स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम उत्तर प्रदेश के ग्राहकों के बिजली बिलों को कम करने में करेगा मदद
- बाजार की कीमत की तुलना में एक-तिहाई खर्च पर उपलब्ध स्मार्ट मीटर सभी वैश्विक मानकों की कसौटियों पर खरे उतरते हैं,
- स्मार्ट मीटर 2जी और 3जी दोनों तरह की टैक्नोलॉजी के साथ काम कर सकते हैं
- ग्राहकों को स्मार्ट मीटर मुफ्त उपलब्ध कराए जाएंगे
लखनऊ, 23 दिसंबर, 2020: ग्राहकों की संतुष्टि और उन्हें बेहतर सेवाएं के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश के 12 शहरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया था। यूपीपीसीएल ने एनर्जी एफीशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के साथ मिलकर अब तक उत्तर प्रदेश के 12 शहरों में 11.2 लाख स्मार्ट मीटर लगाए हैं। यह भारत में किसी भी विद्युत वितरण कंपनी द्वारा लगाए गए सबसे ज्यादा स्मार्ट मीटर्स हैं। ईईएसएल भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन कार्यरत सुपर ईएससीओ (एस्को) है।
इंटेलीस्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, ईईएसएल और नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) की संयुक्त कंपनी है। यह कंपनी उत्तर प्रदेश में वितरण कंपनियों के लिए स्मार्ट मीटर रोलआउट प्रोग्राम के क्रियान्वयन, वित्त और संचालन पक्षों को संभालती है।
ईईएसएल के डिमांड एग्रीगेशन और थोक खरीद मॉडल के कारण वैश्विक मानकों के हिसाब से बने स्मार्ट मीटर्स की लागत में एक तिहाई की कमी आई है। इसके अलावा, ग्राहकों को ये स्मार्ट मीटर मुफ्त में दिए जाएंगे। इस प्रोग्राम से डिस्कॉम्स की बिलिंग एफीशियंसी को बेहतर बनाने में भी मदद मिल रही है।
आधुनिकतम टैक्नोलॉजी से बने और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा आईएस 16444 दिशानिर्देशों के अनुसार प्रमाणित ये स्मार्ट मीटर ग्राहकों के लिए किफायती साबित होंगे। मीटर्स को प्रमाणित करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के अपनाए इन दिशानिर्देशों का पालन दुनिया भर में किया जाता है। वर्तमान में ईईएसएल दवारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर 3जी टैक्नोलॉजी के ज़रिए जुड़े होते हैं। मीटर्स को जोड़ने के लिए दुनिया भर में इस टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही इन स्मार्ट मीटर्स के लिए डेटा कम्यूनिकेशन की बहुत कम ज़रूरत पड़ती है, जिसके कारण ये 2जी टैक्नोलॉजी के साथ भी सही काम कर सकते हैं। इन स्मार्ट मीटर्स का सर्विस लेवल एग्रीमेंट (एसएलए) 98% से अधिक है, जो देश में सर्वश्रेष्ठ है।
ग्राहकों को लाभ
• बिल की रिकॉर्डिंग में कोई मानवीय भूल और हस्तक्षेप नहीं होगा, डिस्कॉम जाने की ज़रूरत नहीं
• स्मार्ट मीटर से ऊर्जा और धन की निश्चित बचत होगी
• एसएमएस और ईमेल के माध्यम से ग्राहकों को समय पर बिल की जानकारी मिलेगी; ग्राहक मोबाइल और वेब के माध्यम से बिल का भुगतान कर सकेंगे
• स्मार्ट मीटर के ज़रिए ग्राहकों के बिजली के बिल अनुमानित रीडिंग के बजाय सटीक जानकारी पर आधारित होंगे
• ग्राहक स्वंय निगरानी कर सकेंगे; खपत के तरीके का विश्लेषण हो सकेगा
डिस्कॉम्स को लाभ
• अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही, एटीएंडसी घाटे में कमी, बिजली चोरी की रियल टाइम निगरानी
• बिलिंग एफीशियंसी में 98% तक और कलेक्शन एफीशियसी में 95% तक का सुधार
• अनुमानित बिल देने की ज़रुरत नहीं; सभी ग्राहकों की 100% बिलिंग; बिजली के भार को संतुलित करने के लिए रियल टाइम डेटा
• पीक समय में बिजली कटौती को कम करने में मदद मिलेगे। उपलब्ध क्षमता और मांग के बीच के अंतर का प्रबंधन किया जा सकता है
स्मार्ट मीटर ग्राहकों, वितरण कंपनियों और पूरे पावर सेक्टर के लिए लाभदायक हैं। स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम का उद्देश्य 25 करोड़ पारंपरिक मीटर्स की जगह स्मार्ट मीटर्स लगाना है। इनके लगने से बिलिंग एफीशियंसी में 80-100 प्रतिशत का सुधार संभव हो पाएगा।
ईईएसएल के बारे में
भारत मंत्रालय के वियत मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यरत एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (ईईएसएल) का गठन एनटीपीसी लिमिटेड, पावर फाइनेंस कार्पोरेशन, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कार्पोरेशन और पावर ग्रिड की संयुक्त उपक्रम कंपनी के तौर पर, ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने वाली परियोजनाओं के क्रियान्वयन के उद्देश्य से किया गया था। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) एक सुपर एनर्जी सर्विस कंपनी (ईएससीओ) है, जो भारत के ऊर्जा दक्षता बाज़ार की क्षमताओं का भरपूर लाभ उठाने के लिए तत्पर है। फिलहाल इस बाज़ार का अनुमानित मूल्य 74,000 करोड़ रु है नवाचारी व्यावसायिक एवं कार्यान्यवन मॉडलों की मदद से, मौजूदा खपत के हिसाब से करीब 20 प्रतिशत तक की ऊर्जा बचत कर सकता है। साथ ही, यह राज्यों के डिसकॉम, ईआरसी, एसडीए एवं नई एस्को, वित्तीय संस्थानों आदि के क्षमता निर्माण के लिए भी संसाधन
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