यह कहना मुश्किल है कि ये नाटक है, डांस परफॉर्मेंस है, गायकी का शो है या म्युज़िक का शो है। अर्पिता चटर्जी जितनी अच्छी गायिका हैं उतनी ही बेहतर अभिनेत्री भी हैं। उस्ताद राशिद खान साहब के साथ इन्होंने गीत गाया है। एक आर्टिस्ट केअंदर इतने सारे रंग, यह चमत्कार और करिश्मा कभी कभी होता है। अर्पिता पर कला की देवी सरस्वती माता का आशीर्वाद है। इनके अंदर बेपनाह गुण, प्रतिभा और कला है।"

अर्पिता चटर्जी ने मकरंद देशपांडे और बिस्वजीत जी का आभार जताया। कहा कि मेहनत और रिहर्सल तो बहुत करनी पड़ी मगर जब दर्शकों की बेहतरीन प्रतिक्रिया स्टेज पर परफॉर्मेंस के दौरान मिलती है तो उससे बड़ा इनाम कुछ नही हो सकता। मकरंद जी ने जो कहा कि उन्होंने मेरी एक्टिंग से कुछ सीखा यह उस महान ऎक्टर का बड़पन है। मुझे खुशी है कि गौहर जान की ज़िंदगी को मैंने स्टेज पर पेश किया। शो को जिस तरह का रेस्पॉन्स मिला है मैं निःशब्द हूँ।"

भारतीय शास्त्रीय संगीत को आकार देने में गौहर जान की अग्रणी भूमिका और ग्रामोफोन पर गीत रिकॉर्ड करने वाली पहली भारतीय कलाकार के रूप में उनकी उपलब्धि को यह शो पेश करता है। माई नेम इज जान उस महान हस्ती को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने भारत और जर्मनी के बीच स्थायी सांस्कृतिक आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महिला निर्देशक अबन्ति चक्रवर्ती ने शो का कुशल निर्देशन किया है।

यह शो अब 24 नवंबर 2024 को स्टैडथिएटर, गमुंडेन, ऑस्ट्रिया में, 25 नवंबर 2024 को कांग्रेस और थिएटर, बैड इस्चल, ऑस्ट्रिया में, 18 और 19 जनवरी 2025 को श्री राम सेंटर, दिल्ली में, 24 जनवरी 2025 को हैदराबाद में और 13 अप्रैल 2025 को द रोज़, ब्रैम्पटन, कनाडा में देखा जा सकेगा।

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