युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज के 51वीं एवं राष्ट्रसंतमहंत अवेद्यनाथ जी महाराज के छठवीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित श्रद्धांजलि सभा।
युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज के 51वीं एवं राष्ट्रसंतमहंत अवेद्यनाथ जी महाराज के छठवीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित श्रद्धांजलि सभा।
गोरखपुर 07 सितम्बर, 2020। गोरखनाथ मन्दिर, गोरखपुर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज के 51वीं एवं राष्ट्रसंत महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज के 6 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज सातवें दिन ‘राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज श्रद्धंाजलि सभा’ की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने कहा कि पूज्य दोनों संतो की भारत के सनातन जीवन मूल्यों के प्रति अपार श्रद्धा थी व सनातन धर्म तथा भारतीयता का अनुसरण ही उन्होंने जीवन भर किया। जिन कारणों से और जो कारक हिंदू समाज को कमजोर करने तथा समाज को विभाजित करने व भारत को कमजोर करने के माध्यम बनते थे उनका डटकर विरोध किया। पूज्य महंत अवेद्यनाथ जी महाराज गोरक्षपीठ के अपने गुरु परंपरा का निर्वहन करते हुए निरंतर 45 वर्षों तक गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में न केवल गोरक्षपीठ के भक्तों का तथा सनातन हिंदू धर्म के मूल्यों व आदर्शों को स्थापित किया वरन उसे एक नेतृत्व दिया तथा संकट के समय में भी एक योग्य मार्गदर्शक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोरक्षपीठ का उद्देश्य सेवा के साथ जुड़कर लोकमंगल के कार्यों को करते रहना ही है। पूज्य महाराज जी का जीवन दर्शन जो हमें सदाचार व सत्कर्तव्य के लिए नित्य प्रेरित करता रहता है। स्वच्छता की दृष्टि से गोरक्षपीठ के पूज्य संतों ने बहुत पहले से ही समाज में एक नए मापदंड स्थापित किए और यही स्वच्छता कि अपनी दृष्टि उन्होंने अपने सारी संस्थाओं को दी। इस कोरोना महामारी में भी हम अपने महापुरुषों के प्रति इस प्रकार से भव्य कायक्रमों का आयोजन कर श्रद्धांजलि दे सकते हैं, इसका उदाहरण हमें इस तकनीकी सहयोग से होने वाले कार्यक्रम से मिलता है।
दिगम्बर अखाड़ा अयोध्या से पधारे महन्त सुरेशदास जी महाराज ने कहा कि पूज्य महन्त अवेद्यनाथ जी का जीवन हम सभी को सदैव प्रेरणा देता रहा है। वे और मेरे पूज्य गुरुदेव महन्त रामचन्द्र परमहंस अन्य संतो से मिलकर श्रीराम जन्म भूमि के आन्दोलन की अगुआई की। उनके आन्दोलन का ही परिणाम है कि 05 अगस्त को श्री नरेन्द्र मोदी जी ने श्रीराम जन्म भूमि पर मन्दिर निर्माण के लिए शिलान्यास किया।
अयोध्या से पधारे रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज ने कहा कि पूज्य ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज से मिलने का शौभाग्य 2004 में मिला। तभी मैंने अपने गुरु जी के मुख से उनका गौरव सुना था। पुनः उनके जीवन को समीप से अनुभव करने का अवसर मिलता रहा। उनके नेतृत्व में गोरक्षपीठ रामलला के भव्य मन्दिर के निर्माण के लिए सबको साथ लेकर सत्त प्रयास करता रहा। आज वर्तमान पीठाधीश्वर महन्त योगी आदित्यनाथ जी महाराज के नेतृत्व में रामलला अपने भव्य मन्दिर में विराजमान हो रहें हैं। यह इस पीठ के पूज्य महंतद्वय की पुण्यतिथि के पूर्व सम्पन्न भी हुआ है।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रान्त प्रचारक सुभाष जी ने कहा कि आध्यात्म के दो पक्ष हैं। आन्तरिक व वाह्य। आन्तरिक अध्यात्म संयम व साधना है और वाह्य अध्यात्म सेवा और श्रम है। इस प्रकार के अध्यात्म की परिभाषा को चरितार्थ करने वाले पूज्य ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज ने जीवन भर इस पीठ के माध्यम से समाज के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंच कर बिना किसी भेद-भाव के सबके कल्याण की बात की। यह पीठ निरन्तर शिक्षा व सेवा, समरसता एवं सम्नवय की भावना को समाज व राष्ट्र के विकास के लिए समर्पित करने प्रयास करता रहा है और आज भी उन्हीं लक्ष्यों व उद्देश्यों को लेकर सत्त प्रवाहमय है।
