लखनऊः 13 दिसम्बर, 2020
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ आगामी 31 दिसम्बर, 2020 को अपना 65वॉ स्थापना दिवस समारोह कानपुर नगर स्थित आर्य कन्या इंटर कालेज, गोविन्दनगर में मनाएगा। संगठन की राज्य कार्यकारिणी ने आज दिनांक 13 दिसम्बर, 2020 को क्वीन्स इंटर कालेज, लालबाग, लखनऊ के सभागार में आयोजित विस्तृत बैठक में समीक्षा बैठक के उपरान्त घोषणा की है कि स्थापना दिवस के अवसर पर एक साथ मदरसा शिक्षकों की कठिनाइयों की चर्चा करके निदान का मार्ग खोजा जायेगा।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि आज की बैठक में यह निष्चय किया गया है कि पुरानी पेंषन की बहाली होने तक इस सन्दर्भ में आन्दोलन जारी रहेगा। आन्दोलन के प्रथम पक्ष में संगठन के कार्यकर्ता साथी अपनी मॉगों के समर्थन में सत्ता पक्ष के विधायकों, सांसदों तथा मंत्रीगण से अपने-अपने क्षेत्रों में भेंट कर ज्ञापन प्रस्तुत करेंगे। ज्ञापन में पुरानी पेंशन की बहाली के अतिरिक्त जो मॉगें प्रमुख रूप से उल्ललिखित की जायेंगी उसमें डी0ए0 की कटौती तीन बार की जा चुकी है, उसकी वापसी, मॅहगाई भत्ते के अनुरूप डी0ए0 बढ़वाने की मॉग, संगठन की दृश्टि में नई पेंशन (एन0पी0एस0) केवल घोखा है और कर्मचारी के वेतन से एक प्रकार की लूट है, बुढ़ापे का सहारा तो बिल्कुल नहीं। सहायता प्राप्त विद्यालयों में आयोग द्वारा नियुक्त शीक्षकों के अतिरिक्त पी0टी0ए0 षिक्षक अथवा धारा 7-4 (क) के अन्तर्गत नियुक्त षिक्षक पूर्णकालिक रहें एवं पूरा वेतन पायें। समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धान्त को प्रभावी बनाते हुए सबको कार्यानुसार वेतनमान और वेतन अनुमन्य किये जॉय। विद्यालयों में कार्यरत कम्प्यूटर और व्यवसायिक शिक्षक भी पूर्णकालिक हों और समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धान्त पर आधारित उन्हें भी पूर्ण वेतन का लाभ अनुमन्य कराया जाय। सभी शिक्षकों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो। इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम की धारा 7-4 को संशोधित करते हुए 7-4 (क) के अन्तर्गत वित्तविहीन व्यवस्था इस आश्वासन के साथ लागू की गयी थी कि एक-दो वर्श के आर्थिक कठिनाइयों के बाद यह व्यवस्था समाप्त कर दी जायेगी । 33 वर्ष के अन्तराल के बाद भी यह अल्पकालिक व्यवस्था अब असहनीय है। इस धारा के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त प्रत्येक विद्यालय का शिक्षक पूर्णकालिक हो तथा सरकार से वेतन प्राप्त करने का अधिकारी हो। प्रत्येक विद्यालय में सृजित पदों के प्रति तीन माह के अन्दर शिक्षकों की आपूर्ति हो जाय, महिला शिक्षकों को अनुमन्य अवकाशों की उपलब्धता अनिवार्य की जाय, शिक्षकों के स्थानान्तरण की नीति का सरलीकरण करते हुए व्यवस्था सुनिश्चित की जाय कि प्रत्येक शिक्षक अपनी सुविधानुरूप स्थान पर अपना स्थानान्तरण करा सके।
सत्ताधारी राजनीतिक दल के विघायकों, सांसदों और मन्त्रियों को यह ज्ञापन इस उद्देष्य से दिया जा रहा है कि 30 दिसम्बर, 2020 तक सरकार की ओर से इन सन्दर्भों में सरकार की नीति और कार्यक्रमों से संगठन को अवगत करायें जिससे कि 31 दिसम्बर, 2020 को स्थापना दिवस को आयोजित बैठक में भावी कार्यक्रम निर्धारित किया जा सके।
Comments
Post a Comment