सीएसआईआर-एनबीआरआई के पर्यावरण सूचना, जागरूकता, क्षमता निर्माण और आजीविका कार्यक्रम केंद्र द्वारा का मिशन लाइफ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
सीएसआईआर-एनबीआरआई के पर्यावरण सूचना, जागरूकता, क्षमता निर्माण और आजीविका कार्यक्रम केंद्र द्वारा का मिशन लाइफ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) के पर्यावरण सूचना, जागरूकता, क्षमता निर्माण और आजीविका कार्यक्रम केंद्र (ईआईएसीपी) द्वारा वनस्पति विज्ञान विभाग, नेशनल पीजी कॉलेज, हजरतगंज, लखनऊ में दिनांक 28 अक्टूबर, 2024 को मिशन लाइफ थीम पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) भारत के नेतृत्व में वैश्विक जन आंदोलन है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्रवाई को संगठित करना है।
यह कार्यक्रम मिशन लाइफ के उद्देश्य के अनुरूप था, जिसका उद्देश्य संधारणीय जीवन और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देना था। चूंकि दुनिया जलवायु परिवर्तन और संसाधनों की कमी की चुनौतियों से जूझ रही है, इसलिए जलवायु के अनुकूल प्रथाओं को अपनाना बहुत जरूरी हो गया है। इस जागरूकता कार्यक्रम में, एनबीआरआई-ईआईएसीपी की वैज्ञानिक और सह-समन्वयक डॉ अंजू पटेल ने छात्रों को "मिशन लाइफ" थीम पर एक दिलचस्प व्याख्यान दिया और उन्हें ईआईएसीपी केंद्र द्वारा आयोजित "पौधे और प्रदूषण" पर विषयगत गतिविधियों के बारे में भी बताया। इसके अलावा, एनबीआरआई-ईआईएसीपी केंद्र के विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न पौधों पर जानकारी प्रदान करने के लिए ग्रीन स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम और एनबीआरआई-ईआईएसीपी ग्रीन प्लानर एप्लिकेशन के बारे में बताया गया। छात्रों के साथ जलवायु परिवर्तन के उभरते मुद्दों और हमें अपनी धरती को सुरक्षित, स्वस्थ बनाने के लिए क्या करना चाहिए, इस पर भी चर्चा की गयी।
कार्यक्रम के दौरान पोस्टर मेकिंग और कोलाज मेकिंग दो प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिसमें प्रतिभागियों ने इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से जलवायु-अनुकूल जीवन शैली के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करके अपने रचनात्मक और शैक्षिक ज्ञान को दिखाया। कार्यक्रम के अंत में, राष्ट्रीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. अविजीत चटर्जी ने छात्रों को एक स्थायी जीवन शैली अपनाने के लिए मिशन लाइफ शपथ दिलाई। जागरूकता कार्यक्रम में कुल 153 छात्रों और 8 संकाय सदस्यों के शिक्षकों ने भाग लिया।
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