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उत्‍तर रेलवे के महाप्रबंधक ने कार्य-निष्‍पादन समीक्षा बैठक का आयोजन किया


उत्‍तर रेलवे के महाप्रबंधक ने कार्य-निष्‍पादन समीक्षा बैठक का आयोजन किया


बैठक में संरक्षा, बुनियादी ढॉंचे के विकास, रेलपथों की मरम्‍मत, विद्युतीकरण, गतिसीमा में वृद्धि, समयपालनबद्धता और मालभाड़ा हिस्‍सेदारी पर ध्‍यान केन्द्रित किया गया


      उत्‍तर एवं उत्‍तर मध्‍य रेलवे के महाप्रबंधक, श्री राजीव चौधरी ने प्रधान कार्यालय, बडौदा हाउस, नई दिल्‍ली में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से उत्‍तर रेलवे के विभागाध्‍यक्षों के साथ एक कार्य-निष्‍पादन समीक्षा बैठक का आयोजन किया । उन्‍होंने लॉकडाउन अवधि के बाद उत्‍तर रेलवे के बुनियादी ढॉंचे और परिसम्‍पत्तियों  के अनुरक्षण और विस्‍तार में विभिन्‍न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों पर चर्चा की । जैसे-जैसे जीवन सामान्‍य हो रहा है, उत्‍तर रेलवे रेल पथों की मरम्‍मत, सेक्‍शनों की गतिसीमा में वृद्धि, विद्युतीकरण विस्‍तार और सिगनल प्रणाली को बेहतर बनाने के हरसंभव प्रयास कर रही है । नई रेल लाइनों को बिछाने जैसे ढॉंचागत कार्य फिर से गति पकड़ रहे हैं ।


      पहाड़ी क्षेत्रों में चल रही ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक और उत्‍तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग चारधाम परियोजना वापस पटरी पर लौट रही हैं । जम्‍मू एवं कश्मीर के रामबन जि़ले में 12.75 किलोमीटर लम्‍बी टी-40 सुरंग का कार्य फिर से शुरू हो गया है । जबकि चेनाब और अंजी पुल निर्माण स्‍थलों पर गतिविधियों फिर से शुरू हो गयी हैं । ऋषिकेश में नवनिर्मित वीरभद्र-ऋषिकेश सेक्‍शन शुरू हो गया है और विश्‍व-स्‍तरीय सुविधाओं वाला एक नया रेलवे स्‍टेशन योगनगरी बनकर तैयार हो गया है । इस मार्ग पर अनेक सुरंगों और पुलों का कार्य फिर से शुरू हो गया है ।


      अकेले दिल्‍ली क्षेत्र से प्रतिदिन देश के विभिन्‍न गंतव्‍यों के लिए औसतन 96 विशेष रेलगाडियां चल रही हैं । रेलगाडियों की समयपालनबद्धता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। उत्‍तर रेलवे की समयपालनबद्धता स्थिति वर्तमान में 97% है । यह मई-जून 2020 में 92% से उपर है । रेल सेक्‍शनों में रेलगाडियों की गतिसीमा बढ़ाने पर ध्‍यान दिया जा रहा है । इस के मद्देनज़र पुरानी रेल लाइनों की मरम्‍मत की जा रही है और विद्युतीकरण तथा उन्‍नत सिगनलिंग कार्य किए जा रहे हैं । क्षमता बढ़ाने के लिए अनेक प्रमुख रेल मार्गों पर फुललोड के साथ स्‍पीड ट्रायल किए जा रहे हैं । अनेक सेक्‍शनों में मौजूदा 60 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की गतिसीमा को 100 किलोमीटर प्रतिघंटा और उससे अधिक तक बढ़ाने पर बल दिया जा रहा है ।


      माल की आवाजाही के लिए रेलवे के उपयोग को प्रोत्‍साहन देने के लिए उत्‍तर रेलवे के सभी पॉंचों मंडलों में मालभाड़ा बिजनेस डेवलपमेंट यूनिटें खोली गयी है । ये यूनिटें मालभाड़ा ग्राहकों को बिजनेस  के लिए आसान और बाधारहित प्‍लेटफॉर्म उपलब्‍ध करायेंगी । ग्राहकों की मांग के अनुसार लोडिंग/अनलोडिंग प्‍वाइंट उपलब्‍ध  कराये जा रहे हैं । अब छोटे कंटेनरों को भी रेलवे द्वारा भेजा जा सकता है ।


      विभिन्‍न विभागों के कार्य-निष्‍पादन पर संतोष व्‍यक्‍त करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि इस समय का उपयोग हमें अपनी प्रणाली को सुधारने और नया रूप देने के लिए करना चाहिए ताकि हम रेल उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित, आरामदायक और समयबद्ध सेवाएं उपलब्‍ध करा सकें


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