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति प्रो0 उदय प्रताप सिंह ने कहा कि ये वो महापुरुष थे जिन्होंने इस धरा को छोड़कर स्थूल रूप से गये लेकिन सूक्ष्म रूप से अभी भी विद्यमान हैं। राम जन्म भूमि मन्दिर मुक्ति आन्दोलन में पूज्य संतो की जिस प्रकार की भूमिका रही आज मन्दिर निर्माण के समय भी वह भूमिका परिलक्षित हो रही है, यह पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है।
कार्यक्रम में विभिन्न शैक्षिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों तथा जनप्रतिनिधियों की तरफ से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक सुभाष जी, सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, गोरखपुर के महापौर सीताराम जयसवाल, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष प्रो० ईश्वर शरण विश्वकर्मा, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्य डॉ० दिनेश मणि त्रिपाठी, गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ला, सांसद बांसगांव कमलेश पासवान, विश्व हिंदू परिषद प्रांतीय संगठन मंत्री प्रदीप पाण्डेय , भाजपा महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, प्रदेश महामंत्री हिंदू युवा वाहिनी ई० पी० के० मल्ल, डॉ० सी एम सिन्हा, भिखारी प्रजापति, लक्ष्मण नारंग, विधायक श्री विपिन सिंह, महेंद्र पाल सिंह, शीतल पांडेय, राकेश सिंह बघेल, तथा गीता प्रेस के उत्पाद प्रबंधक डाॅ0 लालमणि तिवारी ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
महाराणा प्रताप इण्टर कालेज, सिविल लाइन, गोरखपुर के पूर्व प्रधानाचार्य रामजन्म सिंह के पुस्तक ‘श्रीरामकथा’ तथा ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की पुण्य स्मृति को समर्पित महाराणा प्रताप पी0जी0 कालेज, जंगल धूसड़ के प्राचार्य डाॅ0 प्रदीप राव द्वारा सम्पादित वार्षिक पत्रिका ‘विमर्श’ का विमोचन गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त योगी आदित्यनाथ जी महाराज व मंचासीन अतिथिगण द्वारा किया गया।
गोरक्षाष्टक पाठ प्रांजल त्रिपाठी, महन्त अवेद्यनाथ स्त्रोत पाठ डाॅ0 प्रांगेश कुमार मिश्र तथा संचालन डाॅ0 श्रीभगवान सिंह द्वारा किया गया। सरस्वती वन्दना एवं श्रद्धांजलि गीत महाराणा प्रताप बालिका इण्टर कालेज, सिविल लाइन्स, गोरखपुर की छात्राओं द्वारा किया गया।
श्रद्धांजलि सभा में अनन्त श्रीविभूषित जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य जी महाराज, कालिकापीठ नई दिल्ली के महन्त सुरेन्द्रनाथ जी, महन्त धर्मदास जी, प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, महन्त मिथिलेशनाथ जी महाराज, श्री धराचार्य जी महाराज, सतुआ बाबा आश्रम वाराणसी के संतोषदास, वृन्दावन से श्री अनिल कृष्ण, कानपुर से आचार्य शिवाकान्त जी, हनुमान मन्दिर के महन्त प्रेमदास जी, कालीबाड़ी के महन्त रविन्द्रदास जी, चचाईराम मठ के महन्त पंचानन पुरी जी, विधायक कपिलवस्तु श्यामधरी राही, श्रीमती अंजू चैधरी, अरुणेश शाही , विभ्राट चंद कौशिक, चन्द्रपाल सिंह राही, संतोष सिंह, विहिम के देवेन्द्र सिंह, विक्रम चैधरी, प्रमथनाथ मिश्र, नवल शाह, अवधेश सिंह, अरुण कुमार अग्रवाल ,जवाहर लाल कसौधन , महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थाध्यक्ष, अध्यापक तथा संतगण आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। सम्पूर्ण कार्यक्रम गोरखनाथ मंदिर के फेसबुक पेज तथा यू ट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारण किया गया । लाइव प्रसारण के लिए तकनीकी में डॉ पवन पाण्डेय, डॉ अमरनाथ तिवारी, विनय गौतम, अंकुर त्रिपाठी आदि का सहयोग रहा ।
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