मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि तटबंध की निरन्तर पेट्रोलिंग कराया जाना सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि तटबंध की निरन्तर पेट्रोलिंग कराया जाना सुनिश्चित करें
- मुख्यमंत्री जी ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बाढ़ से कृषि फसलों को हुई क्षति का सर्वे तत्काल करा लिया जाय तथा जिन कृषकों की फसलें बाढ़ के कारण नष्ट हुई हैं उनको शीघ्र कृषि निवेश अनुदान प्रदान किया जाय
- बाढ़ प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0 की 12 टीमें एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 17 टीमें इस प्रकार कुल 29 टीमें तैनात
- प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकी स्थापित
- बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है जिसमे 17 प्रकार की सामग्री वितरित की जा रही है
- प्रदेश में 487 पशु शिविर स्थापित तथा 7,18,555 पशुओं का किया गया टीकाकरण
- अब तक कुल 4652 कुंतल भूसा वितरित किया गया
- शारदा नदी, पलिया कला लखीमपुरखीरी,, तुर्तीपार बलिया, व सरयू (घाघरा) नदी- एल्गिनब्रिज सरयू नदी बाराबंकी और अयोध्या में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है
- आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी
- बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होने पर जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क करें -श्री अनिल राजभर
लखनऊ: 29 अगस्त, 2020
उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री श्री अनिल राजभर ने आज यहां लोकभवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि तटबंध की निरन्तर पेट्रोलिंग कराया जाना सुनिश्चित करें ताकि बांधों में कटान की स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा सके। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बाढ़ से कृषि फसलों को हुई क्षति का सर्वे तत्काल करा लिया जाय तथा जिन कृषकों की फसलें बाढ़ के कारण नष्ट हुई हैं उनको शीघ्र कृषि निवेश अनुदान प्रदान किया जाय।
श्री राजभर ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0 की 12 टीमें तथा एस0डी0आर0एफ0 व पी0ए0सी0 की 17 टीमें इस प्रकार कुल 29 टीमें तैनाती की गयी है। 591 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।
श्री अनिल राजभर ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भूना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्रा0 नमक, 250 ग्रा0 हल्दी, 250 ग्रा0 मिर्च, 250 ग्रा0 धनिया, 05 ली0 केरोसिन, 01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 ली0 रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 1,74,630 खाद्यान्न किट व 3,17,008 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 350 मेडिकल टीम लगायी गयी है।
श्री अनिल राजभर ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 16 जनपद (अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, सीतापुर तथा संत कबीर नगर) के 792 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) तथा तुर्तीपार (बलिया), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज बाराबंकी में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 487 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 7,18,555 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4,652 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।
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