प्रधानमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के शैक्षणिक व प्रशासनिक भवनों के उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के शैक्षणिक व प्रशासनिक भवनों के उद्घाटन किया
लखनऊ: 29 अगस्त, 2020
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि केन्द्र व उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड क्षेत्र की पुरातन पहचान व गौरव को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस दिशा में निरन्तर कार्य किया जा रहा है। इस क्षेत्र के समग्र विकास के लिए लगातार किये जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप बुंदेलखंड में जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान का मंत्र चारों दिशाओं में गूंजेगा।
प्रधानमंत्री जी आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के शैक्षणिक व प्रशासनिक भवनों के उद्घाटन के उपरान्त वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से जुड़े लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होेंने रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों से संवाद भी किया।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने बुंदेलखंड की धरती पर गर्जना की थी कि मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी। वर्तमान में, मेरी झांसी-मेरा बुंदेलखंड आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा देगा, जैसी एक नई गर्जना की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसमें कृषि की बहुत बड़ी भूमिका है। कृषि में आत्मनिर्भरता का आशय सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं है। इसका लक्ष्य किसानों को उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है। इससे गांव में ही बड़े स्तर पर रोजगार व स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किये गये हैं। किसानों को मण्डी आदि से सम्बन्धित पुराने कानूनों की जकड़न से मुक्त किया गया है। अब किसान अपनी उपज, जहां अधिक मूल्य मिले वहां विक्रय कर सकता है। कृषि सम्बन्धी उद्योगों के क्लस्टर विकसित करने के लिए 01 लाख करोड़ रुपये का फण्ड बनाया गया है। इससे भण्डारण, प्रसंस्करण से सम्बन्धित उद्यम विकसित किये जा सकेंगे, जिससे कृषि क्षेत्र से जुड़े विद्यार्थियों को नये अवसर प्राप्त होंगे।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि कृषि को तकनीक से जोड़ने का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। इसमें कृषि विश्वविद्यालयों की उल्लेखनीय भूमिका है। 06 साल पहले जहां देश में सिर्फ 01 केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय था, आज 3 सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज देश में काम कर रही हैं। इसके अलावा तीन और राष्ट्रीय संस्थानों-प्।त्प्.झारखंड, प्।त्प्.असम और मोतीहारी में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फाॅर इंटीग्रेटेड फार्मिंग की स्थापना की जा रही है, इससे किसानों की क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने माइक्रो इरीगेशन, ड्रिप इरीगेशन आदि सिंचाई की तकनीकों तथा बंुदेलखंड क्षेत्र सहित 10 राज्यों में टिड्डी दल पर नियंत्रण के लिए वैज्ञानिक तरीकों की चर्चा करते हुए कहा कि आधुनिक तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिए युवाओं को लगातार कार्य करना होगा।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है कि कृषि सम्बन्धी शोध का किसान से सीधा सरोकार हो। कृषि से जुड़ी शिक्षा को, उसके प्रैक्टिकल एप्लीकेशन को स्कूल स्तर पर ले जाए जाने की आवश्यकता है। ग्रामीण क्षेत्र में मिडिल स्कूल स्तर पर कृषि शिक्षा को सम्मिलित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे बच्चों की कृषि सम्बन्धी स्वाभाविक समझ विकसित होगी। साथ ही, खेती और इससे जुड़ी तकनीक, व्यापार-कारोबार के बारे में वे अपने परिवार को ज्यादा जानकारी दे पाएंगे। इसके लिए नई शिक्षा नीति में प्राविधान किये गये हैं।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि संकट की स्थिति में बुंदेलखंड सदैव अगुआई करता रहा है। कोरोना के खिलाफ बुंदेलखंड के लोग भी डटे हुए हैं। सरकार ने भी प्रयास किया है कि लोगों को कम से कम दिक्कत हो। गरीब का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए उत्तर प्रदेश के करोड़ों गरीब और ग्रामीण परिवारों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। बुंदेलखंड की करीब-करीब 10 लाख गरीब बहनों को इस दौरान मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए हैं। लाखों बहनों के जनधन खाते में हजारों करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत यू0पी0 में 700 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च अब तक किया जा चुका है। इसके तहत लाखों कामगारों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। इस अभियान के तहत बुंदेलखंड में भी सैकड़ों तालाबों को ठीक कराने और नए तालाब बनाने का काम किया गया।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि बुंदेलखंड में ‘हर घर नल’ पहुंचाने का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके लिए यहां पाइप लाइन बिछाने हेतु 10 हजार करोड़ रुपये की 500 से अधिक परियोजनाएं स्वीकृत की गयी हैं। 03 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं प्रारम्भ भी की जा चुकी हैं। इससे बुंदेलखंड के लाखों परिवारों को सीधा लाभ होगा। भूजल स्तर को ऊपर उठाने के लिए ‘अटल भूजल’ योजना संचालित की जा रही है। बुंदेलखंड क्षेत्र में बेतवा, केन, यमुना आदि नदियां प्रवाहित हैं। केन्द्र सरकार इस जल का पूरा लाभ क्षेत्र की जनता को दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। इसके लिए केन-बेतवा लिंक योजना संचालित की जा रही है। एक बार बुंदेलखंड को पर्याप्त जल मिलने लगेगा, तो यहां का जीवन बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विकसित की जा रहीं हजारों करोड़ रुपये की बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर आदि परियोजनाएं यहां रोजगार के हजारों अवसर बनाने का काम करेंगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के यशस्वी नेतृत्व में देश में हर क्षेत्र में परिवर्तन आया है। किसानों की बुनियादी समस्याओं के समाधान का प्रयास किया गया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि योजनाओं तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से कृषकों को लाभ हुआ है। कृषि विज्ञान केन्द्रों से स्थानीय तौर पर कृषि तकनीकी का प्रसार हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बुंदेलखंड में उत्तर प्रदेश के 07 तथा मध्य प्रदेश के कुछ जनपद सम्मिलित हैं। यह क्षेत्र प्रतिवर्ष सूखे से प्रभावित रहता है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से क्षेत्र की समस्या का कुछ हद तक समाधान सम्भव हुआ है। प्रधानमंत्री जल जीवन योजना के अन्तर्गत बुंदेलखंड में ‘हर घर नल’ योजना प्रारम्भ की गयी है। बुंदेलखंड में अन्ना प्रथा के समाधान के लिए 1,535 गौ-आश्रय स्थल बनाए गये हैं। इसमें 1,54,000 निराश्रित गौवंश को आश्रय प्राप्त हो रहा है। इन आश्रय स्थलों की जैविक कृषि में भी बड़ी उपयोगी भूमिका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषित 02 डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर में से एक उत्तर प्रदेश में है। इसके दो नोड झांसी व चित्रकूट बुंदेलखंड में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र को देश की राजधानी से जोड़ने के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जा रहा है। इसका 15 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में पहले से 68 कृषि विज्ञान केन्द्र कार्यशील थे। केन्द्र सरकार के सहयोग से वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित किये गये हैं। बड़े जनपदों में 02 तथा छोटे जनपदों में 01 कृषि विज्ञान केन्द्र कार्यशील हैं। कृषि विज्ञान केन्द्रों को कृषि विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध कर स्थानीय स्तर पर तकनीक का प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले से ही 04 कृषि विश्वविद्यालय संचालित हैं। रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना से बुंदेलखंड क्षेत्र के दोनों मण्डलों में कृषि विश्वविद्यालय स्थापित हो गये हैं। इससे बंुदेलखंड क्षेत्र तथा यहां के किसान लाभान्वित होंगे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना से बुंदेलखंड क्षेत्र को विशेष लाभ होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों को आमदनी दोगुनी करने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर कार्य कर रही है। सम्मिलित प्रयास से रबी व खरीफ की फसलों की बुआई क्षेत्र में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री कृषक सम्मान निधि के अन्तर्गत 10 करोड़ किसानों को 92 हजार करोड़ रुपये प्रदान किये गये। 2.5 करोड़ किसानांे को के0सी0सी0 निर्गत किया गया है। 01 लाख करोड़ रुपये का कृषि अवसंरचना कोष बनाया गया है। इन कार्यांे के परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है।
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